SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ - Himachal Pradesh |
Case code | HP - UNA - 16 |
Case year | 20-May-2016 |
Type of atrocity | |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 20-May-2016 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: UNA(DP) State: Himachal Pradesh |
Police station | HAROLI |
Complaint date | 25-May-2016 |
FIR date | 02-Jul-2016 |
यह घटना जिला ऊना में पड़ते गांव संतोषगढ़ की है. इस गांव में बार्ड नम्बर 4 में दलित परिवार में से दास राम सपुत्र स्व: रामलोक रहता है जो की चमार जाति से सम्बंधित है. वह जूते बनाने का काम करता है और संतोषगढ़ में नंगल डैम रोड पर नए बस अड्डे के पास अपनी छोटी सी दूकान कर रखी है जिसमे वह जूतों की रिपेयर, पोलिश व नये जूते बनाता है वह शादी शुदा है उसके चार बच्चें हैं दो बेटीयाँ और दो बेटे. दास राम ने अपनी मेहनत और लगन से अपनी सबसे बड़ी बेटी को पडा लिखा कर प्रोफ़ेसर बनाया है. जिसने शादी ना करने का फैसला लेकर अपने माँ बाप की सेवा करने का निश्चय किया है. बाकी तीनों बच्चों की शादी हो गई है जिसमे से छोटी बेटी उर्मिला देवी अपने ससुराल में रहा रही है. छोटा बेटा वरिंदर कुमार जो की संतोषगढ़ से 4 कि०मी० की दुरी पर स्थित टाहलीवाल इंडस्ट्री में एक जूतों की फैक्ट्री के आफिस में कार्यरत है व सबसे छोटा बेटा कमल कुमार अपने पिता दास राम के साथ दूकान पर जूते बनाने का काम करता है.
दास राम के पास घर में रहने के लिए जगह कम है जिस कारण दास राम ने गांव संतोषगढ़ के हरीश कुमार सपुत्र सोमनाथ जाति ब्रहामण को कहा की व संतोषगढ़ में कहीं भी उसके लिए ज़मीन देखे जिसको व खरीद सके व अपना मकान बना सके. हरीश कुमार की संतोषगढ़ मेन बाज़ार में अपनी कपडे की दूकान है व साथ में हरीश कुमार प्रोपर्टी बेचने, खरीदने का काम भी करता है. दास राम के कहने पर हरीश ने कहा की “वीरा जी मै आपके लिए ज़मीन जल्द ही तलाश कर दूंगा”. 20/05/13 को हरीश कुमार ने दास राम को बताया की उसने जटपुर(संतोषगढ़) में उसके लिए ज़मीन तलाश कर ली है जो की संतोषगढ़ से ही रहने वाले अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी सपुत्र अमरनाथ गौतम की है. हरीश कुमार ने बताया की व ज़मीन कुल सात मरले (167 मीटर) है. दास राम ने हरीश कुमार को साथ लेकर अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी सपुत्र अमरनाथ गौतम से ज़मीन बारे बात की वहां पर ज़मीन का भाव 1 लाख 5 हजार रूपये मरले के हिसाब से तय हुया. इस बारे दास राम ने अपने घर में आकर इस बारे बात की जिस पर उसकी बड़ी बेटी कुमारी पुष्पा ने अपने GPF से 4 लाख रूपये निकाल कर दिए. 24/05/13 को दास राम ने हरीश कुमार व अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी सपुत्र अमरनाथ गौतम को साथ लेकर जिला ऊना के तहसीलदार कोर्ट में जाकर सात मरले (167 मीटर) ज़मीन का बयाना अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी सपुत्र अमरनाथ गौतम से 4 लाख रूपये में अरजी मानिस द्वारा कर लिया और बाकी का बचा पैसा 3 लाख के करीब 2 महीने बाद रजिस्ट्री के समय देने का तय किया गया. लेकिन उस ज़मीन पर अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी ने हिमाचल के कांगड़ा बैंक से 2 लाख 75034 रूपये का कर्जा ले रखा था जिस कारण यह ज़मीन बैंक के पास आड़ रहन गिरवी रखी हुई थी इस बारे भी ब्याने में अर्जी मानिस द्वारा लिखा गया की 2 महीने के भीतर इस कर्जे को ख़त्म कर अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी सपुत्र अमरनाथ गौतम इस गिरवी ज़मीन को फक करवा लेगा. लेकिन अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी ने तीन साल तक बैंक का कर्जा वापिस ना दिया और ना ही उस गिरवी ज़मीन को फक करवाया. दास राम ने तीन साल तक हरीश कुमार के पास अनगिनत चक्कर काटे की वह अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी से उसकी ज़मीन की रजिस्ट्री करवा दे. आखिर 20/5/16 को दास को तहसीलदार कोर्ट में अपनी समस्या को लेकर जाना पडा व अपनी हाजरी लगानी पड़ी इस शाम 5 बजे तक अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी का कोर्ट में इंतज़ार करते रहे पर व फिर भी नहीं पहुंचा फिर दास राम ने इस बारे सारी घटना जिला के SP को सुनाई व लिखित में भी दिया SP ने व शिकायत जटपुर (संतोषगढ़) पुलिस चोकी को दी. जब जटपुर (संतोषगढ़) पुलिस चोकी में अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी को बुलाया गया तो दास राम के साथ आई हुई खानगी पंचायत के सामने अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी ने कहा की वह ज़मीन दास राम को नहीं देना चाहता है उसकी ज़मीन पैमाइश में 192 मीटर है लेकिन वहा मोजूद सभी ने कहा अगर ज़मीन ज्यादा है तो पैसे ले लो और राजीस्ट्री कर दो पर व साफ़ मुकर गया की मै ज़मीन नहीं दूंगा जो 4 लाख लिया है व वापिस कर देगा पर बयाना में लिखा गया है की अगर अशोक कुमार गौतम उर्फ़ सेठी ज़मीन देने से मना करता है तो उसे रकम दोगुना देनी होगी. पर दास राम के पास ज़मीन नहीं है तो उसे सिर्फ घर बनाने के लिए ज़मीन ही चाहिए.