
SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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VICTIM AASHA DEVI WENT TO NATURAL WORK AT 6 PM. OUT OF VILLAGE. THERE GHANSHYAM SINGH S/O NATTHU SINGH CATCHED HER WRIST AND MOLESTATING HER. SHE OPPOSED AND SAYS TO COMPLAIN TO SP. AFTER THAT AT HOME ACCUSED CAME AND BEATEN TO VICTIM.
Dated 27th July 2014, Murder happened in Navada district of Bihar.
On Dated 23-7-2014 at Appox. 10:30 pm victim mamta & her Husband rajender caste Chamar was kidnaped by accused Rohtas&Phool Kumar s/o Hoshyare, Seema W/o Rohtas & seeta W/o Phool Kumar Caste Jat from the Street. They took to them at there own house. They torture to victims very cruly. They Removed the cloth of mamta & bind with a window & Beaten very cruly. They also bind Rajender & Beaten very cruly. They Hammered the kil in body of Mamta. She was Unconsious Due to torture.When she came out from Unconsious she found She was Rapped also. Police came their & one police man made a MMS of mamta.Serpanch Amir Katyal & Bablu Sport to Accused in hole Incetent. police Did not file the FIR under section 376.
सोनिपत में 21 वर्ष की दलित लडकी के साथ जाट जाति के 65 वर्ष के व्यक्ति ने रैप किया। खेत में घास काटने गई लडकी के साथ लडकी को मारने की धमकी दे कर लडकी से गलत ब्यान करवा दिये। लडकी के परिवार में ना पिता हैं ना भाई हैं। और लडकी की 6 बहने हैं और माँ हैं घर में कोई आये का साधन नहीं हैं।
ऑल इण्डिया दलित महिला अधिकार मंच की टीम इस केस को लेकर डी.एस.पी. एवं एस.पी. से मिले जिसमें कि डी.एस.पी सोनिपत पीडित लडकी से बहुत बुरे तरिके से बात कर रही थी। लडकी को कहा चल बोल क्या होया और क्यू इतने लोगो को लेकर आई हैं क्या तना सबर नी आया जो मैंने कल बोल दिया। उस पर जो तू इन सगंठन के लोगो को लेकर आई अकेले क्यू नहीं आई। और जिस डॉ ने लडकी का मैडिकल टैस्ट किया था। वो बोल रही तू कह रही हैं तेरा टैस्ट नही हुआ तू पागल हैं या इन्सान जो तुझे ये ही नहीं पता बता ना तेर तेरे कपडे उतरवाये थे। तेरे शरीर में उगली डाल कर देखी थी। या नहीं तुझे यहा बताते हुये शर्म आ रही हैं अभी तो हजार बार बताना पडेगा तुझे। लडकी बता रही कि जाट जाति के लोग उनका पीछा कर रहे थे परन्तु उसकी कोई बात नहीं सुन रहा पीडित लडकी को एक अपराधि की तरह से व्यवाहर किया जा रहा था। और डी.एस.पी. कहती हैं कि हम दुबारा आप के ब्यान के लिये फोन कर के बोल देगे अगर हो गया तो सही हैं अगर नहीं हुआ। तो हमारे हाथ में कुछ नहीं हैं। इसके बाद डॉक्टर मुझे पूछती कि आप कौन हो। मैंने कहा मेरा नाम मनीषा हैं और AIDMAM में स्टेट कॉडिनेट्रर हूं तो मुझे कहा आप समझा कर क्यू नहीं लेकर आये इसे मैंने कहा मैडम पहले ही आप जानती हैं ना हमारी लडकियों को कितना घर से बहार जाने दिया जाता हैं अगर वो कुछ हिम्मत कर के यहां न्याय के लिये आई हैं। हम अधिकारियों को भी उसे पीडित समझ कर ही बात करनी चाहिये उसके साथ बुरा हुआ हैं ना कि जिस तरह से आप बात कर रहे हो वो कोई अपराधि नहीं हैं लडकि बोल रही हैं उसके पेट में लाते मारी हैं दर्द हैं डी.एस.पी. बोल रही हैं ये मुझे क्यू बता रही हो डॉक्टर को बताती मैं क्या कर सकती हूं