SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ |
Case code | UP-21/11/2022 |
Case year | 09-Nov-2022 |
Type of atrocity | SC/ST (POA) Act |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 09-Nov-2022 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: KANPUR DEHAT State: Uttar Pradesh |
Police station | Akabarpur |
Complaint date | 01-Jan-1970 |
FIR date | 01-Jan-1970 |
ग्राम नागिन जलालपुर कानपुर देहात का मामला अरुण कुमार पुत्र शिवनाथ संखवार निवासी जलालपुर अकबरपुर कानपुर देहात अरुण कुमार उम्र 32 वर्ष समय लगभग शाम को 8:00 बजे जैनपुर फैक्ट्री में अरविंद कुमार के भाई काम करते थे वह रोजाना वहां इसी समय खाना देने जाते हैं रास्ते में लौटते समय अपनी मोटरसाइकिल साइड में रोक के किनारे खड़े थे और अचानक आकर मोटरसाइकिल में एक व्यक्ति ने टक्कर मारी और झगड़ा करने लगे अरुण कुमार के साथ उनका छोटा भतीजा प्रशांत कुमार पुत्र दयाशंकर प्रशांत कुमार 12 वर्ष के हैं और पढ़ाई करते हैं दोनों लोगों को आरोपी ओम जी यादव और अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने अरुण कुमार और प्रशांत को गंभीर तरह से मारपीट की आरोपी ने नाक और आंख में बहुत जोर से मारा अरुण के नाक की हड्डी टूट गई और बहुत मात्रा में खून बहने लगा तेज हथियार से आंख में हमला किया आंख में भी गंभीर चोट आई वहां पर आसपास के लोग इकट्ठा हुए क्योंकि फैक्ट्री एरिया में आते जाते रहते हैं किसी अज्ञात व्यक्ति ने पुलिस को फोन किया पुलिस चौकी पास में थी 10:15 मिनट में पुलिस पहुंची और अरुण कुमार और प्रशांत कुमार को पास के अस्पताल में एडमिट कराया आरोपी पुलिस के आने से पहले ही भाग गया था पुलिस ने एंबुलेंस को कॉल किया और जिला अस्पताल ले गए कि की चोट गंभीर थी और खून बंद ना होने के कारण मुझे तुरंत कानपुर हैलट के लिए रेफर किया गया वहां पर भी सही इलाज ना होने पर संतुष्टि ना आराम नहीं मिली तो फिर वह एक प्राइवेट नबीपुर अस्पताल में एडमिट किया गया कई दिनों तक अस्पताल में एडमिट रहे पीड़ित परिवार ना की मजदूरी करता है और इलाज के लिए इतना पैसा लगाना संभव नहीं था लेकिन उधार लेकर इलाज कराया आरोपी क्योंकि ओबीसी समाज से हैं तो अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है एप्लीकेशन देने के बाद आरोपी पर दबाव बना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए बार-बार जैनपुर गांव पहुंचे लेकिन पीड़ित परिवार को रोजाना धमकियां मिलती काम पर आते जाते समय परिवार को किसी भी व्यक्ति को डराया धमकाया कि समझौता कर लो नहीं तो अबकी बार मारपीट ही की है जान से मार भी देंगे तो हमारा कुछ नहीं होगा रोजाना धमकाने के बाद पीड़ित परिवार डर गया कि हम पूरा परिवार रोज मजदूरी के लिए रात और दिन में जाते हैं पता नहीं कब हमला कर दे और हमें जान देनी पड़े इस डर से पुलिस स्टेशन नबीपुर में दोनों पक्षों में समझौता हुआ और इलाज में जो खर्च हुआ पैसा वह आरोपी ने पीड़ित परिवार को दिया और मामला शांत हो गया