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दलित परिवार का रास्ता बंद कर मारपीट व जाति सूचक गाली गलोच at Poliyan Beet

                                यह घटना जिला ऊना की तहसील हरोली के गांव पोलियाँ बीत की है यह गांव जिला मुख्यालय से 26 कि०मी० की दुरी पर है राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. पोलियाँ बीत गांव में बाल्मीकि जाति के 12 घर, राजपूत जाति के 125, ब्राहमण जाति के 40, चमार जाति के 85, सुरैहड़े जाति के 1, ज़ीर जाति के 2 घर हैं. इस गांव में दलित समाज से वीना कुमारी पत्नी श्री प्रदीप कुमार रहती है, जिसकी उम्र करीब 64 वर्ष की है. बीना कुमारी आँगन वाडी स्कुल से सेवानिर्वित है. बीना कुमारी का पति हिमाचल प्रदेश परिवहन की बस चलाता है. बीना कुमारी के दो बच्चे है एक लड़का और लड़की दोनों शादी शुदा है पर बीना की लड़की का तलाक हो चुका है और वह बीना कुमारी के साथ ही काफी लम्बे समय से घर में ही रह रही है.


               दिनाक 3.04.24 शाम को 5.30 बजे बीना कुमारी अपने लड़का और लड़की के साथ अपने खेत में काम कर रहें थे। बीना का बेटा अपने खेत में लगे बबूल के एक पेड की शाखाऐं काट रहा था जिस पर साथ लगते घर से हुस्न सिंह स्पुत्र कृष्ण सिंह जाति राजपूत  ने आकर गाली गलोच करना शुरू कर दिया और बोलने लग गया ये पेड़ किस के कहने पे काट रहा है तू और बीना कुमारी को गालियाँ देने लग गया और कहने लगा की तुम चुहडे लोगो ने क्या कर लिया (क्योंकि कुछ समय पहले ही हुसन लाल ने बीना कुमारी के घर का रास्ता बंद कर दिया था जिस कारण ही रास्ते की खातिर बीना कुमारी ने एक खेत खरीद करा है. हुसन लाल ने बीना कुमारी को गालियाँ निकालते हुए कहा की आपको यहां से निकाल कर रहेगें हुसन लाल की पत्नी शुभलता ओर बेटा राकेश बीना और उसके परिवार पर पत्थर फेंकन लगे हुसन लाल बीना और उसकी बेटी प्रियंका को कहने लगा कुतिये तुझे और तुम्हारी बेटी को हुशियारपुर में बेच देंगे उसी समय प्रिसं अटवाल बीना के जेठ का लड़का आकर हुसन लाल की साईड से गालियां देने लगा और कहने लगा कि मेरे पास पिस्तोल है मैने रखी है मैं तुम लोगों को गोलियां मार दूंगा क्योंकि इसके पास पंजाब के लडके आते हैं जिनके पास यह सामान होता है जिस समय हुस्न लाल ओर उसकी पत्नी ओर माता ने बीना और उसके परिवार को चुहडे बोला तब सब लोग अपने घरों की छतों पर खड़े थे। उसके बाद हुसन लाल ने अपने आप प्रधान को फोन करके बुलाया कि ये लोग Stay वाली जगह पर पेड काट रहे थे प्रिसं अटवाल बोलने लगा प्रधान जी मेरी जेब से पिस्तौल निकालकर दिखाओ हुसन लाल व् उसके परिवार द्वारा किये गये गलत व्यवहार से बीना कुमारी व् उसके परिवार को मानसिक प्रताडना हुई है तथा इनके द्वारा कहे गये जाति वाचक शब्दों ने अन्य लोगों के सामने चुहडे कहा तब बीना के परिवार की इज्जत पर बहुत क्षति पंहुची है। पुलिस द्वारा 3 अप्रैल को ही बड़ी मुश्किल से बीना और उसकी बेटी के कहने पर मामला दर्ज किया पर अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही अम्ल में ना लाइ गई है. और दोषियों की तरफ से रोज़ाना पीड़ित परिवार को भद्दे कमेन्ट किये जा रहे है.  


     

  • Posted by: NDMJ - Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 05-04-2024
  • Date of Case Upload: 12-04-2024

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घर आ रहे दलित युवक के साथ मारपीट व जाति सूचक गाली गलोच at Chartgarh

                                यह घटना जिला ऊना की तहसील बस्तेहडा के गांव चढ़तगढ़ की है यह गांव जिला मुख्यालय से 12 कि०मी० की दुरी पर है राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. इस गांव में दलित समाज से दीपक थिंड स्पुत्र निर्मल दास रहता है दीपक के पिता जी पुलिस विभाग से SHO रीटाइरड है. दीपक थिंड एक लोता अपने पापा का बेटा है इसकी मम्मी बिमारी के चलते करीब 3 वर्ष पहले स्वर्ग सिधार गई है दीपक थिंड की एक बहन है जो शादी शुदा है घर में अब दीपक थिंड व् उसके पिता जी ही रहते है. दिनांक 10/02/024 को दीपक और उसका दोस्त गुरचरन सिंह अपने दोस्त की शादी के कार्ड देने गांव मजारा गये थे करीब 2 बजे रात जब वह अपनी गाडी NO. PB 74 0345 में घर वापिस अपने गांव जा रहा था तो अपने गांव के साथ लगते खानपुर पंहुता तो एक अन्य गाडी में में परमिंदर उर्फ़ पिंटू मान स्पुत्र बख्तावर सिंह जाति जट व गुरजीत सिंह स्पुत्र स्पुत्र जरनैल सिंह जाति जट दोनी निवासी गांव उदयपुर डा० चढ़तगढ़ जिला ऊना ने दीपक का रास्ता रोका और गुरजीत सिंह ने दीपक को गल्ले से पकड़ लिया और बोला की तू साले स्वां नदी में रेत वाली ज़मीन पर क्या करने गया था (क्योंकि ये दोनों अवैध खनन का काम करते है और दीपक की ज़मीन भी सवां नदी पर ही है) गुरजीत ने दीपक को गाली निकालते हुए कहा की “तू साले स्वां नदी में रेत वाली ज़मीन पर अपनी माँ मरवाने गया था साला कुत्ता चमार” इतने में उसके साथ HP72 0382 सफेद रंग की सकूटी दो ओर साथी आ गए दीपक ने गुरजीत को कहा गाली मत निकाल और उंगली निचे करके बात कर फिर गुरजीत ने कहा की अब हम चमारों से डर कर रहे क्या. इतने में उन्होंने दीपक के साथ मारपीट शुरू कर दी और पत्थर बाजी शुरु कर दी जिस कारण दीपक की गाडी का काफी नुक्सान हुआ है  इसी दोरान खानपुर गांव में माइनिग अबैध खनन को लेकर पुलिस ने नाका लगाया हुआ था जिस पर पुलिस ने दीपक को गुरजीत व् उसके साथियों के चुंगल से छुड्वाया. बाद में दीपक ने मेहतपुर थाना में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई.   

  • Posted by: NDMJ - Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 14-02-2024
  • Date of Case Upload: 30-03-2024

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दलित परिवार के घर का जबरन रास्ता बंद व जातिय प्रताड़ना Village Nangra

                    यह घटना जिला ऊना की तहसील बस्तेहडा के गांव नंगडा फतेपुर की है यह गांव जिला मुख्यालय से 09 कि०मी० की दुरी पर है राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. घटना सिथित इस गांव में चमार जाति के 45 घर, राजपूत जाति के 10 घर, तरखान जाति के 20 घर, ब्राहमण जाति के 60 घर, बाती OBC जाति के 400 घर, खत्री जाति के 7 घर व लोहार जाति के 7  घर. ज़ीर जाति के 5 घर, डाम 10 घर है. इस गांव में चमार जाति में से संतोष कुमारी पत्नी राजिंदर कुमार रहती है. उसकी उम्र करीब 43 वर्ष की है. वह गांव नंगडा उप तहसील बस्तेहडा जिला ऊना की स्थाई निवासी है. उसके दो बेटे है और एक बेटी है जो की शादी शुदा है. वह एक ग्रहणी के रूप में घर पर रहती है उसका पति फिलौर पंजाब में क्रिमिका विस्कुट फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता है,


    संतोष कुमारी जिस अपने मकान में रह रही है वह ज़मीन उसके ससुर ने खरीद करी है और इस ज़मीन के लिए करीब एक मीटर रास्ता भी खरीद करा है इस ज़मीन का कुल रकबा 5 मरले का है. संतोष कुमारी के घर के साथ ही कंबल कुमार सपुत्र हरचरन सिंह जाति राजपूत की ज़मीन लगती है जो कि संतोष कुमारी की ज़मीन से नीचले स्तर पर है. इस बार हुई बरसात के कारण संतोष कुमारी के घर तक आने वाला रास्ता पूरी तरह से खराब हो गया और टूट गया है. इसी रास्ते से ही पाइप द्वारा संतोष के घर का बेस्ट पानी भी बाहर जाना बंद हो गया. जब उसने  पिछले महीने की 12 तारीख को रास्ते की मुरम्मत का काम शुरू किया तो कंबल कुमार सपुत्र हरचरन सिंह जाति राजपूत अपने हाथ में डंडा लेकर आया और काम पर लगे मिस्त्री और मजदूरों को मना कर दिया की यहाँ काम मत करो जब संतोष और उसके पति ने इसका विरोध किया तो कंबल सपुत्र हरचरन सिंह जाति राजपूत बोला चुप हो जा बकवास कर रही है “साले चमार जात कहाँ हमारे सर पर आकर बैठ गए हैं”


               कंबल कुमार की जो ज़मीन है उसने उसको लोहे के एंगल के साथ कांटे दार तार लगा कर रखा हुआ है संतोष कुमारी अपने रास्ते की मुरम्मत उसके लोहे के एंगल को छुए बिना करवा रही थी जो की उसने नहीं करने दिया संतोष कुमारी ने पंचायत द्वारा भी यह बात रखी की हम सिर्फ और सिर्फ अपने खरीद किये हुए रास्ते को ही सवार रहे है वो भी बिना कंबल कुमार के एंगल को छुए पर फिर भी वह संतोष के घर के रास्ते की मुरम्मत नहीं करने दे रहा है. इस घटना बावत संतोष कुमारी ने दिनाक 6/11/23 को एक शिकायत पत्र जिला ऊना में जिला उपायुक्त महोदय (DC) को दिया था और उन्होंने वो पत्र पुलिस अधीक्षक जी को भेज देने बारे कहा था जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही ना हुई है जब इस पत्र बारे मेहतपुर थाना में पता किया गया तो थाना प्रभारी ने कहा की यह ज़मीनी मामला है इसमें पुलिस कुछ नहीं कर सकती और मौके पर नहीं जा सकती है जबकि दोषी कंबल कुमार के खिलाफ अभद्र भाषा व् जाति सूचक टिप्पणी करने बारे कानूनी कार्यवाही अम्ल में लाइ जाए बारे भी शिकायत पत्र में लिख गया है  रास्ता खराब होने कारण संतोष कुमारी व् उसके परिवार का घर आना जाना बहुत ही मुश्किल हुआ पडा है.


     

  • Posted by: NDMJ - Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 02-01-2024
  • Date of Case Upload: 30-03-2024

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दलित महीला के साथ मारपीट व जाति सूचक गाली गलोच at Daleri

                    यह घटना जिला ऊना की तहसील बंगाणा के गांव दलेडी ब्राह्मणा की है यह गांव ऊना मुख्यालय से 35 कि०मी० की दुरी पर है. राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 75 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. इसी गांव में दलित चमार जाति में से निशा देवी पत्नी सतपाल कुमार रहती है सतपाल कुमार खत्री जाति से सम्बन्ध रखता है, इन दोनों ने घर वालो की सहमती से विवाह करवाया है. इन दोनों की शादी साल 2008 को हुई है. इन दोनों की अंतरजातीय शादी को लेकर दोनों के परिवार वाले सहमत हैं. निशा का एक बेटा और एक बेटी है निशा का पति मजदूरी का काम करता है.


                 दिनाक 25-12-23 को करीव 6 वजे का समय था उस समय निशा देवी अपने घर पर मौजूद थी। जब वह अपने घर को चूल्हे के लिए लकडीया (बालन) लेकर आ रही थी तो रास्ते निशा को रमेश चंद पुत्र मनशा राम जो की रिश्ते में उसका सगा जेठ लगता है ने उसके साथ गाली गलोच करी और उसको वेइजत करने की कोशिश करी जिस पर निशा ने  शोर किया तो वहां पर रमेश चन्द के भाई की पत्नी सुषमा देवी, व कुलदीप कुमार पुत्र वलदेव सिंह, सोनिया पत्नी कुलदीप कुमार भी वहां पर आ गये तथा उसे कहने लगे कि इस चमारी को जान से खत्म कर दो तथा सव ने सलाह मशवरा होकर नीशा को जाति सूचक शब्दो का प्रयोग करके अपमानित किया जब यह सब जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित कर रहे थे उस समय साथ लगती जमीन पर प्रेम दास, भगत राग व काश्मीरी देवी अपने खेतो में कुछ काम कर रहे थे उन्होंने यह बारदात देखी है. लेकिन बाद में निशा देवी ने सोनिया व उसके पति कुलदीप कुमार को FIR से कोर्ट के माध्यम से हटवा दिया और दोषियों में सिर्फ रमेश चन्द और सुषमा को ही रखा है क्योंकि निशा देवी का बाद में कहना था कि सोनिया और कुलदीप देर बाद घटना पर आये है. 

  • Posted by: NDMJ - Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 29-12-2023
  • Date of Case Upload: 30-03-2024

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मलकियत तकसीम शुदा भूमि से जबरन पेड़ काटना और अवैद कब्जा करना at Dharamshal Mahnta

                                यह घटना जिला ऊना की तहसील अम्ब उप तहसील भरवाई के गांव गांव व डा० धर्मशाल महंता, तहसील अम्ब ऊना, हि०प्र० 177110 की है यह गांव जिला मुख्यालय से 60 कि०मी० की दुरी पर है राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. इस गांव में चमार जाति के करीब 100 घर, ब्राहमण 60 घर, राजपूत जाति के 100 घर तरखान जाति के करीब 6 घर हैं इस गांव दलित समाज से बलवंत सिंह स्पुत्र श्री रुलिया राम रहता है जो की एक समाज सेवी है. बलवंत सिंह ने 2018 में अपने गांव व डा०  धर्मशाल महंता, तहसील अम्ब ऊना, हि०प्र०) 177110 में 37 कनाल भूमि खरीद करी जो की आधी खेती वाडी हेतु उपजाऊ है व् आधी जंगल के रूप में है. बलबंत सिंह ने यह ज़मीन सन 2020-21 में अपने एक लोते बेटे पवनजीत सिंह के नाम कर दी है और मुख्तेयारे आम ज़मीन का हक़ अपने पास रखा है. इस ज़मीन की खरीद फरोख्त करने बाद ज़मीन बेचने वाले ने ज़मीन की पूरा बना जात बता दी और उसके बाद बलवंत सिंह ने ज़मीन को दस्तावेज अनुसार पूरा करते हुए  कांटे दार तार लगवा दी. इसके कुछ समय बाद ही साल 2018 में गांव के रहने वाले पुष्पा देवी पत्नी स्व: रूप चन्द जाति ब्राहमण उसके दो स्पुत्र राज कुमार व् उपिन्दर ने ज़मीन से काटें दार तार उखाड़ी और घर को ले गए. उसके बाद जनवरी 2019 में पुष्पा देवी पत्नी स्व: रूप चन्द जाति ब्राहमण उसके दो स्पुत्र राज कुमार व् उपिन्दर ने बलवंत सिंह की ज़मीन में सेबांस (बाम्बू) के पेड़ के झुण्ड को लेवर लगवाकर व साथ खुद मिलकर काट लिया जिस बारे बलवंत सिंह को कुछ दिन बाद पता चला क्योंकि बलवंत सिंह का घर वहा से करीब 1 कि०मी० की दुरी पर है इस बारे बलवंत सिंह ने 10.01.19 को पुलिस में शिकायत करी जिस पर पुलिस द्वारा कोई कारवाही अम्ल ना लाइ गई. क्योंकि दोषी गण का कहना था की ज़मीन उनकी है जबकि ऐसा कुछ भी ना है.


    इसके बाद बलवंत सिंह ने अपनी ज़मीन खसरा न० 1172, 1178, 1166 की 19.11.19 व 23.07.21 को भू राजस्व विभाग के नुमाइंदो से ज़मीन की निशान देही करवाई जब 1172, 1178 करने उपरान्त 1166 खसरा न० की निशान देही करने लगे तो पुष्पा देवी आदि इस निशान देही को करने  से मना कर दिया और कहा की हम खुद निशान देही करवायंगे जोकि अब तक ना हुई है क्योंकि जिस खसरा न० 1172, 1178, को पुष्पा व उसका परिवार अपना कह रहे थे भू राजस्व विभाग के नुमाइंदो की निशान देही में  झूठे पाए गए.


     दिनाक 17.03.21 को खसरा न० 1172, 1178 में पुष्पा देवी पत्नी स्व: रूप चन्द जाति ब्राहमण उसके दो स्पुत्र राज कुमार व् उपिन्दर ने बलवंत सिंह की ज़मीन में से आठ पेड़ खैर (कत्था) के काट लिए जिसकी शिकायत बलवंत सिंह ने थाना चिंतपूर्णी में करवाई जिस पर पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज ना करते हुए सामन्य हाथा पाई की धारायों में मामला दर्ज कर दिया जो कि 341, 347, 34 IPC में दर्ज है इन आठ खैर के पेड़ों की कीमत करीब 50 हज़ार है जबकि वन विभाग के अधिकारियों ने इसका मूल्यांकन सिर्फ 17290/- बताया. इस घटना वाबत जब पुलिस रिपोर्ट को हासिल किया गया तो उसमे पाया गया की पेड़ काटने वाले ठेकेदार ने लिखवाया है की मैंने दोनों पक्षों को पैसे दे दिए है और मुझे मालुम ना है की ज़मीन किसकी है. जबकि निशान देही व् भूमि दस्तावेजों के मुताविक ज़मीन का मालिक पवनजीत सिंह बलवंत सिंह का बेटा ही है.


    अब दिनाक 23.03.24 को बलवंत सिंह ने अपनी भूमि खसरा न० 1178 पर से ठेकेदार को बाँस (बाम्बू) के पेड़ का झुण्ड काटने को बेच दिया जब ठेकेदार ने 35-40 बाँस काट लिए तो पुष्पा देवी ने आकर जबरन ठेकेदार को आकर रोक दिया और कहा की ये ज़मीन और पेड़ उसके है. जब इस वावत बलवंत सिंह करीब दोपहर 1:30 पर किसी एक व्यक्ति को साथ लेकर पुष्पा देवी के घर पर पूछने गया तो पुष्पा देवी ने बलवंत सिंह को अश्लील व् जाति सूचक गालियाँ निकालनी शुरू कर दी और कहा कि “कुत्तेया चमारा की तेरा जीणा हराम करना हुन मैं,” तुझे बताउंगी की ब्राह्मण की ज़मीन कैसे खरीद करी जाती है. इसके बाद बलवंत सिंह ने इसकी शिकायत मुख्यमत्री हेल्प लाइन न०1100 पर करी और जिस पर दो बार पुलिस द्वारा दूरभाष पर सम्पर्क किया गया पर अभी तक कोई कारवाही अम्ल में ना लाइ गई है        

  • Posted by: NDMJ - Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 25-03-2024
  • Date of Case Upload: 25-03-2024

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