SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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२५फरवरी२०१६ को गनेश तलाई खडवा निवासी ४वर्षीय सोनाक्षी पिता कमल खांडे सुबह १०:३० बजे आंगन में खेलते हुए लापता हो गई, जिसे ढूंडने उसता बड़ी बहन शिवानी(१७) और उसकी चाची बाहर निकली| ११बजे वे लोग मुहल्ले के लड़के हर्ष(हनि)(१३वर्ष) थापा के घर गये जहां दरवाजे पर सोनाक्षी की चप्पल दिखी| हर्ष ने पूछने पर बताया कि उसने सोनाक्षी को नहीं देखा है, शिवानी और उसकी चाची ने घर में जाकर ढूंडा, बाथरूम बंद था लेकिन हर्ष ने बाथरूम का दरवाजा नहीं खोला| शिवानी ने अपनी मां पिता चाचा को फोन कर सोनाक्षी के गुमने की खबर दी| दोपहर में सभी लोग आ गये और उसे ढूंडने लगे, जिसमें हर्ष भी शामिल हो गया| परिजनों ने पुलिस को (१००) खबर की| पुलिस ने भी मुहल्ले ममें पूछताछ की, शाम को पुलिस ने कहा कि अब हर घर की तलाशी लेंगे तो हर्ष अपने घर चला गया, लोगों ने हर्ष के छत से कुछ गिरने की आवाज सुनी, देखा तो दो जव रों के बीच सोनाक्षी पड़ी हुई थी| किसी तरह उसे बाहर निकाला तो देखा वह बेहोश थी, सर पर गंभीर चोट थी, गले में धारदार हथियार से कटा हुआ था, सोनाक्षी के घावों पर खून सूख कर जम चुका था|
पुलिस ने सोनाक्षी को तुरंत हास्पीटल ले गये, जहां से उसे इंदौर(एम वाय) रिफर कर दिया, इधर पूछताछ में हर्ष ने बताया कि उसने सोनाक्षी के सर पर ईंट मारी और गले में चाकू मार कर बाथरूम में छुपा दिया था, दोपहर में जब और लोग ढूंडने आये तब उसे मरा समझ कर मुर्गी के दड़बे में छुपा दिया| शाम को पुलिस के घर की तलाशी लेने का बोलने पर पकड़े जाने के डर से छत पर से फेंक दिया| पुलिस ने हर्ष को गिरफ्तार कर नय्यालय में पेश तिया जहां से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया,इधर सोनाक्षी का एक माह तक इलाज चला, वर्तंमान में सोनाक्षी बोल नहीं पा रही है, और अपने पैरों पर खड़ी हो रही है. कभी जोर जोर से अचानक चिल्लाने लगती है. डाक्टरों का कहना है कि उसके सर में चोट लगने की वजह से ऐसी स्थिति है, ठीक हो पायेगी या नहीं कहा नहीं जा सकता| पुलिस ने इलाज के दौरान ५०००रुपये सोनाक्षी के परिजनों को दिये हैं|
यह घटना जिला ऊना में पड़ते गांव वनगढ़ की है. यह गांव ऊना से लगभग 18 कि०मी० की दुरी पर है. इस गांव में 1961 में बाबा गामे शाह जी ने अपना दरबार(मजार) बनाया. बाबा गामे शाह जी को कोकोवाल पंजाब से वनगढ़ के साथ लगते गांव जखेड़ा के राय साब लेकर आये थे व उनको दरबार बनाने के लिए ज़मीन भी दी थी. राय साब के इस दुनिया से चले जाने के बाद सरकार द्वारा बाबा गामे शाह जी पर दरबार के साथ लगाती भूमि पर नाजायज़ कब्जे का केस डाला गया जिस केस को लड़ने के लिए बाबा गामे शाह जी ने सतपाल सैनी निवासी गांव संतोषगढ़ को मुख्तेयारे आम बनाया. 1980 के करीब बाबा गामे शाह जी के इस दुनिया से चले जाने के बाद दरबार में बाबा प्रीतम शाह जी को गद्दी पर बिठाया गया और दरबार की सभी देख रेख का ज़िम्मा उन्हें ही दिया गया. बाबा प्रीतम शाह जी ने भी सतपाल सैनी निवासी गांव संतोषगढ़ को ही मुख्तेयारे आम रखा जो की अंदरूनी तौर पर दरबार को संभालने की फिराक में था. इसी दोरान बाबा प्रीतम शाह जी ने सन 1988 में गांव जखेड़ा से बाल अवस्था में से धर्म सिंह जाति वाल्मिक को अपना चेला बनाया व अपने पास दरबार में रखा. सतपाल सैनी को मुख्तेयारे आम होने कारण 2002 में सतपाल सैनी ने बाबा प्रीतम शाह जी से धोखे से एक इस्टाम पेपर पर साइन ले लिए थे. 2002 में ही बाबा प्रीतम शाह जी सरकार से केस हार गए व सरकार को झगड़े वाली ज़मीन का आधा हिस्सा देना पड़ा. इसके बाद सन 2010 में बाबा प्रीतम शाह जी ने अपने चेले धर्म सिंह को चोला पहनाया और 2012 में इस दुनिया से चले जाने से पहले धर्म सिंह को धर्म शाह का दर्जा दिया और गद्दी पर बिठा दिया. 2012 में बाबा प्रीतम शाह जी के चले जाने के बाद सतपाल सैनी ने बाबा धर्म शाह पर केस कर दिया की 2010 में बाबा प्रीतम शाह जी उसे दरबार सोंप गए है इसके लिए सतपाल सैनी ने बाबा प्रीतम शाह जी से धोखे से लिया 2002 का इसटाम पेपर 2010 में बनवाया. 2014 में जिला ऊना की आदालत में बाबा धर्मे शाह जी को केस का फैसला मिला और दरबार व व दरबार से सम्बंधित सब कुछ बाबा प्रीतम शाह जी के नाम रहा और सतपाल सैनी को दरबार के सम्बन्ध में से बाहर निकाला गया.
इस दरबार में पंजाब, हिमाचल, उतराखंड व अन्य कई राज्यों से भारी सख्यां में लोग श्रदा पूर्वक माथा टेकने के लिए आते है व हर साल 15 व 16 मई को इस दरबार में बहुत बड़ा भंडारा करवाया जाता है कवाल व कलाकारों द्वारा मंच भी लगाया जाता है. लेकिन इसी वनगढ़ गांव के राजपूत परिवारों को यह बात गवारा ना हुई की एक वाल्मीकि समुदाय के व्यक्ति को बाबा क्यों बनाया गया है. बाबा धर्म सिंह के वाल्मिक होने के वनगढ़ के राजपूतो ने सभी दलितों को गालिया निकालना शुरू कर दिया व दरबार में आने से रोकना भी शुरू किया. दिनाक 26 मार्च 2016 को राजपूतो ने अपनी पंचायत बुलाई जिसमे गांव की मौजूदा प्रधान परमला देवी का पति अरुण कुमार उर्फ़ टोनी सपुत्र तरसेम लाल, राज कुमार उर्फ़ राजी सपुत्र स्व: मेला राम, राज कुमार सपुत्र अमर सिंह, दीपू सपुत्र अशोक कुमार ओर्फ़ कोको, जैमल सपुत्र नेतर सिंह, रंजोध उर्फ़ जोली सपुत्र बिहारी लाल, सोहन लाल सपुत्र बिहारी लाल. सभी जाति राजपूत व रहने वाले वनगढ़ ने बाबा धर्म शाह के साथ जाति सूचक गाली गलौच किया व उन्हें दरबार से बाहर निकाल दिया तथा उनके कमरों में तौड फोड़ करके कीमती सामान निकाल लिया जिसमे कुल दरबार की 3 लाख के करीब नकदी भी थी.
victim name - manish kumar, s/o - ghurahoo prasad, caste- SC, address - vill.-bhitari, post- lohata, dist- varanasi
Accused name - gopal vishvakarma, address- bhitari, post-lohata, dist- varanasi.
incident place -bhitari, date- 02/3/2016, time- 22:00 o\\\'clock
मनीष कुमार गाम -भिटारी के रहने वाले है। इनके घर दिनांक 2-03-2016 कॉ शादी थी जिसके कारण डी0जे0 बज रहा था परन्तु 10 बजने के कारण मनीष ने डी0जे0 कॉ बंद करा दिया। इस पर बगल के पड़ॉसी गॉपाल विश्वकर्मा ने आकर डी0 जे0 पुनः चालू करने कॉ कहा परन्तु मना करने पर चमार -सियार की गाली व जान से मारने की धमकी देते हुये मनीष कॉ गिराकर मारते हुये लहुलुहान कर दिया । इसी बीच उपसि्थत लॉगॉं ने बीच-बचाव कर मामला शान्त किया। पीडि़त मनीष कुमार ने सुबह थाने जाकर मेडिकल रिपॉर्ट बनवाया और एफ0आइ0आर0 दर्ज कर एसी0एसटी एक्ट लगा । एफ0 आइ0 आर0 दर्ज करने के पश्चात सी0ओ0 आकर घटना स्थल का निरक्षण किये और आरॉपी व पीडित दॉनॉं कॉ कैंट बुलाकर एक कागज पर हस्ताक्षर करा छॉंड दिया। परन्तु अब तक चार्ज शीट फाइल दाखिल नहीं किया गया हैं। आरॉपी अभी भी पीडित कॉ परेशान किये जा रहा है। अभी तक कोई प्रक्रिया नहीं हुयी है। इधर आरोपी गोपाल विश्वकर्मा पीडित मनीष कुमार को परेशान किये जा रहे है। इस कारण पीडित ने पुनः जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक को तहसील दिवस पर दिनांक 7-6-2016 को शिकायत पत्र दियें और उसकी रिसिविंग प्राप्त किये।