SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
Type ATM < your message > Send to 9773904050
Case posted by | NDMJ |
Case code | MP-KNW-01-23 |
Case year | 07-Mar-2023 |
Type of atrocity | Counter case against Dalit/Adivasi |
Whether the case is being followed in the court or not? | Yes |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 07-Mar-2023 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: KHANDWA(DP) State: Madhya Pradesh |
Police station | Narmada Nagar |
Complaint date | 07-Mar-2023 |
FIR date | 01-Jan-1970 |
खंडवा जिले की पुनासा तहसील अंतर्गत सरल्या गांव में एक आदिवासी महिला से इस वर्ष 7 मार्च को होली के समय गांव के ही अपराधिक प्रवृत्ति के अधेड़ हरि प्रजापति ने बुरी नियत से रंग लगाने के बहाने छेड़छाड़ की थी, जिसका महिला ने विरोध किया था और अपने पति और परिजनों के शाम को घर वापस आने पर घटना बताई थी। जिस पर परिजनों ने आरोपी हरि प्रजापति (ओबीसी) को समझाईश देने उद्देश्य से उसके घर जाकर बात की। और पुलिस चौकी में भी जाकर रिपोर्ट लिखे जाने का अनुरोध किया था लेकिन पुलिस चौकी पुनासा में फरियादियों की रिपोर्ट नहीं लिखी गई थी और सादा आवेदन ले लिया था।
इस घटना के बाद से ही आये दिन सुबह शाम आरोपी हरि प्रजापति और उसके बेटे (जिन पर थाना नर्मदा नगर में चोरी और मारपीट के कुछ केस दर्ज है) राह चलते आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ गाली गलोज और छेड़छाड़ कर खुले आम धमक देने लगे कि पुलिस हमारा कुछ नहीं कर सकती, कहीं भी शिकायत कर लो...। इस तरह से वे आदिवासी समुदाय के लोगों को उकसाने का काम करने लगे। प्लानिंग के तहत 12 मार्च को हरि प्रजापति शाम को रोड किनारे उसके घर से दारू पीकर गालियां दे रहा था, जिसका आदिवासी समाज के लोगों ने विरोध किया। उधर उसके बेटों ने पुलिस चौकी पुनासा, मूंदी और खंडवा में फोन कर उनके साथ आदिवासी समाज के लोगों द्वारा संगठित होकर मारपीट किये जाने झूठी शिकायत फोन पर कर दी। इधर आदिवासी समुदाय जब अपने घरों में थे तभी हरि प्रजापति ने स्वंय के मकान के एक कोने में आग लगा ली और शोर मचाने लगा। उधर 50 किलोमीटर दूर खंडवा से और 20 किलोमीटर दूर मूंदी टाउन से भारी पुलिस बल कुछ ही देर में पहुंच गया। पूरे गांव को चारो तरफ से घेर लिया और आदिवासी समुदाय के समस्त युवक पुरुषों को घरों से निकाल निकाल कर गिरफ्तार कर लिया। सरल्या गांव में धारा 144 लगा कर चारो तरफ से नाकाबंदी कर दी गई।
इतनी बड़ी घटना घटने की खबरें किसी को पता नहीं चली और ना ही प्रशासन ने कोई मीडिया को सूचना दी। गांव के लोगों में इतनी दहशत बैठा दी की कोई भी बोलने को तैयार नहीं था कि एक सप्ताह तक गांव में क्या हुआ।
जब माहौल शांत हुआ तब कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को पता चला कि आखिर सरल्या गांव में हुआ क्या था। अभी वर्तमान में गिरफ्तार किये गये 9 आदिवासी पुरुषों में से 8 की जमानत हो चुकी है, एक चुन्नीलाल जेल में है।