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दलित महीला के साथ मारपीट व जाति सूचक गाली गलोच at Daleri

                    यह घटना जिला ऊना की तहसील बंगाणा के गांव दलेडी ब्राह्मणा की है यह गांव ऊना मुख्यालय से 35 कि०मी० की दुरी पर है. राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 75 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. इसी गांव में दलित चमार जाति में से निशा देवी पत्नी सतपाल कुमार रहती है सतपाल कुमार खत्री जाति से सम्बन्ध रखता है, इन दोनों ने घर वालो की सहमती से विवाह करवाया है. इन दोनों की शादी साल 2008 को हुई है. इन दोनों की अंतरजातीय शादी को लेकर दोनों के परिवार वाले सहमत हैं. निशा का एक बेटा और एक बेटी है निशा का पति मजदूरी का काम करता है.


                 दिनाक 25-12-23 को करीव 6 वजे का समय था उस समय निशा देवी अपने घर पर मौजूद थी। जब वह अपने घर को चूल्हे के लिए लकडीया (बालन) लेकर आ रही थी तो रास्ते निशा को रमेश चंद पुत्र मनशा राम जो की रिश्ते में उसका सगा जेठ लगता है ने उसके साथ गाली गलोच करी और उसको वेइजत करने की कोशिश करी जिस पर निशा ने  शोर किया तो वहां पर रमेश चन्द के भाई की पत्नी सुषमा देवी, व कुलदीप कुमार पुत्र वलदेव सिंह, सोनिया पत्नी कुलदीप कुमार भी वहां पर आ गये तथा उसे कहने लगे कि इस चमारी को जान से खत्म कर दो तथा सव ने सलाह मशवरा होकर नीशा को जाति सूचक शब्दो का प्रयोग करके अपमानित किया जब यह सब जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित कर रहे थे उस समय साथ लगती जमीन पर प्रेम दास, भगत राग व काश्मीरी देवी अपने खेतो में कुछ काम कर रहे थे उन्होंने यह बारदात देखी है. लेकिन बाद में निशा देवी ने सोनिया व उसके पति कुलदीप कुमार को FIR से कोर्ट के माध्यम से हटवा दिया और दोषियों में सिर्फ रमेश चन्द और सुषमा को ही रखा है क्योंकि निशा देवी का बाद में कहना था कि सोनिया और कुलदीप देर बाद घटना पर आये है. 

  • Posted by: NDMJ - Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 29-12-2023
  • Date of Case Upload: 30-03-2024

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मलकियत तकसीम शुदा भूमि से जबरन पेड़ काटना और अवैद कब्जा करना at Dharamshal Mahnta

                                यह घटना जिला ऊना की तहसील अम्ब उप तहसील भरवाई के गांव गांव व डा० धर्मशाल महंता, तहसील अम्ब ऊना, हि०प्र० 177110 की है यह गांव जिला मुख्यालय से 60 कि०मी० की दुरी पर है राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. इस गांव में चमार जाति के करीब 100 घर, ब्राहमण 60 घर, राजपूत जाति के 100 घर तरखान जाति के करीब 6 घर हैं इस गांव दलित समाज से बलवंत सिंह स्पुत्र श्री रुलिया राम रहता है जो की एक समाज सेवी है. बलवंत सिंह ने 2018 में अपने गांव व डा०  धर्मशाल महंता, तहसील अम्ब ऊना, हि०प्र०) 177110 में 37 कनाल भूमि खरीद करी जो की आधी खेती वाडी हेतु उपजाऊ है व् आधी जंगल के रूप में है. बलबंत सिंह ने यह ज़मीन सन 2020-21 में अपने एक लोते बेटे पवनजीत सिंह के नाम कर दी है और मुख्तेयारे आम ज़मीन का हक़ अपने पास रखा है. इस ज़मीन की खरीद फरोख्त करने बाद ज़मीन बेचने वाले ने ज़मीन की पूरा बना जात बता दी और उसके बाद बलवंत सिंह ने ज़मीन को दस्तावेज अनुसार पूरा करते हुए  कांटे दार तार लगवा दी. इसके कुछ समय बाद ही साल 2018 में गांव के रहने वाले पुष्पा देवी पत्नी स्व: रूप चन्द जाति ब्राहमण उसके दो स्पुत्र राज कुमार व् उपिन्दर ने ज़मीन से काटें दार तार उखाड़ी और घर को ले गए. उसके बाद जनवरी 2019 में पुष्पा देवी पत्नी स्व: रूप चन्द जाति ब्राहमण उसके दो स्पुत्र राज कुमार व् उपिन्दर ने बलवंत सिंह की ज़मीन में सेबांस (बाम्बू) के पेड़ के झुण्ड को लेवर लगवाकर व साथ खुद मिलकर काट लिया जिस बारे बलवंत सिंह को कुछ दिन बाद पता चला क्योंकि बलवंत सिंह का घर वहा से करीब 1 कि०मी० की दुरी पर है इस बारे बलवंत सिंह ने 10.01.19 को पुलिस में शिकायत करी जिस पर पुलिस द्वारा कोई कारवाही अम्ल ना लाइ गई. क्योंकि दोषी गण का कहना था की ज़मीन उनकी है जबकि ऐसा कुछ भी ना है.


    इसके बाद बलवंत सिंह ने अपनी ज़मीन खसरा न० 1172, 1178, 1166 की 19.11.19 व 23.07.21 को भू राजस्व विभाग के नुमाइंदो से ज़मीन की निशान देही करवाई जब 1172, 1178 करने उपरान्त 1166 खसरा न० की निशान देही करने लगे तो पुष्पा देवी आदि इस निशान देही को करने  से मना कर दिया और कहा की हम खुद निशान देही करवायंगे जोकि अब तक ना हुई है क्योंकि जिस खसरा न० 1172, 1178, को पुष्पा व उसका परिवार अपना कह रहे थे भू राजस्व विभाग के नुमाइंदो की निशान देही में  झूठे पाए गए.


     दिनाक 17.03.21 को खसरा न० 1172, 1178 में पुष्पा देवी पत्नी स्व: रूप चन्द जाति ब्राहमण उसके दो स्पुत्र राज कुमार व् उपिन्दर ने बलवंत सिंह की ज़मीन में से आठ पेड़ खैर (कत्था) के काट लिए जिसकी शिकायत बलवंत सिंह ने थाना चिंतपूर्णी में करवाई जिस पर पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज ना करते हुए सामन्य हाथा पाई की धारायों में मामला दर्ज कर दिया जो कि 341, 347, 34 IPC में दर्ज है इन आठ खैर के पेड़ों की कीमत करीब 50 हज़ार है जबकि वन विभाग के अधिकारियों ने इसका मूल्यांकन सिर्फ 17290/- बताया. इस घटना वाबत जब पुलिस रिपोर्ट को हासिल किया गया तो उसमे पाया गया की पेड़ काटने वाले ठेकेदार ने लिखवाया है की मैंने दोनों पक्षों को पैसे दे दिए है और मुझे मालुम ना है की ज़मीन किसकी है. जबकि निशान देही व् भूमि दस्तावेजों के मुताविक ज़मीन का मालिक पवनजीत सिंह बलवंत सिंह का बेटा ही है.


    अब दिनाक 23.03.24 को बलवंत सिंह ने अपनी भूमि खसरा न० 1178 पर से ठेकेदार को बाँस (बाम्बू) के पेड़ का झुण्ड काटने को बेच दिया जब ठेकेदार ने 35-40 बाँस काट लिए तो पुष्पा देवी ने आकर जबरन ठेकेदार को आकर रोक दिया और कहा की ये ज़मीन और पेड़ उसके है. जब इस वावत बलवंत सिंह करीब दोपहर 1:30 पर किसी एक व्यक्ति को साथ लेकर पुष्पा देवी के घर पर पूछने गया तो पुष्पा देवी ने बलवंत सिंह को अश्लील व् जाति सूचक गालियाँ निकालनी शुरू कर दी और कहा कि “कुत्तेया चमारा की तेरा जीणा हराम करना हुन मैं,” तुझे बताउंगी की ब्राह्मण की ज़मीन कैसे खरीद करी जाती है. इसके बाद बलवंत सिंह ने इसकी शिकायत मुख्यमत्री हेल्प लाइन न०1100 पर करी और जिस पर दो बार पुलिस द्वारा दूरभाष पर सम्पर्क किया गया पर अभी तक कोई कारवाही अम्ल में ना लाइ गई है        

  • Posted by: NDMJ - Himachal Pradesh
  • Fact finding date: 25-03-2024
  • Date of Case Upload: 25-03-2024

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The panchayat president tried to expropriate the house given by the government to the tribal Irula’s

    Case details is not available
  • Posted by: Social Awareness Society for Youths-SASY
  • Fact finding date: Not recorded
  • Date of Case Upload: 30-01-2024

A Human Rights Defender Kalidass was brutally attacked by Caste Hindus in Pondicherry

    Case details is not available
  • Posted by: Social Awareness Society for Youths-SASY
  • Fact finding date: 17-10-2023
  • Date of Case Upload: 30-01-2024

A village administrative officer sexually harassed a tribal woman who asked for her husband's death certificate

    நான் விழுப்புரம் மாவட்டம், விக்கிரவாண்டி வட்டத்தில் உள்ள நல்லாப்பாளையம் கிராமத்தில் இருளர் குடியிருப்பில் வசித்து வருகின்றேன். எங்கள் குடியிருப்பில் 20-க்கும் மேற்பட்ட குடும்பங்கள் வசிக்கின்றோம்.   பழங்குடி  இருளர்  சாதியை  சார்ந்த எனக்கு  எழுத  படிக்க  தெரியாது. 


    கடந்த 2011-ஆம் ஆண்டு  எங்கள் ஊரைச் சேர்ந்த ஐய்யனார்  என்பவருக்கும்  எனக்கும்  இரு வீட்டார் சம்மதத்துடன் திருமணம் நடைபெற்றது. எங்கள் இருவருக்கும் பிறந்த 11 வயதுடைய மகன் கமலேஷ்  உள்ளான்.  கடந்த 2014 ஆம் ஆண்டு எனது  கணவர்  ஐய்யனார்  உடல் நலம் சரியில்லாமல் இறந்து விட்டார்.


    கடந்த செப்டம்பர் மாதம் நல்லா பாளையம் கிராம நிர்வாக அதிகாரி ஆரோக்கிய பாஸ்கர்ராஜ் அவர்களை நானும் எனது மாமியார் குப்பு அவர்களும் நேரில் சந்தித்து எனது கணவர் அய்யனார் இறப்பு சான்றிதழ் வேண்டும் என்று கேட்டோம்.   அதற்கு  கிராம  நிர்வாக  அலுவலர்  உன் கணவர் இறந்து பத்து ஆண்டுகள் ஆகிவிட்டது இறப்பு சான்றிதழ் எடுப்பதற்கு கஷ்டம் உன்னுடைய செல்போன் நம்பரை என்னிடம் கொடுத்து விட்டுப் போ நான் அப்புறம் பேசுகிறேன்  என்று சொன்னார். என்  செல்  நம்பரை  கொடுத்து  விட்டு நானும்  என்  மாமியாரும்  வீட்டுக்கு வந்து விட்டோம்.


    சிறிது நேரத்தில் மேற்படி கிராம நிர்வாக அதிகாரி எனது கைபேசிக்கு தொடர்பு கொண்டு உன் கணவர் இறப்பு சான்று வாங்க வேண்டும் என்றால் ரூபாய் 5000 நீ  கொடுக்க  வேண்டும்  அப்போதுதான்  கிடைக்கும் என்று சொன்னார் என்னிடம் 5000 பணம்  இல்லை  அண்ணா  நான் ரொம்ப கஷ்டப்படுறேன் என் மாமியாரிடம் கேட்கிறேன் என்று சொன்னேன் அதற்கு மேற்படி கிராம நிர்வாக அதிகாரி உன் மாமியாருக்கோ, யாருக்கும்  தெரியக்கூடாது  தெரியாமல் நீ கொண்டு வந்து கொடு. நீ கொடுக்கும் 5000 பணம் எனக்கு மட்டும்  கிடையாது  மற்ற  அதிகாரிகளுக்கும்  நான்  கொடுக்க  வேண்டும்  யாருக்கும்  தெரியக்கூடாது  என்று  சொன்னார் அப்படி யாரிடமாவது நீ சொன்னால் உனக்கு கணவர் இறப்புச் சான்றிதழ்  கிடைக்காது என்று சொன்னார்.


    அதற்கு நான் என்னிடம் ஆயிரம் ரூபாய் இருக்கிறது அதை வேண்டுமானால் இப்பொழுது கொண்டு வந்து கொடுக்கிறேன் என்று சொன்னேன் அதற்கு மேற்படி கிராம நிர்வாக அதிகாரி நான் உன் வீட்டுக்கு வரவா என்று கேட்டார் வேண்டாம் நானே வருகிறேன் என்று சொன்னேன் முருகன் கோவில் அருகே நிற்கிறேன் வந்து கொடு என்று சொன்னார். நான் 1000 ரூபாய் கொண்டு போய் கொடுத்தேன் இரண்டு நாள் கழிந்து இறப்புச் சான்றிதழ் என்னிடம் உள்ளது மீதமுள்ள பணத்தை என்னிடம் கொடுத்து விட்டு வாங்கிச் செல் என்று சொன்னார் நான் 2000 எடுத்துச் சென்று இவ்வளவுதான் என்னிடம்  இருக்கிறது  இதற்கு  மேல்  என்னிடம்  பணம் இல்லை என்று சொன்னேன் அதை வாங்கி கொண்டு என் கணவர் இறப்புச் சான்றிதழ்  என்னிடம் கொடுத்தார் நான் வாங்கி வந்து விட்டேன்.


    மறுநாள் மேற்படி கிராம நிர்வாக அலுவலர் என் கைபேசிக்கு தொடர்பு கொண்டு விதவைகளுக்கு தமிழக அரசாங்கம் கொடுக்கும் பணத்தை நான் வாங்கி தருகிறேன் ஒதியத்தூரில் உள்ள  இ சேவை மையத்தில் உன் கணவர் இறப்புச் சான்றிதழ், ஆதார் அட்டை. குடும்ப  அட்டை  ஆகியவற்றை பதிவு செய்தால் என்னிடம் வரும் நான் உனக்கு விதவை ஊக்கத்தொகை பணம் வாங்கித் தருகிறேன் என்று சொன்னார் அதன்படி நானும் பதிவு செய்தேன்.


    இரவு நேரத்தில் அடிக்கடி மேற்படி கிராம நிர்வாக அதிகாரி கைபேசிக்கு தொடர்பு கொண்டு  உன் கணவன் தான் இல்லையே என்னுடன் அஞ்சு நிமிடம் சுகத்துக்கு வா என்று சொன்னார்  அண்ணா நான் அப்படியெல்லாம் தப்பு செய்ய மாட்டேன் உங்களை என் அண்ணனாகத் தான் நினைக்கிறேன் அதுபோல் பேசாதீர்கள் என்று சொன்னேன் மீண்டும் மீண்டும் இரவு நேரங்களில் என் கைபேசிக்கு தொடர்பு கொண்டு பாலியல் சீண்டல் செய்து வந்தார். எனது  உடன்  பிறந்த  தம்பியிடம் மேற்படி சம்பவங்களை சொன்னேன். உடனே  எனது  தம்பி  அந்த  கிராம  நிர்வாக  அதிகாரி ஆரோக்கிய பாஸ்கர்ராஜ் அவர்களின் செல்போன் நம்பரை கொடு என்று கேட்டான் நான் கொடுத்தேன் எனது தம்பி சூர்யா செல்போனில் இருந்து (9361329708) கிராம  நிர்வாக  அதிகாரி செல்போன் (7639526138) தொடர்பு கொண்டு எதற்காக எனது அக்காவை தனியாவா! தனியாவா!! என்று  எதற்காக  அழைக்கிறீர்கள்  ஆசைக்கு  இணங்க  சொல்லி  வற்புறுத்தி  வருவது நல்லதல்ல என்று சொன்னான் அதற்கு மேற்படி கிராம நிர்வாக அதிகாரி என்னடா என்னை மிரட்டி பார்க்கிறாயா? நீ  ஓதியத்தூர்ல  இருக்கமாட்ட உன்ன  ஒழிச்சி  கட்டிடுவேன்  ஜாக்கிரதையா  இரு என்று மிரட்டினார்.


    அதன் பிறகு நான் இ-சேவை மையத்தில் விதவைத் தொகை  பெறுவதற்காக பதிவு செய்தேன். சிறிது நாட்கள் கழித்து சேவை மையத்திற்கு சென்று கேட்டேன். அவர்கள் கிராம நிர்வாக  அதிகாரி உங்களுடைய மனுவை ரத்து செய்துவிட்டார் நீங்கள் உடனே கிராம நிர்வாக அதிகாரி அவர்களை போய் பாருங்கள் என்று சொன்னார். 


    பிறகு நான் ஒதியத்தூரில் உள்ள எனது அம்மா வீட்டிற்க்கு சென்று அங்கியிருந்து 19.11.2023 தேதி மாலை 4  மணிக்கு  கிராம  நிர்வாக  அதிகாரி  அவர்களுக்கு  தொடர்பு  கொண்டு  அண்ணே  இ -  சேவை  மையத்தில்  நான்  பதிவு  செய்ததை  நீங்கள்  ரத்து  செய்து  விட்டீர்களா  என்று கேட்டேன் அதற்கு கிராம நிர்வாக அதிகாரி, ‘’நான் பேசியதை எல்லாம் நீ உன் தம்பியிடம் எதற்காக சொன்னாய்.. அதற்காகத்தான்  நான்  கேன்சல்  செய்தேன்..  உன் தம்பியை வைத்து விதவை பணம் பெற்றுக் கொள்” என்று சொன்னார்.   அண்ணே…  நான்  மிகவும்  ஏழை  தின  கூலிக்கு  கஷ்டப்பட்டு  வருகிறேன்  விதனை  பணம்  கிடைப்பதற்கு  வழிவகை செய்ய வேண்டும் என்று சொன்னேன். அதற்கு  மேற்படி கிராம நிர்வாக அதிகாரி உங்கள் சாதியைப் பற்றி எனக்கு தெரியும். எல்லோரும் நான் சொன்னதைத்தான் கேட்பார்கள்  நான்  கிராம  நிர்வாக  அதிகாரி  சங்கத்தில்  முக்கிய  பொறுப்பில் இருக்கிறேன். உன்  தம்பியால்  என்னை  ஒன்னும்  செய்ய  முடியாது.    நீ  என்னுடன் 5 நிமிடம் தனியா இருந்தால் என்ன என்று கேட்டார். எனக்கு அந்த பழக்கம் இல்லை.  அப்படி தப்பு செய்து வரும் பணம் எனக்கு தேவையில்லை என்று சொல்லிவிட்டேன்.


    அதன்பிறகுதான் காவல் நிலையத்தில் புகார் கொடுத்தேன். வழக்குப் பதிவு செய்த போலீசார். ரெண்டு, மூணு நாளா அவரைக் காணோம் அப்படின்னு சொன்னாங்க. அப்புறம் பத்திரிகையெல்லாம் செய்தி வந்தபிறகுதான் கைது செய்தார்கள். சஸ்பெண்ட் செய்துள்ளார்கள்.


     


     

  • Posted by: Social Awareness Society for Youths-SASY
  • Fact finding date: Not recorded
  • Date of Case Upload: 23-01-2024


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1) Fact Finding Report 
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