SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ - Himachal Pradesh |
Case code | HP/UNA/BNGR/31 |
Case year | 04-Apr-2019 |
Type of atrocity | Denies customary right of passage to a place of public resort |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 04-Apr-2019 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: UNA(DP) State: Himachal Pradesh |
Police station | UNA SADAR |
Complaint date | 19-Jun-2019 |
FIR date | 31-Dec-1969 |
यह घटना जिला ऊना की पंचायत वनगढ़ की है यह पंचायत गांव जिला मुख्यालय से लगभग 15 कि०मी० की दूरी पर है इस पंचायत में जखेड़ा गांव आता है इस गांव में दलित समाज की काफी घनी आबादी है इस आबादी में से कुछ दलित परिबारो को सरकार ने इंदिरा अबास योजना के तहत सन 1974 में घर परती हर दलित परिबार को कुल 10 कनाल 10 मरले ज़मीन दी ज़मीन लेने बाले कुल 60 परिबार थे पहले तो दलित समाज में से किसी बी परिबार ने अपनी मिली हुई ज़मीन के बारे नही सोचा क्योंकि यह ज़मीन जंगल में आती है धीरे धीरे सभी ने अपनी ज़मीन को सवारना शुरू किया वह इस ज़मीन को फसल के काबिल बनाया सभी को मिली हुई ज़मीन के लिए कागजो में कुल 3 फुट का रास्ता मिला है इस रास्तो को लेने के लिए दलित परिबारो ने मिलकर 2012 में एक प्रार्थना पत्र पंचायत को दिया क्योंकि इस रस्ते को बनगढ़ के निबासी अबतार सिंह सपुत्र स्व: इन्दर सिंह व् इसके छोटे भाई सवर्ण सिंह ने जबरन रोक रखा हैकागजों में रास्ते का नंबर 1618,3807 खेवट न० 684 खतौनी न० 1037 हिमाचल सरकार गैर मुमकिन शरेआम है. परन्तु आज दिन तक यह रास्ता दलित परिवारों की ज़मीन हेतु ना मिला है. इस रास्ते बारे पंचायत को भी कई बार लिखित रूप में प्रार्थना पत्र दिए गए हैं व दिनाक 1/07/14 को इस रास्ते की निशान देहि बारे भी पत्र दिया जो की रीडर तह० 1 ऊना पटवारी के पास पैंडिंग रहा जिसके के लिए पुन: दिनाक 09/10/18 को माननीय उपायुक्त को पत्र दिया जिसके चलते दिनाक 4/4/19 को रास्ते की पैमाइश पटवारी द्वारा की गई और रास्ते के निशान लगाए गए. .
अब तक भी रास्ता पंचायत वनगढ़ द्वारा ना बनाया गया है. यहाँ से रास्ता बनाना शुरू होना है वह सारा रास्ता अवतार सिंह स्पुत्र स्व: इन्दर सिंह जाति राजपूत, निवासी वनगढ़ जिला ऊना ने व इसके भाई सवर्ण सिंह ने अपनी ज़मींन में दबा रखा है. इन दोनों भाइयों दवारा धमकियां दी जा रही है की पंचायत उनकी है व ज़मीन भी उनकी है. अवतार सिंह व उसके भाई सवर्ण सिंह का कहना है की यहाँ कोई रास्ता नहीं है इसलिए सभी अपनी अपनी ज़मींन हमको बेच दें. इस बात के लिए पंचायत भी चुपी साधे हुए है व् दोषियों के साथ है.
इस ज़मींन पर कुछ दलित परिवारों ने अपनी मेहनत की ज़मा पूंजी से रिहाइशी पक्के मकान बना लिए हैं. पर वहा तक जाने के लिए कोई भी रास्ता मौजूद ना है सिर्फ खेतों की पगडण्डियो पर से होकर ही जाना पड़ रहा है. इसी के चलते जिलाधिश महोदय से मिला गया व रास्ते हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया. पर आज दिन तक कोई भी कार्यवाही साशन प्रसाशन द्वारा अमल में ना लाइ गई है.