Untouchability Practice (Code: Raj /25-12-2020, Date: 19-Dec-2020 )

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Case Title

Case primary details

Case posted by Centre for Dalit Rights
Case code Raj /25-12-2020
Case year 19-Dec-2020
Type of atrocity Other Crimes Against SCs
Whether the case is being followed in the court or not? Yes

Fact Finding

Fact finding date

Fact finding date Not recorded

Case Incident

Case Incident details

Case incident date 19-Dec-2020
Place Village: Not recorded
Taluka:Not recorded
District: TONK(DP)
State: Rajasthan
Police station PEEPLU
Complaint date 23-Dec-2019
FIR date 23-Dec-2019

Case brief

Case summary

दिनांक 19.12.2019 को समय करीब 3ः30 ए.एम. पर दलित वृद्ध महिला फूला देवी पत्नी छोगाराम बैरवा निवासी गाता पुलिस थाना पीपलू, जिला टोंक कीे मौत हो गई थी। दलित महिला की मृत्यु के बाद सुबह 8ः30 ए.एम. के लगभग मृतका का दाह संस्कार करने के लिए लकडियों को डालने के लिए श्मशान घाट में गये तो उस समय श्मशान घाट के गेट पर ताला नही लगा हुआ था तो दलित समुदाय के लोगों ने दाह संस्कार करने वाली लकडियों को श्मशान घाट की चार दीवारी के अन्दर लकडी डाल कर घर आ गये । जब दाह संस्कार करने के लिए मृतका के शव को लेकर परिवारजन, रिश्तेदार व समाज के लोग श्मशान घाट पर ले कर गये तो श्मशान घाट के मेनगेट पर दबंग जाट जाति के लोगांे ने श्मशान घाट पर लगा दिया। श्मशान के मेनगेट पर ताला लगा देख दलित समुदाय के लोगो ने कुल्हाडी से ताला तोड कर शव को श्मशान में ले गये।
दलित समुदाय के लोग जब दलित वृद्ध महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए अन्तेष्टि तैयार करने के लिए लकडियों को देखा तो श्मशान घाट में लकडियां नही थी, चारों तरफ देखा तो लकडियां चारदीवारी से बाहर पडी हुई थी। जिसकी सूचना प्रशासन को दी जिस पर पुलिस थाना पीपलू से दो पुलिसकर्मी आये उनके साथ चार-पांच जाट जाति के श्योजी, दुर्गालाल, लक्ष्मण लील, गोपाल व सत्यनारायण भी आये और जब दलित समुदाय के लोगों ने उनसे पूछा कि लकडियां बाहर क्यों फंेकी तो जाट समुदाय के लोगो ने कहा कि चार दीवारी के अन्दर चमारो, डेढों को अन्तिम संस्कार नही करने दिया जायेगा और दलित वृद्ध महिला के शव को अपमानित करते हुये चारदीवारी से बाहर निकाल दिया और दाह-संस्कार करने से रोक दिया। जब दलित समुदाय ने इसका विरोध किया तो प्रभावशाली जाति के आरोपी मारपीट करने पर उतारू हो गये और भीड को उकसाया गया कि खून-खराबा कर दो व अंतिम संस्कार मत होने दो। 

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