Counter case and Murder with Tribal men. (Code: MP-HD-02-22, Date: 27-Sep-2022 )

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Case Title

Case primary details

Case posted by NDMJ
Case code MP-HD-02-22
Case year 27-Sep-2022
Type of atrocity Murder
Whether the case is being followed in the court or not? Yes

Fact Finding

Fact finding date

Fact finding date Not recorded

Case Incident

Case Incident details

Case incident date 27-Sep-2022
Place Village: Not recorded
Taluka:Not recorded
District: Harda(DP)
State: Madhya Pradesh
Police station Handiya
Complaint date 28-Sep-2022
FIR date 28-Sep-2022

Case brief

Case summary

मृतक सत्यनारायण पिता देवीसिंह कलम हरदा जिले के हंडिया ब्लाक के ग्राम रिजगांव का मूल निवासी था, वह वर्तमान में हरदा जिले में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। वह 27 सितंबर 2022 को अपने गांव अकेले आया हुआ था। सत्यनारायण के भतीजे का कुछ दिन पहले रिजगांव में ब्रजेश जाट की किराना दुकान पर झगड़ा हो गया था, इस घटना की जानकारी सत्यनारायण को हुई तो वह दोस्त और दूसरे भतीजे के साथ रिजगांव आया और दुकानदार ब्रजेश जाट से अपने भतीजे के साथ मारपीट किये जाने को लेकर विवाद किया। विवाद के बाद दुकानदार ब्रजेश जाट और उसके साथियों ने थाना हंडिया में सत्यनारायण के विरुद्ध मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई और शाम को 6-7 बजे सत्यनारायण के घर पर एक दर्जन से अधिक जाट लोगों ने हमला कर दिया। सत्यनारायण घर पर नहीं था उसकी मां, भाभी और महिलायें थी जिनके साथ आरोपियों ने मारपीट की, घर में तोड़-फोड़ कर जान से मारने की धमकी दी। परिजनों को लगा कि सत्यनारायण अपने घर हरदा चला गया होगा।

28 सितंबर 2022 को सुबह सत्यनारायण के पिता देवीसिंह गांव में सत्यनारायण के बारे में पूछताछ करने गये, क्योंकि वह रात में हरदा नहीं पहुंचा था, लेकिन उसके बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया। तब वे  हंडिया पुलिस थाना शिकायत  करने गये जहां उसे बताया कि सत्यनारायण की लाश गांव के बाहर पड़ी है, जाकर शिनाख्त कर लो। वे 10 बजे घटना स्थल पर पहुंचे तब तक वहां बहुत भीड़ लग चुकी थी. लेकिन पुलिस की तरफ से साक्ष्य सबूत जुटाने की पहल नहीं की गई। सत्यनारायण की के शरीर पर गले में गहरा घाव देखा और लेकिन उसके कपड़े, बनियान खून से सनी हुई नहीं थी और ना ही जहां सत्यनारायण का शव पड़ा था वहां की मिट्टी पर भी खून नहीं था।

घटना के बाद आदिवासी समाज जनों और अन्य संगठनों ने धरना आंदोलन किया जिसके बाद प्रशासन ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन अभी भी मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। गिरफ्तार आरोपियों ने जमानत के लिये अर्जी दी जिस पर शासकीय लोक अभियोजक एड. सुखराम बामने ने मजबूती से पक्ष रखते हुए जमानत पर आपत्ति की और जमानत याचिका खारिज करवाई। वहीं पुलिस की गिरफ्त से दूर मुख्य आरोपीगणों ने अग्रीम जमानत की याचिका भी लगाई जिस पर शास. लोक अभियोजक सुखराम बामने की आपत्ति पर याचिकायें रद्द हुई है। पुलिस ने अभी चालान पेश नहीं किया है।

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