Two dalit student ware put up garland of footwear by Dominant people and were rotate in public (Code: BR/00/19, Date: 05-Jul-2019 )

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Case Title

Case primary details

Case posted by NDMJ-Bihar
Case code BR/00/19
Case year 05-Jul-2019
Type of atrocity Garlands with footwear or parades naked or semi-naked
Whether the case is being followed in the court or not? No

Fact Finding

Fact finding date

Fact finding date Not recorded

Case Incident

Case Incident details

Case incident date 05-Jul-2019
Place Village: Not recorded
Taluka:Not recorded
District: Nawada(DP)
State: Bihar
Police station Warsaliganj
Complaint date 06-Jul-2019
FIR date 06-Jul-2019

Case brief

Case summary

      हिन्दू धर्म के ठेकेदारों ने दो दलित छात्रो का बेतरतीब तरीके से......

      सर का बाल मुड़कर,जूता का माला पहना कर सरेआम घुमाया तथा नाली का गन्दा पानी पिलाया 

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दिनाक 05.07.2019 को सूबे बिहार के नवादा जिले के वरिशालिगंज थाना क्षेत्र के मसनाखामा गाँव के दो दलित छात्र राजीव कुमार उम्र करीब 20 वर्ष एवं सागर कुमार उम्र करीब 19 वर्ष को उक्त गाव के भूषण यादव , सचिन यादव , बिंदा यादव व्  गुलशन यादव तथा वरिशालिगंज के प्रभात मिश्र एवं रामप्रवेश सिंह सहित 30 - 35 लोगो द्वारा जबरन उसके घर से खीच कर लाया गया तथा गाँव के चौराहे पर दोनों के सर का बाल व मुछे  बेतरतीब तरीके से  मुड़ दिया गअ या l उसके पश्चात दोनों को चप्पलो एवं जूतों का माला पहना कर सम्पूर्ण गाँव में घुमवाया l नाली का गन्दा पानी पिलाया l चमार , हरिजन कहकर भादी भादी गलिय दी तथा पुलिस को सूचना देकर दोनों को गिरफतार करवाकर जेल भी भेजवा दिया l  पुलिसे भी बिना वारंट व् प्राथमिकी के दोनों छात्रो को गिरफ्तार कर थाना ले गयी और आनन् फानन में प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया गया l दोनों छात्रो पर  हिन्दू धर्म के देवी देवताओ के फोटो पर पैर रख कर वीडियो वायरल करने तथा धार्मिक आस्था को ठेस  पहुचाने का आरोप लगाया गया l 

दलित छात्रो को आपमानित करेने की प्राथमिकी एक दिन बाद दर्ज की गई l उक्त मामले के 35 अभियुक्तों में मात्र एक को गिताफातर का जेल भेजा गया l पुलिसे मामले के प्रति उदासीन है l 

मसंखामा एक ऐसा गाँव है जहाँ आज भी दलितों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है l वहां के गैर अनुसूचित जाति के लोगों के उक्त प्रकार के व्यवाहर से अनुसूचित जाति के लोग हमेशा क्षुब्ध रहा करतें है l जिसके कारन हिन्दू धर्म के देवी देवताओ व् मंदिर आदि से उनका विश्वास  उठता जा रहा है l दलितों के साथ भेद भाव को ख़त्म करना एवं दलितों को मंदिर में प्रवेश करना आज भी वहां के जिम्मेवार अधिकारिओ के लिया चुनौती बना हुआ है l 

 

 

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