दलित की ज़मीन की खुदाई कर जबरन रेत मिट्टी उठाना at Kangar (Code: HP-UNA-180220, Date: 18-Feb-2020 )

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Case Title

Case primary details

Case posted by NDMJ - Himachal Pradesh
Case code HP-UNA-180220
Case year 18-Feb-2020
Type of atrocity Interference with the enjoyment of SC/ST rights including forest rights, over any land or premises or water or irrigation facilities
Whether the case is being followed in the court or not? No

Fact Finding

Fact finding date

Fact finding date Not recorded

Case Incident

Case Incident details

Case incident date 18-Feb-2020
Place Village: Not recorded
Taluka:Not recorded
District: UNA(DP)
State: Himachal Pradesh
Police station HAROLI
Complaint date 27-Feb-2020
FIR date 27-Feb-2020

Case brief

Case summary

           यह घटना जिला ऊना की तहसील हरोली के गांव कांगड़ की है. यह गांव ऊना मुख्यालय से 12  कि०मी० की दुरी पर है. राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. घटना सिथित इस गांव में पंझडा (डॉम) SC जाति के 10 घर,  चमार जाति के 60 घर, राजपूत जाति के 4 घर, सन्यार जाति के 50 घर, ब्राहमण जाति के 2 घर, बाती (OBC) 350, तरखान जाति के 70 है इस गांव में 2 प्राइमरी व एक +2 तक हाई स्कुल है इस गांव में डिस्पेंसरी भी है व् पानी की भी कोई समस्या नहीं है.

 

इसी गांव में दलित पंझडा (डॉम) SC जाति में से महा सिंह स्पुत्र शुंका राम रहता है जिसकी उम्र लगभग 64 साल की है. इसके तीन बच्चे है दो बेटीयाँ और एक बेटा. बड़ा बेटा व बेटी की शादी कर दी है और छोटी बेटी अभी पड़ रही है. महा सिंह थोड़ी बहुत मजदूरी व् खेती बाड़ी करता है. महा सिंह व उसके दो भाइयों को सन 1976 में सरकार की तरफ से कुल 10 कनाल भूमि मिली है जो की महा सिंह के घर से लगभग 4 कि०मी० की दुरी पर सँवा नदी के अन्दर आती है जिसमे बरसात के दिनों में पानी भर आता है और पानी के साथ साथ उस ज़मीन पर रेत (बालू) भी पड़ जाता है. महा सिंह अपने हिस्से की लगभग 3 कनाल की जमीन पर धान की फसल ही लगा पाता था और उस पर आलू की फसल भी उगाई जा सकती है.

                  दिनाक 18/02/2020 को महा सिंह को पता चला की गांव के लंबरदार गुरदियाल सिंह स्पुत्र साधू सिंह जाति राजपूत ने उसकी ज़मीन में से JCB मशीन के साथ रेत उठा कर बेच दिया है और ज़मीन में बड़े बड़े खठे खोद दिए है. गुरदियाल सिंह के पास लगभग 900 कनाल के करीब भूमि अपनी है और उसने रेत बेचने की अपनी ज़मीन की लीज भी बना रखी है. पर फिर भी उसने महा सिंह की ज़मीन से जबरन रेत उठा कर बेच डाला और महा सिंह को पूछा तक नहीं जब महा सिंह ने इसका विरोध किया तो गुरदियाल सिंह ने उसे जाति तौर पर प्रताड़ित किया और कहा की तू मेरे सामने कुछ भी नहीं है तेरी कोई ओकात कुछ भी नहीं है और कहा की थोड़े बहुत पैसे ले और अपनी जुबान बंद कर ले. इसके इलावा गुरदियाल सिंह ने जबरन सरकारी भूमि जो उसकी ज़मीन के साथ है का भी रेत बेच दिया और सरकारी भूमि पर आलू की फसल लगा दी है जिसकी पटवारी व तहसीलदार द्वारा रिपोर्ट तलब हुई है पर गुरदियाल सिंह का लंबरदार व जमींदार होने कारण उस पर विभाग की तरफ से कोई कार्यवाही ना हुई है. और महा सिंह को गुरदियाल सिंह व उसके कामगारों की तरफ से धमकियां मिल रही है. महा सिंह ने अपनी शिकायत पुलिस विभाग में करी है पर पुलिस ने मामूली से धारा में FIR दर्ज कर कोई कार्यवाही ना की है.

      

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