SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Dalit woman Ms. Anandhi (20) resided with her father Kandasamy in Vellalapalayam, Kulavikadu, Gobichettipalayam of Erode District. On 17.10.2016 Anandhi was found dead in a well (100 feet) near Vellalapalayam, Kulavikadu, under suscipious circumstances. Her body was taken to autopsy and it was found that she was carrying a baby and was in her thrid trimester. The reason for her death is unknown and under suspicion.
Police initially denied to register FIR and finally registered with 6 hours delay
🔹the FIR registered with so many erros like date of FIR is 2/11 and information received date is 3/11
🔹 no proper sections of POA & IPC and atrocity amendment sections like 3(1)(g), 3(1)(r), 3(1)(s),3(1)(w) & 3(2)(5a) has not been applied
🔹police not arrested accused yet
🔹The accused assaulted with 303 rifile base but same has not been seized yet
🔹police & accused indirectly threatning complainat with filling false counter case against his family
🔹the victims family is under pressure of life threat but not any protection to them
🔹accuses is having gun licence and also illegal arms, but not any action towards cancellation of such licence & seazure of illegal arms
दिनांक 13सितंबर 2016 को अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास कालमुखी, जिला खंडवा के अधिक्षक बलराम सिंह रावत पिता मंगल सिंह रावत गांव में एक व्यक्ति के साथ कुछ लोग मारपीट कर रहे थे जिसे रोकने वे पहुंचे थे! शाम तीन बजे के लगभग बीच बचाव करने पर में मारपीट करने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य गोविंद वर्मा, पंकज गुप्ता, चंद्रप्रकाश गुर्जर अपने साथियों के साथ छात्रावास पहुंच गया और अधिक्षक बलराम के साथ मारपीट करने लगा, मारपीट होती देख बचाने एक युवक चंद्रभान काकड़िया आया तो उसके साथ भी गोविंद वर्मा और उसके साथियों ने आंख में मिर्र डालकर मारपीट की. दोनों घायलों को 108 की मदद से जिला चिकित्सालय लाया गया.उक्त घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया बल्कि चंद्रभान के विरुद्ध मारपीट का मामला दर्ज किया, जो कि अस्पताल में भर्ती था. वहीं आरोपी गोविंद वर्मा स्थानीय विधायक(भाजपा) देवेंद्र वर्मा के साथ घूमता रहा.
दूसरे दिन मामला गर्माने पर सामाजिक संगठनों, छात्र संगठन भी सड़क पर उतरे, रैली, धरना प्रदर्शन, ज्ञापन दिये गये लेकिन पुलिस ने मामले में कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की. पीड़ितों की गंभीर चोटों के चलते उन्हे इंदौर रिफर किया गया, फिर भी पुलिस ने मामले को संज्ञान में नहीं लिया है.
पता – मकान नं. ई – 18 के डी ए कालोनी रामपुरम श्यामनगर थाना चकेरी कानपुर नगर
घटना का शीर्षक - दलित किशोर की पुलिस हिरासत में मौत
तथ्य खोजने का आधार - 5 – 8 - 2016 नवभारत टाईमस अमर उजाला
तथ्य खोजी दल - 1. रामकुमार
2. आशीष अवस्थी
तथ्य अन्वेषण का दिनाक - 7- 8 - 2016
घटना की तिथि - 4 – 8 – 2016 को उसकी मौत हो गयी
घटना स्थल - ( थाना से दूरी और दिशा) पश्चिम, 2.5 कि.
घटना की पृष्ठभूमि एवं साराश –
कानपुर विकास प्राधिकरण कालोनी के H I G में एक पत्रकार के घर चोरी हो गयी, पुलिस ने 2-8- 2016 को दो दलित युवक कमल और निर्मल को उठा ले गयी परिवार की शिकायत है कि चकेरी थाना क्षेत्र के कुछ पुलिस वाले एक प्राईवेट बोलोरो गाड़ी में आकर लड़को को उठा ले गयी थी परिवार वोलो को युवको को बारे में कोई सूचना नही दी गयी परिवार वाले 4 अगस्त को एस एस पी से मुलाकात की बच्चो को पुलिस द्वारा उठा ले जाने कि शिकायत की । 2 अगस्त की रात को कमल ने दो बार फोन नं. 8417391837 से घर वालो को फोन किया और बताया कि पुलिस वाले मुझे बहुत मार रहे है और बिजली का करेन्ट दे रहे है। मुझे मार डालेगें। 4 -8 – 2016 को पुलिस वाले पीड़ित के घर आये और एक फोटो दिखाकर कहा कि पुलिस को एक लास थाने के पास मिला है। इसकी पहचान कर लो घर वाले पोस्ट मार्डम हाउस में गये तो देखा वह कमल ही है। 5 – 8 – 2016 को मृतक कमल की लाश को परिवार वालो को दे दिया गया और पुलिस ने अपनी देखरेख में अंतिम संस्कार किया। मृतक कमल के मौत के बाद पुलिस वालो ने उसके भाई निर्मल को छोड़ दिया । घर वालो की शिकायत है कि पुलिस वाले 2009- 10 में मृतक कमल को पकड़ ले गयी थी और मुखबीर बनने का दबाव दिया था । उसके मना करने पर पुलिस को खुन्दक थी । इस क्षेत्र में यह पुलिस के काम करने का तरिका है। पुलिस अक्सर दलित बच्चो को चोरी के इलजाम में पकड़ ले जाती है और फिर उनसे मुखबीरी करवाती है ।
शहर की सामाजिक, आथर्कि और राजनैतिक पृष्ठभूमि ।
उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर चकेरी कानपुर शहर क्षेत्र कानपुर विकास प्रधिकरण की निन्न मध्य वर्ग कालोनी है यहाँ सभी जातियो के लोग रहते है यह परिवार एक घर में किराये पर रहता है। अधिकतर दलित पिछड़ी, और सामान्य जाति के लोग भी रहते है।
यह परिवार दिहाड़ी मजदूरी और प्राईवेट नौकरी कर अपने घर का गुजर बसर करता है ।
दस्तावेज की सूची नाम व दिनांक सहित –
प्रथम सूचना आवेद 2 -8 -2016
अखबार की पेपर कटिंग 5 – 8 – 2016
एफ आई आर की नकल 4 – 8 – 201
पीडित गवाह व अभियुक्त व अधिकारियो के बयान का विवरण –
पीडित पक्ष –
क्र0 | नाम | उम्र | लिंग | पिता या पति का नाम | जाति | ब्यवसाय | पता |
1 | किशन लाल |
| पु0 | स्व0 पन्ना लाल | बाल्मीकि | मजदुरी | मकान नं. ई 18 केडीए कालोनी, रामपुर श्यामनगर, थाना चकेरी कानपुर नगर |
2 | मीना देबी |
| म0 | किशन लाल | बाल्मीकि | मजदुरी | मकान नं. ई 18 केडीए कालोनी, रामपुर श्यामनगर, थाना चकेरी कानपुर नगर |
पीड़ित (1) नाम - किशन लाल S / 0 स्व0 पन्ना लाल
बयान-
कानपुर विकास प्राधिकरण कालोनी में H. I. G कालोनी भी है वही एक पत्रकार के घर में चोरी हुई थी उसी के सक में उठाकर ले गये थे।
मै किशन लाल पुत्र स्व0 पन्ना लाल जाति बाल्मीकि मकान नं. ई – 18 केडीए कालोनी श्याम नगर , थाना चकेरी, कानपुर नगर का निवासी हूँ मेरे 5 बच्चे है जिसमें मृतक कमल भाई बहनो से बड़ा था उसकी उम्र 26 वर्ष की थी । मेरा बेटा 2 अगस्त रात 8.30 बजे मेरा लड़का निर्मल खाना बनाते समय गैस खत्म हो गयी थी। घर के थोड़ी दूरी पर अन्धा मोड़ पर एक गैस की दुकान से सिलेन्डर लेकर गैस भरवाने गया था वही 8 –10 लोगो ने घेर लिया एक ने ब्लोरो में जबरजस्ती खीच कर बैठा लिया और सीधे कृष्ण नगर पुलिस चौकी ले गया। अन्धा मोड़ से एक लड़का आया बोला तुम्हारे बेटे निर्मल को पुलिस पकड़ कर ले गयी। उसके बाद कमल अन्धा मोड़ पर पता लगाने के लिए पहुँचा वहाँ पर कमल कुरील- विश्राम कुरील दोनो फतेपुर विदसी के निवासी है, पुलिस मुखबिर है वहाँ मौजुद थे इसके बाद सफेद ब्लोरो में 8 - 10 लोग आये और कमल को भी जबरीयन गाड़ी में बैठाया ले कर चले गये। इन दोनो से तो मेरी कोई दुश्मी नही थी पहले हम सब एक ही मुहल्ले में रहते थे । करीब 20 -25 साल पहले झगड़ा हुआ था जिसमें थाना पुलिस हुआ था। उसके बाद हम वहाँ से श्यान नगर आ गये। कमल को 2009 10 में एक बार कमल को पुलिस पकड़ कर ले गयी थी तब से लगातार दबाव डाल रही थी कि हमारे मुखबिर बन जाओ तो हम तुम्हे छोड़ देगे कमल के मना करने पर उसे जेल भेज दिया था। मेरे भाई राज बीर उसी रात थाने गया उसको पुलिस वाले जाति सूचक माँ बहन की भद्दी भद्दी गाली देकर कहा कि अपराधियों का सिफारिस करने आये हो भाग जाओ भंगी साले नही तो तुम्हे भी अन्दर कर देगें कहते हुए भगा दिया।
पीड़ित (2) नाम मीना देवी पत्नी किशन लाल (मृतक की मां)
बयान-
घटना के दुसरे दिन मेरा बेटा मुझे फोन किया और रो रो कर कहने लगा कि अम्मा मुझे बचा लो हमको बहुत मार रहे है करेन्ट लगा रहे है, पानी में भीगा - भीगा कर मार रहे है मुझे मार डालेगें बचा लो और कहा इस पर फोन मत करना हम लोग थाने पहुँचे थाने वाले से पुछा कहा है कमल मेरा बेटा थाने वाले डाट कर कहा कि यहा नही है। हम लोग 4 अगस्त 2016 को एस. एस. पी के यहाँ गये मुलाकात नही हो पाई अप्लीकेशन दिया कुछ सुनवाई नही हुयी। 2 अगस्त को पुलिस हमारे लड़के कमल को उठा कर ले गयी है अब तक पता नही वह कहा है। उसके बाद घर पहुँचे तो पुलिस वाले आये उन्होने एक फोटो दिखाया कि इस लड़के को पहचानते हो हमने कहा कि यह हमारा बेटा है उन्होने कहा कि पोस्टमार्डम के लिए उसकी लाश पोस्टमार्डम हाउस में गयी है। वहाँ जाकर सिनाख्त कर लो। इसके बाद हम लोग पोस्टमार्डम हाउस गये देखा तो कमल ही था पोस्ट मार्डम करके लाश हम लोगो को 5 अगस्त को दिया और पुलिस ने लाश को जबरजस्ती अपने सामने अंतिम संस्कार करवाया । पोस्टमार्डम हाउस में कई पार्टी नेता मौजुद रहे है। इन लोगो का कहना है कि पुलिस वालो ने कमल को चार दिन भूखा प्यासा रखा पुलिस पीटती रही जब वह मर गया तब पुलिस चौकी अहिरवां में उसे फासी लगा कर टांग दिया और यह प्रचारित करने लगे कि कमल फासी लगा ली।
पीड़ित (3) नाम – राजवीर जो किशन लाल के चाचा है
बयान-
मै राजवीर किशन के चाचा हूँ (शिव कटरा) में रहते है 2 अगस्त को सबसे पहले मै चौकी कृष्णा नगर पहुँचा तो पुलिस लोगो से पुछा कमल का नाम लेते ही पुलिस वालो ने भद्दी- भद्दी जाति सूचक गालिया देते हुए कहा मुल्जिम की पैरोकारी करने आ गये हो भाग जाओ जल्दी भागो हम वहाँ से चले आये देख भी नही पाये ।
सरकारी अधिकारियो की भूमिका-
बयान-
(1) छोटा दरोगा यादव ने कहा हम सक्षम नही है आप लोगो को बताने के लिए थाने दार अभी नियुक्त नही किए गये है आप लोग किसी बड़े अधिकारी सम्पर्क करें।
(2) दरोगा मिश्रा जी ने बताया कि मै किदवई नगर थाने का थानेदार हूँ यहाँ पर मै सिर्फ कानून ब्यवस्था के लिए यहां बैठा हूँ । अन्दर क्या हो रहा है इससे हमारा कोई मतलब नही है साथ में अपने थाने की जिम्मेदारियां भी निभा रहा हूँ । केश के संदर्भ में कुछ नही पता फिर इधर उधर की कहानिया बताने लगा।
(3) सी. ओ डा0 ख्याती गर्ग जो इस केस की जांच अधिकारी है उनसे मिलने कोटा गये। पता चला कि वह एस. एस. पी , डी. आई.जी की मिटिंग में है उनके पीए से मिले एफ. आई. आर की काँपी मांगी गयी एक प्रति दिया जब यह पूछा गया कि पुलिस कस्टडी में कमल की मौत हुई है 5 – 6 अगस्त को यहां पुलिस वालो के साथ कुछ गुण्डे भी थे उन्होने कहा यह आफ द रिकार्ड बात है । उन पुलिस वालो की पहचान कर ली गयी है जल्द ही कार्यवाही होगी।
(4) अज्ञात अभियुक्त पक्ष –
क्र. | नाम | पिता का नाम | पेशा | पता |
सिपाही जनार्दन प्रताप सिंह |
| सरकारी नौकरी | स्पेशल टीम थाना चकेरी, कानपुर नगर, चकेरी, कानपुर शहर उ. प्र (अज्ञात)
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2 | 5 -6 अन्य लोग साथी नाम पता अज्ञात |
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3 | विश्राम चमार |
| मुखबीर | ,, |
4 | कमल कुरील |
| ,, | ,, |
पी0 यू0 सी0 एल और अनुसूचित जाति अनुसूचित जन जाति आयोग जैसे संगठनो के दबाव से एफ. आई. आर दिनांक 04 – 8 – 2016 दर्ज किया धारा 147, 323,506,302 S C / ST एक्ट 3(2)5 पुलिस चौकी के सभी दरोगा व पुलिस कर्मचारियो को सस्पेन्ट कर दिया गया है ।
बर्तमान स्थिति-
इस मामले में पुलिस बिल्कुल चुप है और किसी भी तरह की सूचना नही दे रही है। अभी किसीकी गिरप्तार नही हुई।
सूबे बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के पिपरा कोठी थाना अंतर्गत बथना गाँव में आज भी दलितों पर प्रताड़ना कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है. दबंगों की मानसिकता मनुवादी प्रवृति का ही है l वे दलितों को हेय दृष्टि से ही देखते है l बथना गाँव में 20 घर राजपूत ,20 घर यादव,06 घर कुर्मी ,05 घर तेली ,05 घर मुस्लिम एवं 16 घर चमार है l राजपूत जाति के लोग काफी दबंग ,सुखी संपन्न एवं रसूखवाले लोग है जबकि पीडिता गरीब एवं लाचार महिला है मजदूरी का बकाया पैसा माँगने दिनांक 04.10.2016 को सुबह 9 बजे पीडिता आरोपी अवधेश सिंह के दरवाजे पर गयी और अपना बकाया मजदूरी का पैसा मांगने लगी जो आरोपी को नागवार लगा और उसने पीडिता को रंडी भोसड़ी चमइन कहकर गन्दी गन्दी गालियाँ देने लगा जब पीडिता ने इसका बिरोध किया तो अवधेश सिंह पिता रामउग्र सिंह तथा जयप्रकाश सिंह पिता स्व० मदन सिंह अपने हाथ में लिये मुंगडी से पीडिता को पीटने लगे पिटाई के क्रम में पीडिता बेपर्द भी हो गयी तबतक पीडिता के पति पुत्र एवं अन्य लोग के पहुचने पर पीडिता की जान बची पीडिता ने इसकी लीखित शिकायत पिपरा कोठी थाना को दी परन्तु आरोपी की ऊँची पहुच होने के कारण दारोगा प्राथमिकी दर्ज नहीं कर बोला की हम जाँच कर लेंगे तब प्राथमिकी दर्ज करेंगे परन्तु आज तक न जाँच किया न प्राथमिकी दर्ज किया .इसके बाद पीडिता ने अपनी लिखित शिकयत अनु जाति /जनजाति थाना मोतिहारी को दिनांक 06.10.16 को दिया l दिनांक: 14.10.2016 को एससी/एसटी थाना मोतिहारी में प्राथमिकी दर्ज की गई l