SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
Type ATM < your message > Send to 9773904050
पता – मकान नं. ई – 18 के डी ए कालोनी रामपुरम श्यामनगर थाना चकेरी कानपुर नगर
घटना का शीर्षक - दलित किशोर की पुलिस हिरासत में मौत
तथ्य खोजने का आधार - 5 – 8 - 2016 नवभारत टाईमस अमर उजाला
तथ्य खोजी दल - 1. रामकुमार
2. आशीष अवस्थी
तथ्य अन्वेषण का दिनाक - 7- 8 - 2016
घटना की तिथि - 4 – 8 – 2016 को उसकी मौत हो गयी
घटना स्थल - ( थाना से दूरी और दिशा) पश्चिम, 2.5 कि.
घटना की पृष्ठभूमि एवं साराश –
कानपुर विकास प्राधिकरण कालोनी के H I G में एक पत्रकार के घर चोरी हो गयी, पुलिस ने 2-8- 2016 को दो दलित युवक कमल और निर्मल को उठा ले गयी परिवार की शिकायत है कि चकेरी थाना क्षेत्र के कुछ पुलिस वाले एक प्राईवेट बोलोरो गाड़ी में आकर लड़को को उठा ले गयी थी परिवार वोलो को युवको को बारे में कोई सूचना नही दी गयी परिवार वाले 4 अगस्त को एस एस पी से मुलाकात की बच्चो को पुलिस द्वारा उठा ले जाने कि शिकायत की । 2 अगस्त की रात को कमल ने दो बार फोन नं. 8417391837 से घर वालो को फोन किया और बताया कि पुलिस वाले मुझे बहुत मार रहे है और बिजली का करेन्ट दे रहे है। मुझे मार डालेगें। 4 -8 – 2016 को पुलिस वाले पीड़ित के घर आये और एक फोटो दिखाकर कहा कि पुलिस को एक लास थाने के पास मिला है। इसकी पहचान कर लो घर वाले पोस्ट मार्डम हाउस में गये तो देखा वह कमल ही है। 5 – 8 – 2016 को मृतक कमल की लाश को परिवार वालो को दे दिया गया और पुलिस ने अपनी देखरेख में अंतिम संस्कार किया। मृतक कमल के मौत के बाद पुलिस वालो ने उसके भाई निर्मल को छोड़ दिया । घर वालो की शिकायत है कि पुलिस वाले 2009- 10 में मृतक कमल को पकड़ ले गयी थी और मुखबीर बनने का दबाव दिया था । उसके मना करने पर पुलिस को खुन्दक थी । इस क्षेत्र में यह पुलिस के काम करने का तरिका है। पुलिस अक्सर दलित बच्चो को चोरी के इलजाम में पकड़ ले जाती है और फिर उनसे मुखबीरी करवाती है ।
शहर की सामाजिक, आथर्कि और राजनैतिक पृष्ठभूमि ।
उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर चकेरी कानपुर शहर क्षेत्र कानपुर विकास प्रधिकरण की निन्न मध्य वर्ग कालोनी है यहाँ सभी जातियो के लोग रहते है यह परिवार एक घर में किराये पर रहता है। अधिकतर दलित पिछड़ी, और सामान्य जाति के लोग भी रहते है।
यह परिवार दिहाड़ी मजदूरी और प्राईवेट नौकरी कर अपने घर का गुजर बसर करता है ।
दस्तावेज की सूची नाम व दिनांक सहित –
प्रथम सूचना आवेद 2 -8 -2016
अखबार की पेपर कटिंग 5 – 8 – 2016
एफ आई आर की नकल 4 – 8 – 201
पीडित गवाह व अभियुक्त व अधिकारियो के बयान का विवरण –
पीडित पक्ष –
क्र0 | नाम | उम्र | लिंग | पिता या पति का नाम | जाति | ब्यवसाय | पता |
1 | किशन लाल |
| पु0 | स्व0 पन्ना लाल | बाल्मीकि | मजदुरी | मकान नं. ई 18 केडीए कालोनी, रामपुर श्यामनगर, थाना चकेरी कानपुर नगर |
2 | मीना देबी |
| म0 | किशन लाल | बाल्मीकि | मजदुरी | मकान नं. ई 18 केडीए कालोनी, रामपुर श्यामनगर, थाना चकेरी कानपुर नगर |
पीड़ित (1) नाम - किशन लाल S / 0 स्व0 पन्ना लाल
बयान-
कानपुर विकास प्राधिकरण कालोनी में H. I. G कालोनी भी है वही एक पत्रकार के घर में चोरी हुई थी उसी के सक में उठाकर ले गये थे।
मै किशन लाल पुत्र स्व0 पन्ना लाल जाति बाल्मीकि मकान नं. ई – 18 केडीए कालोनी श्याम नगर , थाना चकेरी, कानपुर नगर का निवासी हूँ मेरे 5 बच्चे है जिसमें मृतक कमल भाई बहनो से बड़ा था उसकी उम्र 26 वर्ष की थी । मेरा बेटा 2 अगस्त रात 8.30 बजे मेरा लड़का निर्मल खाना बनाते समय गैस खत्म हो गयी थी। घर के थोड़ी दूरी पर अन्धा मोड़ पर एक गैस की दुकान से सिलेन्डर लेकर गैस भरवाने गया था वही 8 –10 लोगो ने घेर लिया एक ने ब्लोरो में जबरजस्ती खीच कर बैठा लिया और सीधे कृष्ण नगर पुलिस चौकी ले गया। अन्धा मोड़ से एक लड़का आया बोला तुम्हारे बेटे निर्मल को पुलिस पकड़ कर ले गयी। उसके बाद कमल अन्धा मोड़ पर पता लगाने के लिए पहुँचा वहाँ पर कमल कुरील- विश्राम कुरील दोनो फतेपुर विदसी के निवासी है, पुलिस मुखबिर है वहाँ मौजुद थे इसके बाद सफेद ब्लोरो में 8 - 10 लोग आये और कमल को भी जबरीयन गाड़ी में बैठाया ले कर चले गये। इन दोनो से तो मेरी कोई दुश्मी नही थी पहले हम सब एक ही मुहल्ले में रहते थे । करीब 20 -25 साल पहले झगड़ा हुआ था जिसमें थाना पुलिस हुआ था। उसके बाद हम वहाँ से श्यान नगर आ गये। कमल को 2009 10 में एक बार कमल को पुलिस पकड़ कर ले गयी थी तब से लगातार दबाव डाल रही थी कि हमारे मुखबिर बन जाओ तो हम तुम्हे छोड़ देगे कमल के मना करने पर उसे जेल भेज दिया था। मेरे भाई राज बीर उसी रात थाने गया उसको पुलिस वाले जाति सूचक माँ बहन की भद्दी भद्दी गाली देकर कहा कि अपराधियों का सिफारिस करने आये हो भाग जाओ भंगी साले नही तो तुम्हे भी अन्दर कर देगें कहते हुए भगा दिया।
पीड़ित (2) नाम मीना देवी पत्नी किशन लाल (मृतक की मां)
बयान-
घटना के दुसरे दिन मेरा बेटा मुझे फोन किया और रो रो कर कहने लगा कि अम्मा मुझे बचा लो हमको बहुत मार रहे है करेन्ट लगा रहे है, पानी में भीगा - भीगा कर मार रहे है मुझे मार डालेगें बचा लो और कहा इस पर फोन मत करना हम लोग थाने पहुँचे थाने वाले से पुछा कहा है कमल मेरा बेटा थाने वाले डाट कर कहा कि यहा नही है। हम लोग 4 अगस्त 2016 को एस. एस. पी के यहाँ गये मुलाकात नही हो पाई अप्लीकेशन दिया कुछ सुनवाई नही हुयी। 2 अगस्त को पुलिस हमारे लड़के कमल को उठा कर ले गयी है अब तक पता नही वह कहा है। उसके बाद घर पहुँचे तो पुलिस वाले आये उन्होने एक फोटो दिखाया कि इस लड़के को पहचानते हो हमने कहा कि यह हमारा बेटा है उन्होने कहा कि पोस्टमार्डम के लिए उसकी लाश पोस्टमार्डम हाउस में गयी है। वहाँ जाकर सिनाख्त कर लो। इसके बाद हम लोग पोस्टमार्डम हाउस गये देखा तो कमल ही था पोस्ट मार्डम करके लाश हम लोगो को 5 अगस्त को दिया और पुलिस ने लाश को जबरजस्ती अपने सामने अंतिम संस्कार करवाया । पोस्टमार्डम हाउस में कई पार्टी नेता मौजुद रहे है। इन लोगो का कहना है कि पुलिस वालो ने कमल को चार दिन भूखा प्यासा रखा पुलिस पीटती रही जब वह मर गया तब पुलिस चौकी अहिरवां में उसे फासी लगा कर टांग दिया और यह प्रचारित करने लगे कि कमल फासी लगा ली।
पीड़ित (3) नाम – राजवीर जो किशन लाल के चाचा है
बयान-
मै राजवीर किशन के चाचा हूँ (शिव कटरा) में रहते है 2 अगस्त को सबसे पहले मै चौकी कृष्णा नगर पहुँचा तो पुलिस लोगो से पुछा कमल का नाम लेते ही पुलिस वालो ने भद्दी- भद्दी जाति सूचक गालिया देते हुए कहा मुल्जिम की पैरोकारी करने आ गये हो भाग जाओ जल्दी भागो हम वहाँ से चले आये देख भी नही पाये ।
सरकारी अधिकारियो की भूमिका-
बयान-
(1) छोटा दरोगा यादव ने कहा हम सक्षम नही है आप लोगो को बताने के लिए थाने दार अभी नियुक्त नही किए गये है आप लोग किसी बड़े अधिकारी सम्पर्क करें।
(2) दरोगा मिश्रा जी ने बताया कि मै किदवई नगर थाने का थानेदार हूँ यहाँ पर मै सिर्फ कानून ब्यवस्था के लिए यहां बैठा हूँ । अन्दर क्या हो रहा है इससे हमारा कोई मतलब नही है साथ में अपने थाने की जिम्मेदारियां भी निभा रहा हूँ । केश के संदर्भ में कुछ नही पता फिर इधर उधर की कहानिया बताने लगा।
(3) सी. ओ डा0 ख्याती गर्ग जो इस केस की जांच अधिकारी है उनसे मिलने कोटा गये। पता चला कि वह एस. एस. पी , डी. आई.जी की मिटिंग में है उनके पीए से मिले एफ. आई. आर की काँपी मांगी गयी एक प्रति दिया जब यह पूछा गया कि पुलिस कस्टडी में कमल की मौत हुई है 5 – 6 अगस्त को यहां पुलिस वालो के साथ कुछ गुण्डे भी थे उन्होने कहा यह आफ द रिकार्ड बात है । उन पुलिस वालो की पहचान कर ली गयी है जल्द ही कार्यवाही होगी।
(4) अज्ञात अभियुक्त पक्ष –
क्र. | नाम | पिता का नाम | पेशा | पता |
सिपाही जनार्दन प्रताप सिंह |
| सरकारी नौकरी | स्पेशल टीम थाना चकेरी, कानपुर नगर, चकेरी, कानपुर शहर उ. प्र (अज्ञात)
| |
2 | 5 -6 अन्य लोग साथी नाम पता अज्ञात |
|
| ,, |
3 | विश्राम चमार |
| मुखबीर | ,, |
4 | कमल कुरील |
| ,, | ,, |
पी0 यू0 सी0 एल और अनुसूचित जाति अनुसूचित जन जाति आयोग जैसे संगठनो के दबाव से एफ. आई. आर दिनांक 04 – 8 – 2016 दर्ज किया धारा 147, 323,506,302 S C / ST एक्ट 3(2)5 पुलिस चौकी के सभी दरोगा व पुलिस कर्मचारियो को सस्पेन्ट कर दिया गया है ।
बर्तमान स्थिति-
इस मामले में पुलिस बिल्कुल चुप है और किसी भी तरह की सूचना नही दे रही है। अभी किसीकी गिरप्तार नही हुई।
सूबे बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के पिपरा कोठी थाना अंतर्गत बथना गाँव में आज भी दलितों पर प्रताड़ना कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है. दबंगों की मानसिकता मनुवादी प्रवृति का ही है l वे दलितों को हेय दृष्टि से ही देखते है l बथना गाँव में 20 घर राजपूत ,20 घर यादव,06 घर कुर्मी ,05 घर तेली ,05 घर मुस्लिम एवं 16 घर चमार है l राजपूत जाति के लोग काफी दबंग ,सुखी संपन्न एवं रसूखवाले लोग है जबकि पीडिता गरीब एवं लाचार महिला है मजदूरी का बकाया पैसा माँगने दिनांक 04.10.2016 को सुबह 9 बजे पीडिता आरोपी अवधेश सिंह के दरवाजे पर गयी और अपना बकाया मजदूरी का पैसा मांगने लगी जो आरोपी को नागवार लगा और उसने पीडिता को रंडी भोसड़ी चमइन कहकर गन्दी गन्दी गालियाँ देने लगा जब पीडिता ने इसका बिरोध किया तो अवधेश सिंह पिता रामउग्र सिंह तथा जयप्रकाश सिंह पिता स्व० मदन सिंह अपने हाथ में लिये मुंगडी से पीडिता को पीटने लगे पिटाई के क्रम में पीडिता बेपर्द भी हो गयी तबतक पीडिता के पति पुत्र एवं अन्य लोग के पहुचने पर पीडिता की जान बची पीडिता ने इसकी लीखित शिकायत पिपरा कोठी थाना को दी परन्तु आरोपी की ऊँची पहुच होने के कारण दारोगा प्राथमिकी दर्ज नहीं कर बोला की हम जाँच कर लेंगे तब प्राथमिकी दर्ज करेंगे परन्तु आज तक न जाँच किया न प्राथमिकी दर्ज किया .इसके बाद पीडिता ने अपनी लिखित शिकयत अनु जाति /जनजाति थाना मोतिहारी को दिनांक 06.10.16 को दिया l दिनांक: 14.10.2016 को एससी/एसटी थाना मोतिहारी में प्राथमिकी दर्ज की गई l
Attack on Dalit family by Non Dalits by pouring Petrol during midnight at 01:00 AM in Chauri Chaura, Gorakhpur, Uttar Pradesh.
यह घटना जिला सोलन व तहसील सोलन के गांव मनलोग की है. यह गांव सोलन से 12 कि०मि० की दुरी पर बड़ी ही पहाडियों के बीच सिथत है. इस गांव में दलित बस्ती तक जाने के लिए 1 कि०मी० तक कोई पक्की सड़क नहीं है यहाँ तक जाने के लिए सोलन से दिन में 2 बस ही जाती हैं वो भी सुबह शाम को ही जाती है. इस गांव में पांचवी कक्षा तक स्कुल है. इस गाव में पानी के लिए लोग ज्यादातर कुदरती तरीको पर निर्भर है. इस गांव में कोल्ली(हरिजन) जाति के 25 घर, डॉम जाति के 1 घर, राजपूत जाति के 30 घर व् चमार जाति का 1 घर हैं.
इस गांव में दलित बस्ती में से अमर सिंह सपुत्र स्व: श्री सेवक राम रहता है. जो की 49 वर्ष का है और कोल्ली जाति से सम्बंधित है. दो महीने पहले राजपूत जाति में से सोबा ठाकुर की मुत्यु हुई उन्होंने दलित बस्ती से 150 मीटर दुरी पर ही नई जगह पर शमशान घाट बनाकर राजपूतों ने उसका अतिम संस्कार कर दिया जब दलित परिवारों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने कहा की हम तो यहाँ पर ही अपने मुर्दे जलायंगे जबकि पहले ही मनलोग जंगल में एक श्मशान घाट बना हुआ है. इससे पहले सभी चार कि०मी० दूर मनलोग नदी किनारे जाया करते थे पर नया शमशान बनने के बाद राजपूतों ने वहा पर आना मना कर दिया की यहाँ पर दलित अपने मुर्दे जलाते है वहा पर हम नहीं जलाएंगे. राजपूतों के नया शमशान घाट बनाने पर अमर सिंह व उसके साथियों ने राजपूतों के नये शमशान घाट बनाने के विरोध अपनी पंचायत तोप की बेड में शिकायत दर्ज करवाई पर पंचायत ने कोई भी कदम नहीं उठाया. यहाँ पर राजपूतों ने नया शमशान घाट बनाया है उस रास्ते से दलित बस्ती के बच्चे स्कुल जाते है व दियोठी गांव में जाने के लिए शार्टकट रास्ता भी इधर से ही है. स्कुल जाते समय बच्चे भी डरते है व अमर सिंह की पशुशाला भी बिलकुल साथ में ही है. 26 सितम्बर 2016 को राजपूत जाति में से जीत राम की मौत हो गई जब राजपूत लकड़ी काटनें के की लिए जंगल में आये तो अमर सिंह ने मना किया की हमने पंचायत में अर्जी दे रखी है अगले महीने की 3 तारीख को उसकी सुनवाई है इसलिए आप जीत राम का संस्कार पुराने शमशान घाट पर ही करना. 26 सितम्बर 2016 को ही शाम 6:30 पर राजपूत जीत राम को संस्कार के लिए नये शमशान घाट पर ही ले आये जब अमर सिंह को पता चला तो व अपने साथ गुलाब देइ, उतम सिंह, सलोचना देवी, सोम दत्त को साथ लेकर कर मौके पर पहुंचा वहाँ पर राजपुत जाति में से संजय सपुत्र ओमप्रकाश व खेम सिंह सपुत्र हरी सिंह ठाकुर ने अमर सिंह व उसके साथियों को गालिया निकालनी शुरू कर दी और कहने लग हम ठाकुरों का तुम कोल्ली कुछ नहीं विगाड सकते. हम तो जीत राम को यहीं जालायंगे इन दोनों ने अमर सिंह को धक्का मारकर संस्कार की लकड़ियों पर गिरा दिया जिस कारण उसे काफी चोट लगा गई. अमर सिंह ने मौके पर अपनी पंचायत की प्रधान मधु ठाकुर को फोन किया पर उसने कोई भी उत्तर नहीं दिया. फिर अमर सिंह ने मौके पर पुलिस को बुला कर मामला दर्ज करवाया पर राजपूतों ने जीत राम का संस्कार वही पर किया.