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नेमावर जिला देवास में पांच दलित आदिवासियों की हत्या
नेमावर बस स्टैंट के पास किराये के कमरे में ममता पति मोहन लाल कास्दे उम्र 45 वर्ष अपनी दो बेटियों रूपाली उम्र 17 वर्ष, दिव्या उम्र 15 वर्ष और चचेरी बहन के नीतू के दो बच्चे पूजा 15 वर्ष व पवन उम्र 14 वर्ष के साथ रह रही थी। ममता का पति मोहन लाल इंदौर में किसी होटल में काम करता था जो कभी कभी आता था। ममता का बेटा संतौष गोवा में किसी होटल में काम करता था और एक बड़ी बेटी भारती पीथमपुर में किसी फैक्ट्री में काम करती थी।
रुपाली आचुष्मान कार्ड बनाने का काम कर रही थी जो हरदा जिले में अस्थाई रुप से किराये का कमरा लेकर पवन के साथ रह रही थी। उसका आरोपी सुरेंद्र के साथ मेलजोल था जो उसके कमरे में आता जाता था।
11 मई 2021 को आरोपी सुरेंद्र सिंह का जन्मदिन था जिसकी पार्टी देर रात तक चली जिसमें रुपाली भी शामिल हुई थी। दिनांक 12 मई को रुपाली सुरेंद्र से मिलने गयी थी जहां दोनो का विवाद हुआ बताया जाता है। दिनांक 13 मई 2021 को रुपाली की बड़ी बहन भारती ेने सुबह अपनी मां को फोन पर बात की। 13 मई की रात को जब भारती ने अपनी मां और बहन रुपाली को फोन लगाया तो मोबाइल बंद आ रहा था। 14 मई को भी मोबाईल बंद आता रहा। इधर नीतू ने अपने बच्चो पूजा और पवन को काल किया लेकिन मोबाईल स्विच आफ होने से किसी से बात नहीं हो पाई। इससे परेशान होकर वे 15 मई 2021 को नेमावर पहुंची जहां घर पर ताला लगा हुआ था, पड़ोसियों से पूछने पर भी कोई जानकारी नहीं मिली, उन्होने रिस्तेदारो मं खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला। तब उन्होने थाना नेमावर में सूचना दी। दिनांक 17 मई 2021 को भारती की शिकायत पर मां ममता, बहन रुपाली, दिव्या और बहन के बच्चे पवन और पूजा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। दिनांक 19 मई को रुपाली के शोसल मीडिया अकाउंट से नीतू को मैसेज मिला कि उसके दोनो बच्चे पवन- पूजा और उसकी मा ममता और बहन दिव्या रुपाली के साथ है। रुपाली पूजा की शादी करा रही है। वह खुश है उसे ना ढूंढा जाये। इस आधार पर नीतू ने रुपाली की नामजद रिपोर्ट कराई जिसमें उसके बच्चों को बहला फुसला कर अगवा करने की बात कही।
पुलिस के मुताबिक रुपाली के शोसल मीडिया अकाउंट से सपरिवार सुरक्षित होने के मैसेज अलग अलग लोकेशन से आ रहे थे। जिस पर पुलिस लोकेशन ट्रेस कर रही थी। लेकिन वे लोग नहीं मिल रहे थे। पुलिस उन सभी संभावित ठिकानों पर खोजबीन कर रही थी। मुखबिरों के माध्यम से संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही थी। जिसके परिणाम स्वरुप एक आरोपी ने से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पांचो लोगों की लाशों को सुरेंद्र के खेत में दफन किया जाना बताया। दिनांक 29 जून 2021 को 47 दिन बाद सुरेंद्र सिंह के खेत में दफन किये स्थान की जेसीबी से खुदाई की तो 10 -12 फिट गहराई में पांच लाशें निकली। प्रत्यक्ष दर्शियों के मुताबिक तीन युवतियों के शरीर पर कपड़े नहीं थे जबकि एक लाश जो ममता की थी वह साड़ी ब्लाउज में थी वहीं पवन की लाश पर नेकर और टीशर्ट थी।। लाशों का पंचनामा बनाकर मृतका रुपाली के भाई संतोष कास्दे को साक्षी बनाकर पोस्ट मार्टम के लिये भेजा गया। लाशों के मिलने के बाद से पवन और पूजा की मां नीतू सदमें है, वह हरदा जिले के वेदार्थ हास्पिटल में है। संतोष, भारती और उनके पिता मोहनलाल अपने परिजनों के हत्यारों को फांसीी दिये जाने और न्याय किये जाने की आस मं है।
घटना के बाद से नेमावर में गहमा गहमी का माहौल है। इस जघन्य हत्याकांड की गूंज पूरे देश में है, जिससे आक्रोशित हो दलिस आदिवासी नेता और पार्टीयों के लोग पीड़ितों को न्याय दिलाने और आरोपियों को सखत से सख्त सजा दिये जाने की मांग कर रहे हैं। हजारों की संख्या में दलित आदिवासी नेता पीड़ितों और पुलिस प्रशासन के लोगों से मिल रहे हैं।
वर्तमान मेें पुलिस ने पहले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया और जेल भेजा, बाद में गुमशुदा रिपोर्ट पर हत्या की धारायें और एसएसी एसटी एक्ट की धारायें जोड़ी। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज पीडितों को दिये गये हैं। आर्थिक सहायता के रुप में अनुसूचित जाति जन जाति अत्याचार निवारण सहायता की 50 प्रतिशत राशि उऩके खाते मं डाली गई है।
वर्तमान में पुलिस ने बलात्कार और आईटी की धारायें बढ़ाई है, नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। चार्जशीट दाखिल कर दी है।
बुरहानपुर जिले की नेपानगर तहसील के ग्राम तांदली हिंगना रैयत में निवास करने वाले दलित परिवारों ने सामुहिक आवेदन पत्र देकर गांव के दबंग चंपाचाल जैसवाल और उसके साथियों पर जान से मारने की धमकी देकर थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज कर फंसाने का आवेदन दिया है। पीड़ितों का कहना है कि - गांव में सैकड़ों सालों से छुआछूत, जातिगत भेदभाव चला आ रहा है, उनके गांव तांदली में लगभग सौ सालों से एक कुआं है जिसका पानी सभी लोग पीने के लिये करते थे, लेकिन दलित वहां का पानी नहीं ले सकते थे। कुछ सालों पहले कुछ दलितों ने वहां से पानी लेना शुरु किया तो उंची जाति वालों ने कुएं को अछूत घोषित कर वहां से पानी लेना बंद कर दिया। समय के साथ कुएं का पानी सूखने लगा तक सवर्णों ने उस कुएं में कचरा डालने लगे। कुआं बंद हो गया तब दलितों ने वहां पर चबूतरा बना कर बाबा साहब की फोटो रख कर हर साल बाबा साहब की जयंति मनाने लगे। और उसी जगह पर एक स्वागत द्वार भी बना लिया।
27 अप्रैल 2021 को आरोपी चंपालाल ने गांव की नवसाबाई पति भुरेखा को उकसा कर स्वागत द्वार तोड़ दिया और विरोध करने आई दलित महिलाओं को जातीसूचक गालियां देकर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद वह नेपानगर थाने गया और वहां पर पुलिसकर्मियों को रिश्वत देकर दलितों के विरुद्ध झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी। तत्कालीन थाना प्रभारी लोवंशी द्वारा आईपीसी की धारा 147,148,149,294,323,506 बी का प्रकरण दर्ज किया गया। पीड़ितों ने प्रशासनिक अधिकारियों से निवेदन किया कि मौका मुआयना कर निश्पक्ष जांच करे लेकिन आज तक पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं हुई है।
मृतक प्रदीप कुमार का चाचा बंसीलाल का का लड़का मुकेश उम्र 14 वर्ष के साथ आरोपी कपिल चौहान,पवन, मानव, नरेश उर्फ गुरी, नरेंद्र, भानु, हिमांशु गोदारा ने कुछ सामान्य बातचीत को लेकर फहुती बस स्टैंड पर गंभीर मारपीट की, जिसकी वजह से उसके शरीर पर चोटें आई और वह घायल हो गया।जैसे तैसे मुकेश उनके चंगुल से छुड़ाकर भाग कर अपने घर आ गया और मारपीट की घटना के बारे में जानकारी अपने ताऊ के लड़के प्रदीप कुमार को दी। प्रदीप कुमार ने अपने फोन से आरोपी कपिल के मोबाइल पर फोन किया और कहा कि मुकेश के साथ मारपीट क्यों कि है ? इसके जवाब में कपिल ने कहा कि अभी तो मुकेश को तो पीटा है लेकिन तुझ में कुछ ज्यादा गर्मी है तो नहर पर रात 9:00 बजे आ जाना, तेरे को भी देख लेंगे। इस प्रकार से कहासुनी हुई और बात खत्म हो गई लेकिन आरोपी कपिल के द्वारा कहने व गर्मी निकालने व रात को 9:00 बजे लक्ष्मीनारायण नहर के पास, बुलाया गया। प्रदीप कुमार को वहां जाने पर आरोपियों ने देशी कट्टे से गोली मारकर हत्या कर दी।
Jitendra Khatik's son Tarachand Khatik on 26th February, 2020 at around 12.00 am under the auspices of the police officer in compliance with the direction of the Superintendent of Police, after arresting the deceased from the Jodhpur shop on the pretext of making false and false inquiries for buying iron oil pipes. he was taken and inhuman torture and beaten and was confessed to confessing the crime and kept in illegal custody for 24 hours and was subjected to severe beatings and torture by the police which led to his death in police custody.