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Dalit Person Murder

                    यह घटना जिला ऊना की है. जिला ऊना की तहसील बंगाणा के गांव  खुरवाई की है. 31 जुलाई को रात 8 बजे के करीब खुरवाई निवासी प्रशोतम लाल स्पुत्र स्व: वर्फी राम को खुरवाई के बाज़ार में घुघन निवासी तीन लडको ने पीट पीट कर मार डाला. बताया जा रहा है की प्रशोतम लाल का 18 वर्ष का भतीजा मंद्वुधि है उसने 30 जुलाई को खुरवाई में पंचायत घर के साथ ही बाल कृष्ण शर्मा के सब्जी के खोखे से एक फल उठा कर खा लिया जिस कारण सब्जी के खोखे के मालिक बाल कृष्ण ने उसे थपड मार दिए इस बात का पता प्रशोतम को चला उसने इस बारे सब्जी के खोखे के मालिक बाल कृष्ण से बात की व अपना रोष प्रकट किया  और कहा की अपने मंद वुधि बालक को क्यों मारा इस के चलते 31 जुलाई शाम 8 बजे के करीब बाल कृष्ण के बेटे व उसके साथियों ने प्रशोतम लाल को खुरावाई बाज़ार में सरेआम बुरी तरह से पीट पीट कर लहुलुहान कर दिया जिस पर प्रशोतम लाल ने खुद 108 अम्बुलेंस मगवाई व ऊना अस्पताल में पुलिस को ब्यान देने के बाद करीब 1 बजे रात को दम तौड दिया बाद में टांडा अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद 2 जुलाई को प्रशोतम लाल का अतिम संस्कार किया गया. इस घटना को अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम एक्ट के तहत नही दर्ज किया गिया है.  

  • Posted by: NDMJ - Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 03-08-2019
  • Date of Case Upload: 12-08-2019

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दबंग पड़ोसी द्वारा जाति सूचक गाली गलोच और जानलेवा हमला at bir

    सामान्य जाति से सम्बन्ध रखने वाले कृपाल सिंह ने मदन कुमार जो की अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखता है, की गाड़ी पर चलते चलते लोहे की रॉड से जानलेवा हमला कर दिया जिससे मदन कुमार की जान तो बाख गई मगर गाड़ी का शीशा तोड़  और दरवाजे तोड़ दिए. कृपाल सिंह ने चार - पांच माह  पहले भी मदन कुमार की माँ कमला देवी को घर पर आकर धमकाया और जातिसूचक गालियों  का संबोधन करते उन्हें डराया.  इस घटना का करण यह पता चला है कि मदन कुमार के घर के साथ लगता ही गांव वालों का रास्ता है कृपाल सिंह वहां से रोड निकालना चाहता है. जिससे मदन कुमार के कच्चे घर को खतरा है. कृपाल सिंग बार बार इस परिवार को धमका रहा है. पुलिस को बार बार फोन करने के बाद प्रथम सुचना रिपोर्ट दर्ज करवाई है. मगर अभी तक इस केस को atrocity act में दर्ज नहीं किया गया है.  

  • Posted by: Centre for Mountain Dalit Rights Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 27-06-2019
  • Date of Case Upload: 11-08-2019

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Facebook पर अभद्र टिप्पणी

                    यह घटना जिला मंडी की पंचायत पंडोह के गांव धरोली की है. इस धरोली गांव में चमार जाति में से बालक राम रहता है. बालक राम पिछले 25 वर्षो से अपनी समाज सेवा में वंचित समाज और निर्धन लोगो के मसाले उठाता रहता है. क्योंकि बालक राम जी एक स्वतंत्र पत्रकार है और आपका फैसला व अमर उजाला अखबार में खबरे लिखता रहता है. बालक राम जनता के लिए हर प्रकार की आवाज़ को उठाता रहता है. बालक राम कई संघठनो से जुडा हुआ है.


               बालक राम ने दिनाक 10 नबम्बर 2018 को शोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट डाली उस पोस्ट में मरी हुई गाये को उठाने का मामला था. बालक राम ने अपनी इस पोस्ट में स्थानीय पंचायत व जनप्रतिनिधियों की जिमेवारी को उजागर किया था. साथ लगते गांव जरल से सतपाल ठाकुर स्पुत्र भूरी सिंह ने कोमेंट किया की Sun lo Prdhaan V Up Pardhaan g Vrna ap ko be resvat deni pdegi news naa lagaane ki”


     


             जब बालक राम ने 11 नबम्बर को इस पोस्ट को पडा तो वह हैरान हो गया की आखिर कौन पत्रकार रिश्वत लेता है. और बालक राम ने भी कोमेंट में लिखा की उस पत्रकार का नाम बतायो वरना माफ़ी मांगों. सभी पत्रकार सतपाल ठाकुर को पूछने लगे की को रिश्वत लेता है. फिर सतपाल ठाकुर ने एक विशाल पत्रकार को कोमेंट किया की         balak raam ji kaa kam logo ko drana dmka k mal lena ka he vishal g”  इस पर सतपाल ठाकुर ने सावित कर दिया की रिश्वत लेने वाला पत्रकार बालक राम ही है. फिर सभी पत्रकारों से पीछा छुड़ाने के लिए सतपाल ठाकुर ने बालक राम की चमार जाति को देखते हुए कोमेंट किया की Right sir panchayat par dos dene ke bjaye bai balk jine ye shub kaam kiya hota to ketani achi baat hoti akhir ye bi to panchayat body he samaj sevak hai” सतपाल ठाकुर के इस कोमेंट ने बालक राम को जाति आधारित प्रताड़ना दी है. सतपाल ठाकुर अछी तरह से जानता है की बालक राम चमार जाति से सम्बन्ध रखता है तभी उसने अपने कोमेंट में मरी हुई गाये बालक राम को उठाने बारे बोल डाला और पुन्य का काम बता दिया. इस शिकायत को लेकर बालक राम जी बड़ी ही जदोजहद करनी पड़ी तब जाकर इनका मामला दर्ज किया गया,


                             

  • Posted by: NDMJ - Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 04-03-2019
  • Date of Case Upload: 11-08-2019

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मूछें रखने को लेकर दलित की पिटाई at Chadhiyar

    यह घटना जिला काँगड़ा की उप तहसील चढ़ीयार के गांव मटियाल की है इस गांव में दलित जाति में से फकीर चन्द स्पुत्र स्व घतारू राम रहता है जो के 65 बर्ष के करिव है इसका मुख पेशा बकरी पालम है हर रोज़ की तरह अपनी बकरीयांनजदीकी छेक जंगल चौरी सिद्ध के पास चराने गे थे उसी जंगल के बीचो बिच सड़क भी है फकीर चन्द सकड़ के किनारे खड़ा हुआ था की अचानक बहा पर अपनी गाड़ी में राजपूत जाति से गुलेरराणा आ गया और अचानक अपनी गाड़ी रोकी और फकीर चन्द को गलियां निकालने लगा के तूने अपनी मूछें क्यों रखी है और गन्दी गन्दी गालियाँ निकालते हुए जान से मार देने की धमकियां देने लगा फकीर चन्द उसकी प्रवाह न किया बगैर बकरिया सड़क से हटाने लगा तोह गुलेर राणा ने फकीर चन्द को डंडे से पीटना शुरू कर दिया गुलेर राणा ने फकीर चन्द के सर पे बार किया  फकीर चन्द ने अपने आपको बचाने की आवाज़ लगाई उसकी आवाज़ सुनकर मदन मिन्हास वः चौरी सिथ्द बाबा आ गये और फकीर चन्द को गुलेर राणा से छुड़ाया और उसके परिवार को खबर दी फिर परिवार द्वारा फकीर चन्द को अस्पतालपहुचायां वहा पर फ़क़ीर चन्द को सर में 60 टाँके लगे और चोटों पर पाटिया कर बायीं


     

  • Posted by: Centre for Mountain Dalit Rights Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 10-07-2019
  • Date of Case Upload: 11-08-2019

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सामान्य वर्ग द्वरा दलित बस्ती को उजाड़ना व् जातिया तौर पर प्रताड़ित करना. at Rodii

    घटना का विवरण


    यह घटना जिला कांगड़ा की तहसील भवारना के गांव रोड़ी की है. यह गांबजिला मुख्यालय से लगभग 40 कि०मी० की दुरी पर है. इस गांव में एक दलित बस्ती है जो की 50 वर्षोंसे ग्राम पंचायत खलेट के गावं रोड़ी में बसे हैं. ये अपना गुजर बसर चौकी खलेट के वनों पर निर्भर रह कर ही कर रहे है तथा अपनी आजीविका वर्षों से कमारहे हैं राम नगर कालोनी के समानयवर्ग (उच जाति ) के लोग निबास करते है इन लोगो ने झूठ केआधार पर दलित बस्ती के लोगो के खिलाफ नाजायज़ कब्जे का केस दर्ज करबा कर हाई कोर्ट शिमला से बिना इनकीसुनबाई किये आदेश लेकर आ गये है अब बन मंडलअधिकारी पालमपुर को दबाब बना रहे हैकि इन कचे मकानों को जल्द से जल्द गिराया जाये


    दिनाक 15/2/18 को वनअधिकारी अन्य कर्मचारीयों को साथ ले कर आये और उन्होंने कचे मकानों को उखाड़ना सुरु कर दिया जब बस्ती के लोगो ने अपना जरुरी सामान घर से निकाला उसके बाद कुछ बुधी जीवी वः पंचायत के लोगो की सलाह के बाद शिव मंदिर में रखना शुरू कर दिया तो कालौनी के उच्च जाति के लोगो ने कहा के इस सरायें में दलित लोगो का आना बरजित है और कलौनी के लोग इकठा हो कर हाथ में डंडे लेकर आगये  तथा दलित लोगो को धोगरी कह कर प्रताड़ित कर ने लगे और वहा से निकाल दिया फिर लोग अपने रिश्तेदारों के जहा इदर उदर किराये पर रहने लगे


     

  • Posted by: Centre for Mountain Dalit Rights Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 17-02-2018
  • Date of Case Upload: 11-08-2019

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