SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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घटना दिनांक 13 दिसंबर 2023 की है। खेड़ली बाजार गांव की चेतना बामने कक्षा 4 में शासकीय प्राथमिक शाला खेड़ली बाजार में अध्ययन करती है। परिवार में उसकी 12 वर्षीय बड़ी बहन चांदनी बामने और पिता उमेश बामने है। एक छोटा भाई भी है जो उसकी बुआ के पास रहता है। चेतना बामने की मां का देहांत हो चुका है। पिता मजदूरी कर दोनों बच्चों का लालन पालन कर रहा है। ऐसे में दोनों बहने ही एक दूसरे का सहारा है। 13 दिसंबर 2023 को चेतना अपने स्कूल गई थी, वहां पर शिक्षिका पूर्णिमा साहू ने उसे अंग्रेजी नहीं आने पर जाती सूचक शब्दों से गाली गलौज करते हुए बेरहमी से पिटाई की। पीठ और गाल पर थप्पड़ मारे और उसके सर के बाल भी नोच डाले। शाम को जब वह घर लौटी तो अपनी बड़ी बहन चांदनी को घटना के बारे में बताया। उसके पिता के उमेश बामने के मजदूरी से लौटने पर लौटने पर दोनों बहनों ने शिक्षिका द्वारा मारपीट किये जाने की बात बताई। दूसरे दिन उमेश बेटी के साथ शिक्षिका से बात करने पहुंचा तो शिक्षिका पूर्णिमा साहू ने मारपीट किये जाने से इनकार किया। काम की तलाश में दो तीन दिन बीत जाने के बाद वह पुलिस थाना बोरदेही गया लेकिन वहां पर शिकायत दर्ज नहीं होने पर वह अपनी बेटी चेतना को लेकर बैतूल जनसुनवाई में पहुचा और शिक्षिका की शिकायत की। तब उसकी शिकायत दर्ज करने के निर्देश मिलने पर बोरदेही पुलिस थाना में शिकायत दर्ज की गई और बच्ची का मेडीकल करवाया गया।
यह घटना जिला ऊना की तहसील हरोली के गांव पोलियाँ बीत की है यह गांव जिला मुख्यालय से 26 कि०मी० की दुरी पर है राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. पोलियाँ बीत गांव में बाल्मीकि जाति के 12 घर, राजपूत जाति के 125, ब्राहमण जाति के 40, चमार जाति के 85, सुरैहड़े जाति के 1, ज़ीर जाति के 2 घर हैं. इस गांव में दलित समाज से वीना कुमारी पत्नी श्री प्रदीप कुमार रहती है, जिसकी उम्र करीब 64 वर्ष की है. बीना कुमारी आँगन वाडी स्कुल से सेवानिर्वित है. बीना कुमारी का पति हिमाचल प्रदेश परिवहन की बस चलाता है. बीना कुमारी के दो बच्चे है एक लड़का और लड़की दोनों शादी शुदा है पर बीना की लड़की का तलाक हो चुका है और वह बीना कुमारी के साथ ही काफी लम्बे समय से घर में ही रह रही है.
दिनाक 3.04.24 शाम को 5.30 बजे बीना कुमारी अपने लड़का और लड़की के साथ अपने खेत में काम कर रहें थे। बीना का बेटा अपने खेत में लगे बबूल के एक पेड की शाखाऐं काट रहा था जिस पर साथ लगते घर से हुस्न सिंह स्पुत्र कृष्ण सिंह जाति राजपूत ने आकर गाली गलोच करना शुरू कर दिया और बोलने लग गया ये पेड़ किस के कहने पे काट रहा है तू और बीना कुमारी को गालियाँ देने लग गया और कहने लगा की तुम चुहडे लोगो ने क्या कर लिया (क्योंकि कुछ समय पहले ही हुसन लाल ने बीना कुमारी के घर का रास्ता बंद कर दिया था जिस कारण ही रास्ते की खातिर बीना कुमारी ने एक खेत खरीद करा है. हुसन लाल ने बीना कुमारी को गालियाँ निकालते हुए कहा की आपको यहां से निकाल कर रहेगें हुसन लाल की पत्नी शुभलता ओर बेटा राकेश बीना और उसके परिवार पर पत्थर फेंकन लगे हुसन लाल बीना और उसकी बेटी प्रियंका को कहने लगा कुतिये तुझे और तुम्हारी बेटी को हुशियारपुर में बेच देंगे उसी समय प्रिसं अटवाल बीना के जेठ का लड़का आकर हुसन लाल की साईड से गालियां देने लगा और कहने लगा कि मेरे पास पिस्तोल है मैने रखी है मैं तुम लोगों को गोलियां मार दूंगा क्योंकि इसके पास पंजाब के लडके आते हैं जिनके पास यह सामान होता है जिस समय हुस्न लाल ओर उसकी पत्नी ओर माता ने बीना और उसके परिवार को चुहडे बोला तब सब लोग अपने घरों की छतों पर खड़े थे। उसके बाद हुसन लाल ने अपने आप प्रधान को फोन करके बुलाया कि ये लोग Stay वाली जगह पर पेड काट रहे थे प्रिसं अटवाल बोलने लगा प्रधान जी मेरी जेब से पिस्तौल निकालकर दिखाओ हुसन लाल व् उसके परिवार द्वारा किये गये गलत व्यवहार से बीना कुमारी व् उसके परिवार को मानसिक प्रताडना हुई है तथा इनके द्वारा कहे गये जाति वाचक शब्दों ने अन्य लोगों के सामने चुहडे कहा तब बीना के परिवार की इज्जत पर बहुत क्षति पंहुची है। पुलिस द्वारा 3 अप्रैल को ही बड़ी मुश्किल से बीना और उसकी बेटी के कहने पर मामला दर्ज किया पर अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही अम्ल में ना लाइ गई है. और दोषियों की तरफ से रोज़ाना पीड़ित परिवार को भद्दे कमेन्ट किये जा रहे है.
यह घटना जिला ऊना की तहसील बस्तेहडा के गांव चढ़तगढ़ की है यह गांव जिला मुख्यालय से 12 कि०मी० की दुरी पर है राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. इस गांव में दलित समाज से दीपक थिंड स्पुत्र निर्मल दास रहता है दीपक के पिता जी पुलिस विभाग से SHO रीटाइरड है. दीपक थिंड एक लोता अपने पापा का बेटा है इसकी मम्मी बिमारी के चलते करीब 3 वर्ष पहले स्वर्ग सिधार गई है दीपक थिंड की एक बहन है जो शादी शुदा है घर में अब दीपक थिंड व् उसके पिता जी ही रहते है. दिनांक 10/02/024 को दीपक और उसका दोस्त गुरचरन सिंह अपने दोस्त की शादी के कार्ड देने गांव मजारा गये थे करीब 2 बजे रात जब वह अपनी गाडी NO. PB 74 0345 में घर वापिस अपने गांव जा रहा था तो अपने गांव के साथ लगते खानपुर पंहुता तो एक अन्य गाडी में में परमिंदर उर्फ़ पिंटू मान स्पुत्र बख्तावर सिंह जाति जट व गुरजीत सिंह स्पुत्र स्पुत्र जरनैल सिंह जाति जट दोनी निवासी गांव उदयपुर डा० चढ़तगढ़ जिला ऊना ने दीपक का रास्ता रोका और गुरजीत सिंह ने दीपक को गल्ले से पकड़ लिया और बोला की तू साले स्वां नदी में रेत वाली ज़मीन पर क्या करने गया था (क्योंकि ये दोनों अवैध खनन का काम करते है और दीपक की ज़मीन भी सवां नदी पर ही है) गुरजीत ने दीपक को गाली निकालते हुए कहा की “तू साले स्वां नदी में रेत वाली ज़मीन पर अपनी माँ मरवाने गया था साला कुत्ता चमार” इतने में उसके साथ HP72 0382 सफेद रंग की सकूटी दो ओर साथी आ गए दीपक ने गुरजीत को कहा गाली मत निकाल और उंगली निचे करके बात कर फिर गुरजीत ने कहा की अब हम चमारों से डर कर रहे क्या. इतने में उन्होंने दीपक के साथ मारपीट शुरू कर दी और पत्थर बाजी शुरु कर दी जिस कारण दीपक की गाडी का काफी नुक्सान हुआ है इसी दोरान खानपुर गांव में माइनिग अबैध खनन को लेकर पुलिस ने नाका लगाया हुआ था जिस पर पुलिस ने दीपक को गुरजीत व् उसके साथियों के चुंगल से छुड्वाया. बाद में दीपक ने मेहतपुर थाना में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई.
यह घटना जिला ऊना की तहसील बस्तेहडा के गांव नंगडा फतेपुर की है यह गांव जिला मुख्यालय से 09 कि०मी० की दुरी पर है राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. घटना सिथित इस गांव में चमार जाति के 45 घर, राजपूत जाति के 10 घर, तरखान जाति के 20 घर, ब्राहमण जाति के 60 घर, बाती OBC जाति के 400 घर, खत्री जाति के 7 घर व लोहार जाति के 7 घर. ज़ीर जाति के 5 घर, डाम 10 घर है. इस गांव में चमार जाति में से संतोष कुमारी पत्नी राजिंदर कुमार रहती है. उसकी उम्र करीब 43 वर्ष की है. वह गांव नंगडा उप तहसील बस्तेहडा जिला ऊना की स्थाई निवासी है. उसके दो बेटे है और एक बेटी है जो की शादी शुदा है. वह एक ग्रहणी के रूप में घर पर रहती है उसका पति फिलौर पंजाब में क्रिमिका विस्कुट फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता है,
संतोष कुमारी जिस अपने मकान में रह रही है वह ज़मीन उसके ससुर ने खरीद करी है और इस ज़मीन के लिए करीब एक मीटर रास्ता भी खरीद करा है इस ज़मीन का कुल रकबा 5 मरले का है. संतोष कुमारी के घर के साथ ही कंबल कुमार सपुत्र हरचरन सिंह जाति राजपूत की ज़मीन लगती है जो कि संतोष कुमारी की ज़मीन से नीचले स्तर पर है. इस बार हुई बरसात के कारण संतोष कुमारी के घर तक आने वाला रास्ता पूरी तरह से खराब हो गया और टूट गया है. इसी रास्ते से ही पाइप द्वारा संतोष के घर का बेस्ट पानी भी बाहर जाना बंद हो गया. जब उसने पिछले महीने की 12 तारीख को रास्ते की मुरम्मत का काम शुरू किया तो कंबल कुमार सपुत्र हरचरन सिंह जाति राजपूत अपने हाथ में डंडा लेकर आया और काम पर लगे मिस्त्री और मजदूरों को मना कर दिया की यहाँ काम मत करो जब संतोष और उसके पति ने इसका विरोध किया तो कंबल सपुत्र हरचरन सिंह जाति राजपूत बोला चुप हो जा बकवास कर रही है “साले चमार जात कहाँ हमारे सर पर आकर बैठ गए हैं”
कंबल कुमार की जो ज़मीन है उसने उसको लोहे के एंगल के साथ कांटे दार तार लगा कर रखा हुआ है संतोष कुमारी अपने रास्ते की मुरम्मत उसके लोहे के एंगल को छुए बिना करवा रही थी जो की उसने नहीं करने दिया संतोष कुमारी ने पंचायत द्वारा भी यह बात रखी की हम सिर्फ और सिर्फ अपने खरीद किये हुए रास्ते को ही सवार रहे है वो भी बिना कंबल कुमार के एंगल को छुए पर फिर भी वह संतोष के घर के रास्ते की मुरम्मत नहीं करने दे रहा है. इस घटना बावत संतोष कुमारी ने दिनाक 6/11/23 को एक शिकायत पत्र जिला ऊना में जिला उपायुक्त महोदय (DC) को दिया था और उन्होंने वो पत्र पुलिस अधीक्षक जी को भेज देने बारे कहा था जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही ना हुई है जब इस पत्र बारे मेहतपुर थाना में पता किया गया तो थाना प्रभारी ने कहा की यह ज़मीनी मामला है इसमें पुलिस कुछ नहीं कर सकती और मौके पर नहीं जा सकती है जबकि दोषी कंबल कुमार के खिलाफ अभद्र भाषा व् जाति सूचक टिप्पणी करने बारे कानूनी कार्यवाही अम्ल में लाइ जाए बारे भी शिकायत पत्र में लिख गया है रास्ता खराब होने कारण संतोष कुमारी व् उसके परिवार का घर आना जाना बहुत ही मुश्किल हुआ पडा है.
यह घटना जिला ऊना की तहसील बंगाणा के गांव दलेडी ब्राह्मणा की है यह गांव ऊना मुख्यालय से 35 कि०मी० की दुरी पर है. राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 75 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. इसी गांव में दलित चमार जाति में से निशा देवी पत्नी सतपाल कुमार रहती है सतपाल कुमार खत्री जाति से सम्बन्ध रखता है, इन दोनों ने घर वालो की सहमती से विवाह करवाया है. इन दोनों की शादी साल 2008 को हुई है. इन दोनों की अंतरजातीय शादी को लेकर दोनों के परिवार वाले सहमत हैं. निशा का एक बेटा और एक बेटी है निशा का पति मजदूरी का काम करता है.
दिनाक 25-12-23 को करीव 6 वजे का समय था उस समय निशा देवी अपने घर पर मौजूद थी। जब वह अपने घर को चूल्हे के लिए लकडीया (बालन) लेकर आ रही थी तो रास्ते निशा को रमेश चंद पुत्र मनशा राम जो की रिश्ते में उसका सगा जेठ लगता है ने उसके साथ गाली गलोच करी और उसको वेइजत करने की कोशिश करी जिस पर निशा ने शोर किया तो वहां पर रमेश चन्द के भाई की पत्नी सुषमा देवी, व कुलदीप कुमार पुत्र वलदेव सिंह, सोनिया पत्नी कुलदीप कुमार भी वहां पर आ गये तथा उसे कहने लगे कि इस चमारी को जान से खत्म कर दो तथा सव ने सलाह मशवरा होकर नीशा को जाति सूचक शब्दो का प्रयोग करके अपमानित किया जब यह सब जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित कर रहे थे उस समय साथ लगती जमीन पर प्रेम दास, भगत राग व काश्मीरी देवी अपने खेतो में कुछ काम कर रहे थे उन्होंने यह बारदात देखी है. लेकिन बाद में निशा देवी ने सोनिया व उसके पति कुलदीप कुमार को FIR से कोर्ट के माध्यम से हटवा दिया और दोषियों में सिर्फ रमेश चन्द और सुषमा को ही रखा है क्योंकि निशा देवी का बाद में कहना था कि सोनिया और कुलदीप देर बाद घटना पर आये है.