SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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हेरेराम बैठा ,सूबे बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के पलानावा ओपी अंतर्गत खरकटवा गाँव के निवासी थे | उनकी उम्र करीब 35 वर्ष थी वे अनुसूचित जाति (धोबी ) के सदश्य थे टोला सेवक के रूप में समाज की सेवा करते थे | दिनांक 15.02.2015 की रात्रि करीब 8.30 बजे ग्रामीण1. श्री गोवर्धन महतो ,उम्र -45 वर्ष ,पिता -बचन महतो 2. बगड़ महतो ,उम्र -55 वर्ष ,पिता -शंकर महतो दोनों नूनिया जाति (ebc) के सदश्य है | ये लोग साजिश पूर्वक हरेराम बैठा को कागजात पढवाने के लिए बुलाकर अपने साथ ले गए | दिनांक 16.02.2015 को सुबह करीब 4 बजे हरेराम बैठा के पडोसी बृजकिशोर बैठा ,उम्र -40 वर्ष ,पिता- छठू बैठा इट बनाने के लिए भट्टा के तरफ जा रहे थे तो चीखने चिलाने कि आवाज सुनकर वे बगड़ महतो के खलिहान के तरफ दौड़े तो देखे की उक्त दोनों के साथ ग्रामीण जोतन महतो ,उम्र -20, पिता - बगड़ महतो ; लालन महतो , उम्र -35, पिता - राजदेव महतो ; जवाहिर महतो ,उम्र -35, पिता -जिलाई महतो ; आत्मा महतो ,उम्र -55 ;धूपा महतो ,उम्र -43 ,दोनों के पिता धेनुख महतो ;मनोज महतो , उम्र -35, पिता -पुनदेव महतो ; ये सभी लोग हरेराम बैठा का हाथ पैर बांध कर लाठी डंडा से जबरदस्त पिटाई कर रहे थे , जब ब्रजकिशोर बैठा द्वारा बिच बचाव का प्रयाश किया गया | तो अपराधियो ने उसे भी पीटकर घायल कर दिया ,स के बाद बृजकिशोर बैठा भाग कर गाँव में आए और घटना की जानकारी लोगो को दी |सुचना मिलते ही सैकड़ो ग्रामीण घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े |लोगो को आते देख सभी अपराधी भाग निकले |ग्रामीण राजेश्वर, हाकिम बैठा, सतीश बैठा ,बृजकिशोर बैठा ,सुंदरी देवी सहित हरेराम बैठा को बेहोशी की हालत में देखकर रोने चिलाने लगे और उन्हें उठा कर ईलाज के लिए ले जाना चाहा उसी वक्त उनकी मृत्यु हो गयी |
ग्राम बलाबिघा नवादा जिला मुख्यालय से लगभग २५ किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है और हिसुवा थाना से लगभग १० किलोमीटर उतर पश्चिम में है .दिनांक १ फरबरी २०१५ को ईसी गाव के अर्जुन चौधरी को इसी गांव के बिनोद यादव सहित ५ लोगो ने बुरी तरह से पीट -पीट कर हत्या कर दिया एस घटना के पीछे का कारन यह है की २०११में अर्जुन चौधरी के भाई की हत्या कर दिया गया था जिसका कांड संख्या १०३/११ है इस कांड को लेकर बिनोद यादव एवं अन्य अपराधी लोग तसविया करने के लिए दबाव दे रहा था तस्विया नहीं करने के कारन अर्जुन चौधरी को १-२-२०१५ को पीट -पीट कर कर दिया जिसका कांड संख्या १४/१५ है जिसमे धारा ३०२ IPC and sc/ST act 3(2)(v)लगा है इस कांड के किसी भी आरोपी को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं की है जिसके कारन अपराधी लोग बराबर victim को केस उठाने की धमकी दे रहा है अर्जुन चौधरी के परिवार को सर्कार dhwara FIR NO 103/11 &14/15 में अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है
यह घटना जिला ऊना में पड़ते गांव सनोली की है. यह गांव ऊना से 20 कि०मि० की दुरी पर स्थित है. इसी गांव के दलित जाति में से चमार जाति से सम्बधित सरजीवन लाल स्पुत्र स्व: रहता है. जिसकी उम्र 45 वर्ष की है और वह पुलिस विभाग में कार्यरत है. इसकी चार बेटीयां हैं. बड़ी बेटी का नाम सुकेता कुमारी उम्र 16 वर्ष है जो कि बारहबी कक्षा में सनोली के साथ लगते गांव बिनेवाल के स्कुल में पढ़ती है. घर से स्कुल की दुरी महज 1 कि०मी० है.
3/06/14 को जब वह स्कुल से छुट्टी होने पर घर को आ रही थी तो स्कुल से महज 200 मी० की दुरी पर सनोली गांव के ही जुगाविंदर सिंह सपुत्र मुख्तेयार सिंह उम्र 28 वर्ष जाति जट है ने सुकेता कुमारी को रास्ते में घेर लिया और उसकी वायूं को पकड़ लिया और अपनी तरफ खीचने लगा तभी सुकेता ने छोर मचाया ओर वह उसकी वायूं छोड़कर भाग खड़ा हुआ. सुकेता कुमारी ने उसी दिन शाम को सारी घटना के बारे में अपने पिता सरजीवन लाल को बताया जिस पर उसके पिता जी ने सनोली गांव की पंचायत व साथ लगते गांव मजारा, मलूक्पुर, बिनेवाल की पंचायतों को भी बताया.
05/06/14 को सभी पंचायतो ने दलित बस्ती के श्री गुरु रविदास जी के मंदिर में इक्कठ किया वह समस्त गांव वासियों के सामने जुगाविंदर सिंह वह उसके पिता को वहां बुलाया जुगाविन्दर सिंह ने अपनी गलती को सवीकार किया तब पंचायत ने उसे 100/- जुर्माना लगाया वह जुगविंदर सिंह के पिता को उसके बेटे जुगाविंदर का मुंह काला करने को कहा और सनोली गांव से बिनेबाल स्कुल तक उसे लेकर जाने को कहा. इसके बाद पचायत ने इस मामले को इसी दिन खत्म करने का हुक्कम जारी किया. 07/06/14 को गांव के ही अमरीक सिंह जाति जट ने सभी जट विरादरी को इक्कठा किया और सनोली पंचायत घर से लेकर दलित बस्ती को जाने वाली सड़क तक दलितों के खिलाफ नारे लगाते हुये मारच निकाला इस रैली में लगभग 400 जाट पुरुष व 200 महिलाए थी इसी दिन गांव में जिला ऊना से SDM किसी काम से सनोली आये हुए थे तो अमरीक सिंह ने जुगाविंदर की माता को साथ लेकर सुकेता के परिवार व पंचायत के खिलाफ जुगाविंदर का मुंह काला करने के बारे SDM से शिकायत करी वह मोके पर ही FIR करवाई. इसी दिन रात को सरजीवन लाल ने भी अपनी और से पुलिस चौकी संतोखगढ में जुगाविंदर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया.
यह घटना जिला ऊना तहसील ऊना के गांव बहडाला की है. इस गांव में दलित समाज में से गुरवचन सिंह सपुत्र ईशर दास उम्र 80 वर्ष रहता है. वह चमार जाति से सम्बंधित है. गुरवचन सिंह ने हुस्न चन्द सपुत्र लक्षण चन्द जाति राजपूत से सन 1968-69 में 2000/- में 1 कनाल 15 मरले ज़मीन खरीद करी. हुस्न चन्द का भाई हरनाम सिंह भी था. ये दोनों अब इस दुनिया में नहीं है पर हरनाम सिंह के परिवार में से उसके स्व: बेटे देवराज की पत्नी सीना रानी व हरनाम सिंह के बेटे सुभाष , रमेश , संतोख सिंह, व अर्जुन सिंह ने गुरवचन सिंह के खिलाफ कोर्ट में केस कर दिया कि गुरवचन सिंह गल्त गैर मरुसी दावा कर रहा है. इस ज़मीन मर मालिकाना हक़ हमारा है क्योंकि 1961 में हमारे दादा लक्षण चन्द ने यह ज़मीन हमारे पिता हरनाम सिंह को रहनं करी थी. हरनाम सिंह के परिवार ने कोर्ट से सटे आर्डर लिया की जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता तब तक इस ज़मींन को कोई भी प्रयोग में नहीं लाएगा पर जिला ऊना के कोर्ट में जज साहिब ने सटे आर्डर में यह लिख दिया की जो काशतकार है वह इस ज़मींन को जोत सकता है जज साहिब के यही ब्यान गुरवचन सिंह के स्टे आर्डर पर भी आ गए जिसके कारण हरनाम सिंह का परिवार कहने लगा की इस पर हमारा मालिकाना हक़ है और हम इसके काश्तकार हैं पर दूसरी और गुरवचन सिंह इस ज़मींन को 1968-69 से जोत रहा है उसका कहना है की वह इस ज़मीन का मालिक है और वह ही काश्तकार है.
4/07/14 को गुरवचन सिंह वह उसके परिवार वाले सुबह दस बजे हाथो से दराटीयो के साथ बीज बोने लगे क्योकि राजपूतो ने सभी ट्रेक्टर वालो को डरा धमका कर मना कर दिया था की कोई भी हमारी ज़मींन में ना आये. करीब 11 बजे सुबह गुरवचन सिंह व उसके परिवार वाले घर वापिस पहुचे तो तुरंत ही हरनाम सिंह के परिवार से सीना रानी पत्नी स्व: देवराज, चंचला देवी पत्नी सुभाष चन्द, रितु देवी सपुत्री अर्जुन सिंह, दीपक सपुत्र रमेश चन्द, सुमन देवी पत्नी रमेश चन्द, व संतोख सिंह का बेटा (नाम ना मालुम है) खेत में दो कुत्तों के साथ आये और गुरवचन सिंह व उसके परिवार वालो ने जितना भी बीज हाथ से खेत में बोया था सारा ही हरनाम सिंह के परिवार ने निकाल दिया. गुरवचन सिंह का घर खेत के पास होने के कारण उसने कुत्तों क्र भौंकने की आवाज़ सुनी तभी गुरवचन सिंह ने देखा की हरनाम सिंह के परिवार वाले उसके खेत से बीज निकाल रहे हैं तब वह अपने परिवार के साथ खेत में गया और हरनाम सिंह के परिवार वालो को ऐसा करने से मना किया जिस पर वह सभी गुरवचन सिंह के साथ हाथा पाई करने लगे दिल का मरीज़ होने के कारण गुरवचन सिंह वही खेत में बेहोश हो गया. और उसे उसी समय जिला ऊना के सरकारी अस्पताल में पहुचाया गया बाद में सीना रानी भी अपनी बेटी रजनी को लेकर अस्पताल पहुच गई की उसकी बेटी के साथ भी मारपीट हुई है जिस पर अस्पताल में ही दोनों तरफ से मामले दर्ज किये गए.