
SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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वर्ष 1965 में मृतक डूंगरा राम मेघवाल के पिताजी सकताराम मेघवाल दलित व भूमिहीन होने के कारण से ग्राम बटकोरिया के गांव की सीमा में स्थिति भूमि खसरा नंबर 85/1 में से 22 बीघा भूमि आवंटित हुई थी लेकिन पीड़ित कास्तकर के पिताजी अशिक्षित होने के कारण उनको यह भी पता नहीं था की कितनी भूमि आवंटित हुई है। मृतक के पिता ने 1965 से लगातार कब्जा कास्ट करते आ रहे थे। उक्त भूमि के पास में ही खसरा नंबर 85 शिवाय चक (ओरण) की भूमि है । उक्त भूमि पर आरोपी भगसिंह बाबूसिंह, महेंद्र सिंह सभी जाति राजपूत, अर्जुन राम, बाबूराम देवासी सभी निवासी गांव भटकरिया ग्राम पंचायत जॉइनत्रा ने बाहुबल व ऊचि राजनीतिक पहुंच के कारण से खसरा नंबर 85 पर कब्जा कर रखा है तथा उसके पास में ही पीड़ितों की आवंटित भूमि है उस उस पर भी अतिक्रमण कर रखा है। वर्ष 2015-16 में पीड़ितों ने उक्त भूमि का सीमा ज्ञान करवाने के लिए दस्तावेज लेकर तहसीलदार व उपखंड अधिकारी से मिले तो उन्होंने दस्तावेज देख कर 22 बीघा आवंटित होने के बारे में जानकारी दी जब भूमि का सीमा ज्ञान करवाया गया तो पता चला कि पीड़ितों के पास में मौके पर पूरी 22 बीघा भूमि नहीं है। पीड़ितों के आवंटित भूमि पर आरोपियों ने कब्जा कर रखा है उस समय पटवारी ने आरोपियों से अतिक्रमण हटाकर कब्जा दिलवा दिया था। तभी से पीड़ित परिवार से रंजिश रख रहे थे तथा सबक सिखाने के लिए अवसर की तलाश में थे । इसलिए अवसर देखकर जब मृतक डूंगरा राम कृष्णा राम बंसी लाल मेघवाल तीनो भाई खेत पर काम कर रहे थे उसी समय आरोपियों ने सुनियोजित षड्यंत्र कर पीड़ितों पर प्राणघातक हमला कर दिया जिससे कि डुंगरा राम की खेत पर ही मौत हो गई।