SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ - Himachal Pradesh |
Case code | HP-UNA-06 |
Case year | 04-Jul-2014 |
Type of atrocity | Begar or other forms of forced or bonded labour |
Whether the case is being followed in the court or not? | Yes |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 04-Jul-2014 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: UNA(DP) State: Himachal Pradesh |
Police station | UNA SADAR |
Complaint date | 04-Jul-2014 |
FIR date | 04-Jul-2014 |
यह घटना जिला ऊना तहसील ऊना के गांव बहडाला की है. इस गांव में दलित समाज में से गुरवचन सिंह सपुत्र ईशर दास उम्र 80 वर्ष रहता है. वह चमार जाति से सम्बंधित है. गुरवचन सिंह ने हुस्न चन्द सपुत्र लक्षण चन्द जाति राजपूत से सन 1968-69 में 2000/- में 1 कनाल 15 मरले ज़मीन खरीद करी. हुस्न चन्द का भाई हरनाम सिंह भी था. ये दोनों अब इस दुनिया में नहीं है पर हरनाम सिंह के परिवार में से उसके स्व: बेटे देवराज की पत्नी सीना रानी व हरनाम सिंह के बेटे सुभाष , रमेश , संतोख सिंह, व अर्जुन सिंह ने गुरवचन सिंह के खिलाफ कोर्ट में केस कर दिया कि गुरवचन सिंह गल्त गैर मरुसी दावा कर रहा है. इस ज़मीन मर मालिकाना हक़ हमारा है क्योंकि 1961 में हमारे दादा लक्षण चन्द ने यह ज़मीन हमारे पिता हरनाम सिंह को रहनं करी थी. हरनाम सिंह के परिवार ने कोर्ट से सटे आर्डर लिया की जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता तब तक इस ज़मींन को कोई भी प्रयोग में नहीं लाएगा पर जिला ऊना के कोर्ट में जज साहिब ने सटे आर्डर में यह लिख दिया की जो काशतकार है वह इस ज़मींन को जोत सकता है जज साहिब के यही ब्यान गुरवचन सिंह के स्टे आर्डर पर भी आ गए जिसके कारण हरनाम सिंह का परिवार कहने लगा की इस पर हमारा मालिकाना हक़ है और हम इसके काश्तकार हैं पर दूसरी और गुरवचन सिंह इस ज़मींन को 1968-69 से जोत रहा है उसका कहना है की वह इस ज़मीन का मालिक है और वह ही काश्तकार है.
4/07/14 को गुरवचन सिंह वह उसके परिवार वाले सुबह दस बजे हाथो से दराटीयो के साथ बीज बोने लगे क्योकि राजपूतो ने सभी ट्रेक्टर वालो को डरा धमका कर मना कर दिया था की कोई भी हमारी ज़मींन में ना आये. करीब 11 बजे सुबह गुरवचन सिंह व उसके परिवार वाले घर वापिस पहुचे तो तुरंत ही हरनाम सिंह के परिवार से सीना रानी पत्नी स्व: देवराज, चंचला देवी पत्नी सुभाष चन्द, रितु देवी सपुत्री अर्जुन सिंह, दीपक सपुत्र रमेश चन्द, सुमन देवी पत्नी रमेश चन्द, व संतोख सिंह का बेटा (नाम ना मालुम है) खेत में दो कुत्तों के साथ आये और गुरवचन सिंह व उसके परिवार वालो ने जितना भी बीज हाथ से खेत में बोया था सारा ही हरनाम सिंह के परिवार ने निकाल दिया. गुरवचन सिंह का घर खेत के पास होने के कारण उसने कुत्तों क्र भौंकने की आवाज़ सुनी तभी गुरवचन सिंह ने देखा की हरनाम सिंह के परिवार वाले उसके खेत से बीज निकाल रहे हैं तब वह अपने परिवार के साथ खेत में गया और हरनाम सिंह के परिवार वालो को ऐसा करने से मना किया जिस पर वह सभी गुरवचन सिंह के साथ हाथा पाई करने लगे दिल का मरीज़ होने के कारण गुरवचन सिंह वही खेत में बेहोश हो गया. और उसे उसी समय जिला ऊना के सरकारी अस्पताल में पहुचाया गया बाद में सीना रानी भी अपनी बेटी रजनी को लेकर अस्पताल पहुच गई की उसकी बेटी के साथ भी मारपीट हुई है जिस पर अस्पताल में ही दोनों तरफ से मामले दर्ज किये गए.