The dispute over the corpse burning crematorium. (Code: HP/SMR/RJGR/24, Date: 26-Sep-2016 )

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Case Title

Case primary details

Case posted by NDMJ - Himachal Pradesh
Case code HP/SMR/RJGR/24
Case year 26-Sep-2016
Type of atrocity Abuses by caste name in any place within public view
Whether the case is being followed in the court or not? No

Fact Finding

Fact finding date

Fact finding date Not recorded

Case Incident

Case Incident details

Case incident date 26-Sep-2016
Place Village: Not recorded
Taluka:Not recorded
District: SOLAN(DP)
State: Himachal Pradesh
Police station SOLAN SADAR
Complaint date 26-Sep-2016
FIR date 26-Sep-2016

Case brief

Case summary

यह घटना जिला सोलन व तहसील सोलन के गांव मनलोग की है. यह गांव सोलन से 12 कि०मि० की दुरी पर बड़ी ही पहाडियों के बीच सिथत है. इस गांव में दलित बस्ती तक जाने के लिए 1 कि०मी० तक कोई पक्की सड़क नहीं है यहाँ तक जाने के लिए सोलन से दिन में 2 बस ही जाती हैं वो भी सुबह शाम को ही जाती है. इस गांव में पांचवी कक्षा तक स्कुल है. इस गाव में पानी के लिए लोग ज्यादातर कुदरती तरीको पर निर्भर है. इस गांव में कोल्ली(हरिजन) जाति के 25 घर, डॉम जाति के 1 घर, राजपूत जाति के 30 घर व् चमार जाति का 1 घर हैं.

 

                              इस गांव में दलित बस्ती में से अमर सिंह सपुत्र स्व: श्री सेवक राम रहता है. जो की 49 वर्ष का है और कोल्ली जाति से सम्बंधित है. दो महीने पहले राजपूत जाति में से सोबा ठाकुर की मुत्यु हुई उन्होंने दलित बस्ती से 150 मीटर दुरी पर ही नई जगह पर शमशान घाट बनाकर राजपूतों ने उसका अतिम संस्कार कर दिया जब दलित परिवारों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने कहा की हम तो यहाँ पर ही अपने मुर्दे जलायंगे जबकि पहले ही मनलोग जंगल में एक श्मशान घाट बना हुआ है. इससे पहले सभी चार कि०मी० दूर मनलोग नदी किनारे जाया करते थे पर नया शमशान बनने के बाद राजपूतों ने वहा पर आना मना कर दिया की यहाँ पर दलित अपने मुर्दे जलाते है वहा पर हम नहीं जलाएंगे. राजपूतों के नया शमशान घाट बनाने पर अमर सिंह व उसके साथियों ने राजपूतों के नये शमशान घाट बनाने के विरोध अपनी पंचायत तोप की बेड में शिकायत दर्ज करवाई पर पंचायत ने कोई भी कदम नहीं उठाया. यहाँ पर राजपूतों ने नया शमशान घाट बनाया है उस रास्ते से दलित बस्ती के बच्चे स्कुल जाते है व दियोठी गांव में जाने के लिए शार्टकट रास्ता भी इधर से ही है.  स्कुल जाते समय बच्चे भी डरते है व अमर सिंह की पशुशाला भी बिलकुल साथ में ही है. 26 सितम्बर 2016 को राजपूत जाति में से जीत राम की मौत हो गई जब राजपूत लकड़ी काटनें के की लिए जंगल में आये तो अमर सिंह ने मना किया की हमने पंचायत में अर्जी दे रखी है अगले महीने की 3 तारीख को उसकी सुनवाई है इसलिए आप जीत राम का संस्कार पुराने शमशान घाट पर ही करना. 26 सितम्बर 2016 को ही शाम 6:30 पर राजपूत जीत राम को संस्कार के लिए नये शमशान घाट पर ही ले आये जब अमर सिंह को पता चला तो व अपने साथ गुलाब देइ, उतम सिंह, सलोचना देवी, सोम दत्त को साथ लेकर कर मौके पर पहुंचा वहाँ पर राजपुत जाति में से संजय सपुत्र ओमप्रकाश व खेम सिंह सपुत्र हरी सिंह ठाकुर ने अमर सिंह व उसके साथियों को गालिया निकालनी शुरू कर दी और कहने लग हम ठाकुरों का तुम कोल्ली कुछ नहीं विगाड सकते. हम तो जीत राम को यहीं जालायंगे इन दोनों ने अमर सिंह को धक्का मारकर संस्कार की लकड़ियों पर गिरा दिया जिस कारण उसे काफी चोट लगा गई. अमर सिंह ने मौके पर अपनी पंचायत की प्रधान मधु ठाकुर को फोन किया पर उसने कोई भी उत्तर नहीं दिया. फिर अमर सिंह ने मौके पर पुलिस को बुला कर मामला दर्ज करवाया पर राजपूतों ने जीत राम का संस्कार वही पर किया.      

 

 

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