SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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जगिया राम पिता नैन सिंह और उनकी पत्नी संतोष देवी गांव चांदनी (डाकघर भ्रगो बनेडी, तहसील कमरऊ, जिला सिरमौर, हिमाचल प्रदेश) में अपने दोबेटों के साथ निवास करते हैं. परिवार अनुसूचित जाति (कोली) से सम्बन्ध रखता है. अक्टूबर 2016 में जगियाराम ने अपने भाई के नाम पर एक सामान्य जाति के व्यक्ति मोहन सिंह से गांव से सतोण सड़क मार्ग पर 1 बीघा 9 बिस्वा भूमि खरीदी थी. जगिया राम के भाई की सहमति से बैंक लोन लिया और जमीन की निशान देही करवाई तभी पत्थर पर सफेदी करके उन्होंने अपनी भूमि की सीमा बाँधी थी. जगिया राम ने उस भूमि पर JCB के माध्यम से भूमि समतल करवाने का काम शुरू किया. उनका कहना है कि तभी से सामान्य जाति से सम्बन्ध रखने वाले एक परिवार के अनिल कुमार, कुलदीप, सोनसिंह, सुरिंदर, प्रकाश ने हमारी खरीदी गयी भूमि पर जबरन अपना कब्ज़ा जताना शुरू कर दिया. “जब से हमने ये भूमि खरीदी है तब से इस परिवार ने हमारे साथ लड़ाई करना शुरू किया और यह दावा किया कि सड़क से लगती भूमि उनकी मल्कियत की ज़मीनहै” जगियारामनेबताया.
सोमवार 16 सितम्बर 2020 समय दोपहर 11 बजे करीब अनिल कुमार, कुलदीप, सोन सिंह, सुरिंदर, प्रकाश और उनके परिवार की कुछ महिलाओं ने जगिया राम की भूमि पर कांटेदार तार-बाड़ व लोहे के खम्बे लगाने का काम लगा दिया .जागिय राम की पत्नी संतोष ने बताया कि “जैसे ही हमें कुछ आवाजें आने लगीं तो मैं और मेरे पति मौके पर पहुंचे और यह देखा तथा उनको तार लगाने से रोका. उन्होंने उसी वक्त हिंसक तरीके से प्रातक्रिया दी और गाली गलौच कर हम पर हमला कर दिया. अनिल ने अपने साथ ली तलवार से मेरे पति पर वार करने की कोशिश की और बचाव में उन्होंने हाथ आगे किया तो वार उनकी ऊँगली पर हुआ जो कट गयी. परिवार की महिलाएं इस मार पीट में शामिल नहीं थी पर पुरुष थे और वो उनके साथ भी घुसा-लात करने लगे, उनके कपडे फाड़ दिए, उनको निजी अंगों पर कहुआ और बाल पकड़ कर घसीटने लगे”.सोमवार 16 सितम्बर 2020 समय दोपहर 11 बजे करीब अनिल कुमार, कुलदीप, सोन सिंह, सुरिंदर, प्रकाश और उनके परिवार की कुछ महिलाओं ने जगिया राम की भूमि पर कांटेदार तार-बाड़ व लोहे के खम्बे लगाने का काम लगा दिया .जागिय राम की पत्नी संतोष ने बताया कि “जैसे ही हमें कुछ आवाजें आने लगीं तो मैं और मेरे पति मौके पर पहुंचे और यह देखा तथा उनको तार लगाने से रोका. उन्होंने उसी वक्त हिंसक तरीके से प्रातक्रिया दी और गाली गलौच कर हम पर हमला कर दिया. अनिल ने अपने साथ ली तलवार से मेरे पति पर वार करने की कोशिश की और बचाव में उन्होंने हाथ आगे किया तो वार उनकी ऊँगली पर हुआ जो कट गयी. परिवार की महिलाएं इस मार पीट में शामिल नहीं थी पर पुरुष थे और वो उनके साथ भी घुसा-लात करने लगे, उनके कपडे फाड़ दिए, उनको निजी अंगों पर कहुआ और बाल पकड़ कर घसीटने लगे”.
मृतक प्रदीप कुमार का चाचा बंसीलाल का का लड़का मुकेश उम्र 14 वर्ष के साथ आरोपी कपिल चौहान,पवन, मानव, नरेश उर्फ गुरी, नरेंद्र, भानु, हिमांशु गोदारा ने कुछ सामान्य बातचीत को लेकर फहुती बस स्टैंड पर गंभीर मारपीट की, जिसकी वजह से उसके शरीर पर चोटें आई और वह घायल हो गया।जैसे तैसे मुकेश उनके चंगुल से छुड़ाकर भाग कर अपने घर आ गया और मारपीट की घटना के बारे में जानकारी अपने ताऊ के लड़के प्रदीप कुमार को दी। प्रदीप कुमार ने अपने फोन से आरोपी कपिल के मोबाइल पर फोन किया और कहा कि मुकेश के साथ मारपीट क्यों कि है ? इसके जवाब में कपिल ने कहा कि अभी तो मुकेश को तो पीटा है लेकिन तुझ में कुछ ज्यादा गर्मी है तो नहर पर रात 9:00 बजे आ जाना, तेरे को भी देख लेंगे। इस प्रकार से कहासुनी हुई और बात खत्म हो गई लेकिन आरोपी कपिल के द्वारा कहने व गर्मी निकालने व रात को 9:00 बजे लक्ष्मीनारायण नहर के पास, बुलाया गया। प्रदीप कुमार को वहां जाने पर आरोपियों ने देशी कट्टे से गोली मारकर हत्या कर दी।
यह घटना जिला ऊना की तहसील हरोली के गांव अप्पर बड़ेडा की है. यह गांव ऊना मुख्यालय से 12 कि०मी० की दुरी पर है. राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. घटना सिथित इस गांव में चमार जाति के 5 घर, राजपूत जाति के 20 घर, सैणी जाति के 5 घर, ब्राहमण जाति के 1 घर, बाती (OBC) 8, जाट जाति के 30 घर है इस गांव में 2 प्राइमरी व एक +2 तक हाई स्कुल है इस गांव में डिस्पेंसरी भी है व् पानी की भी कोई समस्या नहीं है.
इसी गांव में दलित चमार जाति में से मनोज कुमार स्पुत्र स्व: शिव कुमार रहता हैं. जिसकी उम्र लगभग 35 साल की है. मनोज कुमार शादीशुदा हैं. इसके दो बच्चे है एक बेटी और एक बेटा है. मनोज कुमार 12वीं कक्षा तक पढ़े हुए हैं. मनोज कुमार JCB ओपरेटर का काम करते हैं. मनोज कुमार के घर के पास जसवीर का घर है जो की जाट जाति से सम्बन्ध रखता हैं. वह मनोज कुमार को जातिसूचक गालियां निकालता रहता हैं. मनोज कुमार के घर से 100 मी० की दुरी पर बाबा बालक नाथ जी का मन्दिर हैं. जहा पर मनोज कुमार हर रोज पूजा करने के लिए जाता हैं. दिनांक: 22.06.2021 को मनोज कुमार हर दिन की तरह शाम 8 : 15 के करीब बाबा बालक नाथ जी के मन्दिर में पूजा करने के लिए गया. जब मनोज कुमार मन्दिर से पूजा करके वापिस लौट कर आ रहा था तो रास्ते में ही जसवीर का भाई अमरजीत उर्फ़ अमर मनोज कुमार को मिल गया. मनोज कुमार और अमरजीत आपस में खड़े होकर बात करने लग गये. थोड़ी देर बाद अमरजीत के घर से उसका बड़ा भाई जसवीर निकला और मनोज कुमार व् अमरजीत इन दोनों को बात करते हुए देखकर जसवीर अमरजीत को गालियाँ निकालने लगा. जसवीर अपने छोटे भाई अमरजीत से गालियाँ निकालते हुए कहने लगा की तू इस मनोज चमार के साथ क्यों बातें करता हैं. और थोड़ी देर बाद जसवीर मनोज कुमार को भी जातिसूचक और गंदी – गंदी गालियाँ निकालने लगा. लेकिन मनोज कुमार जसवीर की गालियों व् लड़ाई ना बढ़े इस बात को नज़रन्दाज करते हुए अपने घर की तरफ आने लगा तो जसवीर ने मनोज कुमार को गाली दी की अगर तूने अपनी माँ का दूध पिया हैं और चमार का बेटा हैं तो एक बार इधर आ. लेकिन मनोज कुमार ने जसवीर की बातों को फिर नज़रंदाज़ कर दिया लेकिन जसवीर फिर भी नही माना और जसवीर ने मनोज कुमार की माँ को गाली निकालते हुए मनोज कुमार को कहा की तू कुत्ती चमारी की औलाद हैं. मनोज कुमार जसवीर के पास गया और जसवीर से शांति से कहा की जसवीर तुम मुझे जातिसूचक गालियाँ और मेरी माँ को गंदी – गंदी गालियाँ क्यों दे रहे हो तो जसवीर ने गुस्से में आकर मनोज से कहा की साले चमार में तेरा रास्ता बंद कर दूंगा तेरे आने – जाने के रास्ते पर में मिट्टी की ट्राली गिरवा दूंगा. जसवीर बाद में मनोज कुमार को गालियाँ निकालते – निकालते धक्का – मुक्की करने लगा और डंडे से मनोज कुमार की पिटाई करने लगा. मनोज कुमार ने बहुत बार जसवीर से कहा की जसवीर शान्ति से बात कर ले तुम झगड़ा क्यों कर रहे हो लेकिन जसवीर ने मनोज कुमार की एक बात भी नही सुनी और जसवीर मनोज कुमार की डंडे से पिटाई करते करते मनोज कुमार के सिर पर डंडे से वार करने लगा तो मनोज कुमार ने अपने बीच – बचाव के लिए जसवीर के हाथ से डंडे को छिनना चाहा तो डंडा जसवीर के हाथ से छुटकर जसवीर के खुद के सिर पर चोट लग गयी. जिस चोट से जसवीर के सिर से थोडा सा खून निकल आया. तभी लड़ाई झगड़े की आवाज़ सुनकर मनोज कुमार के घर वाले मनोज का माता, मनोज के चाचा जी और मनोज के चचेरे भाई आ गये. जसवीर के घर वाले भी आ गये और मनोज कुमार और जसवीर को अपने अपने घर ले गये. लेकिन अगली सुबह दिनांक: 23.06.2021 को जसवीर मनोज कुमार के खिलाफ पुलिस चोकी पंडोगा में FIR दर्ज करवाने चला गया. मनोज कुमार को उसी दिन पुलिस चोकी में बुलाया गया. जब मनोज कुमार पुलिस चौकी में गया और उसने वहां जाकर पुलिस को सारी सच्चाई बताई की ये हादसा जसवीर के साथ सिर्फ बीच – बचाव में हुआ था और जसवीर उल्टा मनोज कुमार की ही पिटाई कर रहा था मनोज कुमार ने जसवीर को लड़ाई ना करके के लिए उसके हाथ से डंडा छिना था लेकिन डंडा जसवीर के ही हाथ से छुटकर जसवीर के सिर पर लग गया था. लेकिन पुलिस वालों ने भी मनोज कुमार की कोई बात नही सुनी और उल्टा मनोज कुमार की पुलिस चौकी में बहुत पिटाई की. मनोज कुमार ने पुलिस चौकी में अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए कहा लेकिन पुलिस ने मनोज की कोई रिपोर्ट दर्ज नही की पुलिस ऑफिसर जितेन्द्र शर्मा ने मनोज कुमार के लेफ्ट कान पर इतने थप्पड़ मारे जिस कारण मनोज कुमार के लेफ्ट कान का पर्दा फट गया. लेकिन मनोज कुमार की पुलिस स्टेशन में कोई सुनवाई नही हुयी.
वर्ष 1965 में मृतक डूंगरा राम मेघवाल के पिताजी सकताराम मेघवाल दलित व भूमिहीन होने के कारण से ग्राम बटकोरिया के गांव की सीमा में स्थिति भूमि खसरा नंबर 85/1 में से 22 बीघा भूमि आवंटित हुई थी लेकिन पीड़ित कास्तकर के पिताजी अशिक्षित होने के कारण उनको यह भी पता नहीं था की कितनी भूमि आवंटित हुई है। मृतक के पिता ने 1965 से लगातार कब्जा कास्ट करते आ रहे थे। उक्त भूमि के पास में ही खसरा नंबर 85 शिवाय चक (ओरण) की भूमि है । उक्त भूमि पर आरोपी भगसिंह बाबूसिंह, महेंद्र सिंह सभी जाति राजपूत, अर्जुन राम, बाबूराम देवासी सभी निवासी गांव भटकरिया ग्राम पंचायत जॉइनत्रा ने बाहुबल व ऊचि राजनीतिक पहुंच के कारण से खसरा नंबर 85 पर कब्जा कर रखा है तथा उसके पास में ही पीड़ितों की आवंटित भूमि है उस उस पर भी अतिक्रमण कर रखा है। वर्ष 2015-16 में पीड़ितों ने उक्त भूमि का सीमा ज्ञान करवाने के लिए दस्तावेज लेकर तहसीलदार व उपखंड अधिकारी से मिले तो उन्होंने दस्तावेज देख कर 22 बीघा आवंटित होने के बारे में जानकारी दी जब भूमि का सीमा ज्ञान करवाया गया तो पता चला कि पीड़ितों के पास में मौके पर पूरी 22 बीघा भूमि नहीं है। पीड़ितों के आवंटित भूमि पर आरोपियों ने कब्जा कर रखा है उस समय पटवारी ने आरोपियों से अतिक्रमण हटाकर कब्जा दिलवा दिया था। तभी से पीड़ित परिवार से रंजिश रख रहे थे तथा सबक सिखाने के लिए अवसर की तलाश में थे । इसलिए अवसर देखकर जब मृतक डूंगरा राम कृष्णा राम बंसी लाल मेघवाल तीनो भाई खेत पर काम कर रहे थे उसी समय आरोपियों ने सुनियोजित षड्यंत्र कर पीड़ितों पर प्राणघातक हमला कर दिया जिससे कि डुंगरा राम की खेत पर ही मौत हो गई।