Murder of Dalit Contractor (Code: HP/KULLU/BNTR/25, Date: 10-Aug-2016 )

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Case Title

Case primary details

Case posted by NDMJ - Himachal Pradesh
Case code HP/KULLU/BNTR/25
Case year 10-Aug-2016
Type of atrocity Murder
Whether the case is being followed in the court or not? No

Fact Finding

Fact finding date

Fact finding date Not recorded

Case Incident

Case Incident details

Case incident date 10-Aug-2016
Place Village: Not recorded
Taluka:Not recorded
District: KULLU(DP)
State: Himachal Pradesh
Police station BHUNTAR
Complaint date 11-Aug-2016
FIR date 12-Aug-2016

Case brief

Case summary

                             यह घटना जिला कुल्लू की तहसील भुंतर में पड़ते गांव ज़री की है. यह गांव भुंतर से 36 कि०मी० की दुरी पर स्थित है यह गांव ऊंची पहाड़ियों पर बस्सा हुआ है . इस गांव में तेल्ली (SC) समाज के 4 घर, चमार जाति के 4 घर, कोल्ली जाति के 100 घर, राजपूत जाति के 120 घर, ब्राहमण जाति के 45 घर, सूद जाति के 4 घर और कुम्हार जाति के 5 घर है. इस गांव में दलित परिवार से नीलम कुमारी पत्नी स्व: परम देव जाति तेल्ली (SC)  नीलम कुमारी गांव जाँ के सरकारी स्कुल में बतौर टीचर काम करती है. इसके दो बच्चे है. एक बेटा और बेटी. बड़ी प्रियंका जिसकी उम्र 22 वर्ष की है उसने BSe Math की हुई है. छोटा बेटा जिसकी उम्र 20 वर्ष की है वह जिला मंडी के चैलचौंक संस्थान में सिविल इंजीनिरिंग की पढ़ाई कर रहा है. नीलम कुमारी का पति जो की एक रीटाइरड फ़ौजी था और एक ठेकेदार के रूप में गांव सुमारोपा में नदी किनारे अपना खुद का रेत, बजरी का काम करता था.

                          8 से 10 2016 तक गांव कलैहल्ली में नीलम कुमारी के भाई रोशन लाल के बेटे की शादी थी और तीन दिन के लिए नीलम व उसके बेटा और बेटी शादी के लिए गए पर रेत बजरी के जरुरी काम की बजह से नीलम का पति इस शादी में नहीं गया. 10 अगस्त 2016 को नीलम अपने बच्चों को अपने माइके में छोड़ कर अपने घर ज़री आ गई क्योंकि अगले दिन उसे स्कुल जाना था. करीब रात 9 बजे नीलम को उसके पति परमदेव का फोन आया की व वह काम पर है मुंशी दुनी चन्द के साथ और वह थोड़ी देर में घर आ जाएगा. फिर दूसरी बार थोड़ी ही में दोबारा नीलम कुमारी को उसके पति का फोन आया की मैं मणिकर्ण में हूँ विजय शर्मा के साथ क्योंकि विजय शर्मा सुमारोपा में NHPC कम्पनी में काम करता था और परमदेव का मित्र था. परमदेव कभी कभार शराब पि लेता था नीलम को उस दिन लगा की उन्होंने शराब पी हुई है इसलिए उन्होंने अपने पति को दोबारा फोन मिलाया की वो जल्दी घर आ जाए पर दोबारा फोन मिलाने पर नीलम के पति का फोन बंद आ रहा था.  उसके बाद नीलम ने अपने पड़ोस से लडके को साथ में लिया और 10 बजे के करीब अपने पति की को मणिकर्ण शहर की और देखने चल पड़ी जब वह सुमारोपा से 2 कि०मी० आगे गई तो वीरान जंगल में उसके पति की आल्टो कार सड़क पर खड़ी हुई थी गाड़ी को लाक़ लगा हुआ था और गाड़ी की चाबी अंदर थी नीलम ने अपने पति को इधर उधर देखा पर वह कही नहीं मिला इसके बाद वह मणिकर्ण में विजय शर्मा के दोस्त के क्वाटर में वहां पर उन्होंने विजय शर्मा से पूछा तो उसने मना किया की मेरे पास नहीं आये हैं तुम्हारे पति. फिर नीलम अपने अपने बच्चों को साथ लेकर मणिकर्ण पुलिसथाना में 10:30 पर गई वहां पर नीलम ने अपने पति की गुमशुदगी की शिकायत करी इतने में विजय शर्मा वहां पर आया और नीलम पर भड़कने लगा की आप पुलिस थाना में क्यों आई है तुम्हारा पति यहाँ भी होगा घर आ जाएगा. नीलम वह उसका परिवार और माइका परिवार परमदेव को गाड़ी के आस पास के जगल में तलाश करते रहे. तब सुबह 5 बजे के करीब गांव सुमारोपा में यहाँ पर नीलम के पति रेट निकालते थे वहां पर उसकी लाश मिली लाश पर काफी गहरी चोटें थी उनके पीछे से सर पर गहरा घाव था. परमदेव के शारीर पर से कपडे भी नहीं थे सिर्फ पेंट ही पहनी हुई थी. जब पुलिस को इस बारे पता चला तो पुलिस शव का पोस्टमार्टम करने से मना कर रही थी और इस घटना को सुसाइड बता रही थी. फिर नीलम व उसके परिवार के कहने पर वहां फोरेंसिक लैब वाले आये उन्होंने शव के फोटो लिए और शव को पोस्टमार्टम के लिए कुल्लू भेजा. इसके बाद 12 अगस्त 2016 को परमदेव के पार्थिव शारीर का अंतिम संस्कार किया गया.

                       नीलम व उसके परिवार को पूरा विशवास है की परमदेव का क़त्ल हुआ है. क्योकि सुमारोपा गांव में नदी किनारे यहाँ से परमदेव रेत बजरी का काम करता था वहां पर जीवा नंद व उसका भाई चमन जाति राजपूत भी रेत का काम करते थे और इन दोनों के साथ परमदेव का ज़मीन का झगडा चल रहा था क्योंकि जीवा नंद से परमदेव ने कुछ विस्वा ज़मीन खरीदी हुई थी जिसका व कब्ज़ा नहीं दे रहे थे. और हर आये दिन परमदेव को गालियाँ निकालते रहते थे. जब नीलम ने अपने पति की मौत के सवा महीने के बाद जीवा नंद व उसका भाई चमन जाति राजपूत से उनकी ज़मीन छोड़ने बारे कहा तो उन्होंने नीलम व उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी और गालियाँ निकाली.   

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