Total records:1348

Kidnapping and Gang rape with dalit girl in Dausa

    Case details is not available
  • Posted by: Centre for Dalit Rights
  • Fact finding date: 03-02-2020
  • Date of Case Upload: 31-08-2021

Rape and Murder with dalit women in Bhartpur

    Case details is not available
  • Posted by: Centre for Dalit Rights
  • Fact finding date: 23-10-2020
  • Date of Case Upload: 31-08-2021

Gang rape of dalit girl

    Case details is not available
  • Posted by: Centre for Dalit Rights
  • Fact finding date: 05-07-2021
  • Date of Case Upload: 30-08-2021

Deadly attack on Dalit woman

    Case details is not available
  • Posted by: Centre for Dalit Rights
  • Fact finding date: 03-02-2021
  • Date of Case Upload: 30-08-2021

A 15years old Dalit Student(girl) Gang rape by Dominant people

                                          15 वर्षीय दलित छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार 


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    मानवता को शर्मशार करने वाली उक्त घटना सूबे बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के चकिया थाना क्षेत्र के शेखी चकिया गांव के अनुसूचित जाति सदस्य विनोद राम की 15 वर्षीया पुत्री जो वर्ग 10 में पद्धति है के साथ घटित हुई . कहते है कि  दिनांक 17.08.2021 की रात्रि करीब 11 .00  बजे ग्रामीण  मो० अरसद ,पिता - मो० आसुद्दीन तथा उनके समन्धि मो० अरसद ,पिता - मो० रइश ,ग्राम - छोटका खजुरिया ,थाना कोटवा , जिला पूर्वी चंपारण दोनों पूर्व योजना के अनुसार , विनोद के दरवाजे पर गए और उसकी पुत्री सुनीता कुमारी  को जबरन उठाकर व् मुँह दबाकर बगल की बास्वारी में ले गए उरत उसके स्था बारी बारी से दुष्कर्म की  घटना को अंजाम दिया . उक्त संदर्भ में चकिया थाना में दिनांक : 19 . 08 .2021 को कांड संख्या  232 / 21 U/S 376 (3) / 34 ipc & 6 POCSO act के तहत उक्त आपराधियो के विरुद्ध  परथ्मिकी दर्ज की गैयी है . बताते हैं कि पुलिस आपराधियो के मेंल में आ गए हैं . इसलिए पुलिस आरोपियों की बचाव में मामले साक्ष्य को ख़त्म करने की कोशिश की जा रही थी . कारन यही है की पुलिस द्वारा घटना के दो दिनों बाद परथ्मिकी दर्ज की गई और तीन दिनों बाद जानबूझ कर मेडिकल कराया गया . पीडिता को किसी पारकर की आर्थिक सहायता पर्दान नहीं की गई है .  मालूम हो की उक्त गँवा में करीब 3000 मुस्लिम जाति के लोग रहतें है जबकि अनुसूचित जातियों की संख्यां मात्र तीन घर है . मुसलिम विरादरी के सामने अनुसूचित जाति का उस गांव में कोई वजूद नहीं है . उक्त गांव में रहकर पीड़ित आपराधियो को सजा दिलाने में सफल हो पाएंगे यह कहना काफी मुश्किल है . पुलिस द्वारा अब तक एक भी आपर्धि को गिरफतार नहीं कर सकी है . 


     


     

  • Posted by: NDMJ-Bihar
  • Fact finding date: 20-08-2021
  • Date of Case Upload: 29-08-2021

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1) FIR 
2) Case brief 
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