SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Attack on Dalit family by Non Dalits by pouring Petrol during midnight at 01:00 AM in Chauri Chaura, Gorakhpur, Uttar Pradesh.
यह घटना जिला सोलन व तहसील सोलन के गांव मनलोग की है. यह गांव सोलन से 12 कि०मि० की दुरी पर बड़ी ही पहाडियों के बीच सिथत है. इस गांव में दलित बस्ती तक जाने के लिए 1 कि०मी० तक कोई पक्की सड़क नहीं है यहाँ तक जाने के लिए सोलन से दिन में 2 बस ही जाती हैं वो भी सुबह शाम को ही जाती है. इस गांव में पांचवी कक्षा तक स्कुल है. इस गाव में पानी के लिए लोग ज्यादातर कुदरती तरीको पर निर्भर है. इस गांव में कोल्ली(हरिजन) जाति के 25 घर, डॉम जाति के 1 घर, राजपूत जाति के 30 घर व् चमार जाति का 1 घर हैं.
इस गांव में दलित बस्ती में से अमर सिंह सपुत्र स्व: श्री सेवक राम रहता है. जो की 49 वर्ष का है और कोल्ली जाति से सम्बंधित है. दो महीने पहले राजपूत जाति में से सोबा ठाकुर की मुत्यु हुई उन्होंने दलित बस्ती से 150 मीटर दुरी पर ही नई जगह पर शमशान घाट बनाकर राजपूतों ने उसका अतिम संस्कार कर दिया जब दलित परिवारों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने कहा की हम तो यहाँ पर ही अपने मुर्दे जलायंगे जबकि पहले ही मनलोग जंगल में एक श्मशान घाट बना हुआ है. इससे पहले सभी चार कि०मी० दूर मनलोग नदी किनारे जाया करते थे पर नया शमशान बनने के बाद राजपूतों ने वहा पर आना मना कर दिया की यहाँ पर दलित अपने मुर्दे जलाते है वहा पर हम नहीं जलाएंगे. राजपूतों के नया शमशान घाट बनाने पर अमर सिंह व उसके साथियों ने राजपूतों के नये शमशान घाट बनाने के विरोध अपनी पंचायत तोप की बेड में शिकायत दर्ज करवाई पर पंचायत ने कोई भी कदम नहीं उठाया. यहाँ पर राजपूतों ने नया शमशान घाट बनाया है उस रास्ते से दलित बस्ती के बच्चे स्कुल जाते है व दियोठी गांव में जाने के लिए शार्टकट रास्ता भी इधर से ही है. स्कुल जाते समय बच्चे भी डरते है व अमर सिंह की पशुशाला भी बिलकुल साथ में ही है. 26 सितम्बर 2016 को राजपूत जाति में से जीत राम की मौत हो गई जब राजपूत लकड़ी काटनें के की लिए जंगल में आये तो अमर सिंह ने मना किया की हमने पंचायत में अर्जी दे रखी है अगले महीने की 3 तारीख को उसकी सुनवाई है इसलिए आप जीत राम का संस्कार पुराने शमशान घाट पर ही करना. 26 सितम्बर 2016 को ही शाम 6:30 पर राजपूत जीत राम को संस्कार के लिए नये शमशान घाट पर ही ले आये जब अमर सिंह को पता चला तो व अपने साथ गुलाब देइ, उतम सिंह, सलोचना देवी, सोम दत्त को साथ लेकर कर मौके पर पहुंचा वहाँ पर राजपुत जाति में से संजय सपुत्र ओमप्रकाश व खेम सिंह सपुत्र हरी सिंह ठाकुर ने अमर सिंह व उसके साथियों को गालिया निकालनी शुरू कर दी और कहने लग हम ठाकुरों का तुम कोल्ली कुछ नहीं विगाड सकते. हम तो जीत राम को यहीं जालायंगे इन दोनों ने अमर सिंह को धक्का मारकर संस्कार की लकड़ियों पर गिरा दिया जिस कारण उसे काफी चोट लगा गई. अमर सिंह ने मौके पर अपनी पंचायत की प्रधान मधु ठाकुर को फोन किया पर उसने कोई भी उत्तर नहीं दिया. फिर अमर सिंह ने मौके पर पुलिस को बुला कर मामला दर्ज करवाया पर राजपूतों ने जीत राम का संस्कार वही पर किया.
यह घटना जिला सिरमौर की तहसील राजगढ़ के गांव कनेच के राजकीय प्राथमिक पाठशाला की है जो की राजगढ़ से 4 कि०मी० की दुरी पर ही है. इस स्कुल में श्री मति रजनी देवी पत्नी स्व: राम लाल मुख्यधियापिका के रूप में काम कर रही है रजनी पुश्तैनी राजगढ़ के खैरी गांव की रहने वाली है और अभी वह राजगढ़ में ही टिक्का रोड पर देसराज सकलांनि के मकान में किराए पर रह रही है. रजनी चमार जाति से सम्बंधित है. रजनी 2015 से बतौर प्रभारी कनेच स्कुल में काम कर रही है. इस स्कुल में यशपाल शर्मा बतौर PAT अध्यापक कार्यरत है.
01/09/16 को SMC (School Management Committee ) की बैठक हुई जिसमे कनेच गांव से रहने वाले चन्द्र मोहन जाति कोल्ली को स्कुल में मिड डे मील बनाने के लिए रखा गया इससे पहले स्कुल में कोशल्या देवी व रेखा देवी कुक का काम करती थी पर 30/08/16 को कोशल्या देवी सेवानिवत हो गई जिस कारण चन्द्र मोहन को कुक के काम के लिए रखा गया. 01/09/16 को चन्द्र मोहन ने स्कुल में डियूटी Join करी और इसी नियुक्ती की ख़ुशी में चन्द्र मोहन ने स्कुल में लड्डू बांटे परन्तु सामान्य वर्ग के बच्चे प्रगति , सुज़ल, कृतिका, साहिल अभय व अन्य कई बच्चों ने लड्डू खाने से मना कर दिया खाने से मना कर दिया जब इस बारे श्रीमति रजनी देवी प्रभारी कनेच स्कुल ने इन सभी बच्चों से पूछा तो सभी बच्चों ने कहा की हमारे माता पिता ने मना किया है की उस चंदे (चन्द्रमोहन कूक) के हाथ से कुछ भी नहीं खाना है क्योंकि व कोल्ली जाती से सम्बंधित है. अगले दिन जब चन्द्रमोहन ने खाना बनाया तो इन सभी बच्चों के इलावा शुभम , रेणु, दीक्षांत, अक्षय शर्मा ने भी मिड डे मील नहीं खाया. इन सभी बच्चों ने अपने अपने घर से खाना लाना शुरू कर दिया. इस स्कुल में कुल 31 विधार्थी है. जिनमे से 24 अनुसूचित जाति के बच्चें है तथा शेष 7 बच्चे सामन्य वर्ग के है और यही सात बच्चे खाना नहीं खा रहे हैं और कहते हैं की चंदे (चन्द्रमोहन कूक) के हाथ का खाना पानी नहीं लेना है. इस स्कुल में यशपाल शर्मा बतौर PAT अध्यापक कार्यरत है वो और रेखा जो की चन्द्र मोहन की हेल्पर है ये दोनों भी चन्द्रमोहन के हाथ से कुछ भी नहीं खाते है. इस स्कुल में से प्रगति ने अपना स्कुल त्याग प्रमाण पत्र लेकर स्कुल छोड़ दिया पर बाकी सभी बच्चे नही अपना स्कुल त्याग प्रमाण पत्र मागा रहे है. जब इसका रजनी मैडम ने विरोध किया की अगर कोई अन्य वजय है तो मैं स्कुल त्याग प्रमाण पत्र देती हु पर जातिय भावना के चलते मैं ऐसे नहीं स्कुल त्याग प्रमाण पत्र दूंगी तो अगले दिन उन्ही बच्चों में से रेणु की माता प्रवीण ठाकुर पत्नी किशन सिंह स्कुल में आई और रजनी मैडम को गालिया निकालने लगी और कहने लगी अब इस स्कुल में बच्चे हमारे नहीं पढ़ेंगे. इस सारी घटना बारे रजनी प्रभारी कनेच स्कुल ने अपने शिक्षा विभाग में व पुलिस में जानकारी दे दी है पर अभी तक कोई भी कार्य वाही नहीं हो रही है.
यह घटना जिला सिरमौर की तहसील पच्छाद के गांव चुन्नर की है जो की बडू साब के पास है. यह गांव राजगढ़ से 30 कि०मि० की दुरी पर बड़ी ही पहाडियों के बीच सिथत है. इस गांव तक जाने के लिए 5 कि०मी० तक कोई पक्की सड़क नहीं है यहाँ तक जाने के लिए राजगढ़ से दिन में 4 बस ही जाती हैं. इस गांव में पांचवी कक्षा तक स्कुल है. इस गाव में पानी के लिए लोग ज्यादातर कुदरती तरीको पर निर्भर है. इस गांव में कोल्ली(हरिजन) जाति के 1 घर, डॉम जाति के 3 घर व् राजपूत जाति के 35 घर हैं.
इस गांव में दलित समाज में से तारा देवी पत्नी जगदीश राम उम्र 28 वर्ष रहती है. वह डॉम जाति से सम्बंधित है. तारा देवी घर में ही रहती है व घर का काम ही करती है. 7 मई 2016 को दिन के समय दोपहर को तारा देवी की बकरी व मेमना गुम हो गए जिसको तारा देवी इधर उधर डूढने लगे फिर व करीब 3:15 बजे तारा देवी अपनी देवरानी चिड़ि देवी पत्नी अनिल कुमार को साथ लेकर बकरी व् मेमने की तलाश में फागु गांव की और चल पड़ी तो चुन्नर गांव में ही राजपूतों के घर से 100-150 मीटर पीछे ही पहुंचे तो राजपूत जाति में से रत्न सिंह ठाकुर व उसके बेटे मुकेश, प्रेम सिंह उर्फ़ बबलू, कपिल मोहन उर्फ़ राजू हाथ में डंडे लेकर आ रहे थे उन्होंने तारा देवी और चिड़ि देवी का रास्ता रोका और मुकेश सपुत्र रत्न ठाकुर उम्र 27 वर्ष जाति राजपूत ने तारा देवी को उसकी छाती को दोनों हाथों से पकड़ा और चिड़ी देवी को भी प्रेम सिंह उर्फ़ बबलू सपुत्र रत्न ठाकुर उम्र 25 वर्ष जाति राजपूत ने पकड़ा और सभी ने तारा देवी और चिड़ी देवी को डंडो से पीटना शुरू कर दिया. मुकेश ने तारा देवी की गले के पास से उसके सूट को फाड़ दिया. तारा देवी को बाई बाजू पर डंडो की पिटाई से गहरी चोट लगी व काफी खून बहने लगा इसी प्रकार तारा देवी को दोनों टांगो, गर्दन राजपूतों ने डंडो से गहरी चोटें पहुंचाई. तारा देवी की देवरानी को भी सिर के पास बाएँ कान के नीचे चोट लगी और उन राजपूतों ने उसका सिर भी फाड़ दिया और उसके सिर से भी काफी खून बहने लगा. तारा देवी व चिड़ी देवी ने अपने बचाव के लिए काफी आवाजे लगाईं पर कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया. इस मारपीट के दोरान राजपूत जोर ज़ोर से कह रहे थे की तुम साले डूमनों को ज़िंदा नहीं छोड़ेगे. बुरी तरह मार खाने के बाद तारा देवी और चिड़ी देवी बुरी तरह से बेहोश हो गई थोड़ी देर बाद मौके पर उनके पति जगदीश व अनिल और साथ में तारा देवी वे चिड़ी देवी की सांस माँ व चाची वहां पहुंचे और दोनों को जख्मी हालात में अस्पताल लेकर गए और वही पर पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज करवाई. अभी तक इन दोनों को कोई मुआवजा राशि ना मिली है और उन राजपूतों किओ तरफ से रोजाना जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.